अफीम की खेती के विनष्टीकरण को लेकर बैठक

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जिलाधिकारी ने संबंधित अंचलाधिकारी को अफीम की खेती की जाने वाले रैयती जमीन चिह्नित करने का निर्देश दिया*

*बाराचट्टी एवं मोहनपुर थाने के सटे चतरा जिला में भी अफीम की खेती का विनष्टीकरण हेतु समुचित कार्रवाई करने का निर्देश*

गया : गया जिले में अफीम, गांजा एवं अन्य मादक पदार्थों का अवैध उत्पादन पर रोकथाम एवं विनष्टीकरण की समीक्षा बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में की गई। बैठक में उपस्थित उप महानिदेशक मुख्यालय, नई दिल्ली श्रीमती बी0 राधिका, वरीय पुलिस अधीक्षक गया राजीव मिश्रा, नारकोटिक्स कंट्रोल पटना के क्षेत्रीय निदेशक टी एन सिंह, वन प्रमंडल पदाधिकारी, 159 वीं बटालियन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के पदाधिकारी, सशस्त्र सीमा बल के पदाधिकारी, अपर समाहर्ता विभागीय जांच, सहायक आयुक्त उत्पाद गया, अपर पुलिस अधीक्षक अभियान गया, चतरा जिला के कार्यपालक दंडाधिकारी विपिन कुमार दुबे, चतरा ज़िला के पुलिस उपाधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी शेरघाटी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी शेरघाटी, पुलिस उपाधीक्षक विशेष शाखा, जिला कृषि पदाधिकारी के प्रतिनिधि, प्रखंड विकास पदाधिकारी बाराचट्टी, अंचलाधिकारी बाराचट्टी एवं अन्य पदाधिकारी गण उपस्थित थे । सर्वप्रथम जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने उप महानिदेशक मुख्यालय नई दिल्ली श्रीमती बी0 राधिका को पुष्पगुच्छ देकर उनका हार्दिक स्वागत किया। इसके उपरांत वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने भी पुष्पगुच्छ देकर उनका हार्दिक स्वागत किया। बैठक में वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा ने उपस्थित अनुमंडल पदाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी को निर्देश दिया कि ट्रेडिशनल तरीके से अफीम की खेती को बर्बाद किया जाए। अफीम की खेती जहां होते पाए गए उसे त्वरित नष्ट करें। उन्होंने बताया कि एक्शन प्लान के तहत बहुत से मामलों पर कार्रवाई किया जा चुका है। अफीम की खेती से संबंधित विनष्टीकरण की कार्रवाई पर चर्चा के दौरान कहा गया कि बाराचट्टी एवं मोहनपुर थाना के पंचायतों में पड़ने वाले अफीम की खेती अनुमानित 400 एकड़ का विनष्टीकरण शत-प्रतिशत किया जाए। अफीम खेती के स्थलों को पूर्ण रूप से चिन्हित करें की कितना भाग वन विभाग का है एवं कितना रैयती है। और इससे संलिप्त लोगों की पहचान कर उनके विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज कराया जाए। साथ ही स्थानीय एवं पंचायत स्तर पर मुखिया, सरपंच एवं जीविका द्वारा लिखित जानकारी ले की उनके पड़ने वाले क्षेत्र में अफीम की खेती है या नहीं एवं खेती में प्रयुक्त होने वाले खाद्य दुकान, पंप सेट, ट्रैक्टर इन सभी चीजों पर फॉरेस्ट विभाग एवं पुलिस पदाधिकारी विशेष चौकसी बरतें। खेती करने के पहले इन सब चीजों की विशेष जरूरत पड़ती है। जिलाधिकारी ने संबंधित अंचलाधिकारी को अफीम की खेती की जाने वाले रैयती जमीन चिह्नित करने का निर्देश दिया। और उस रैयती भूमि को कृषि विभाग को सौंपने का निर्देश दिया ताकि उस भूमि पर कृषि किया जा सके। मलवाचट्टी से बाराचट्टी के बीच नारकोटिक्स द्वारा बताया गया कि खुले हुए ढाबों में ट्रक या छोटी वाहने खड़ी रहती है उससे जो अफीम गांजा धोया जाता है उस पर नजर रखने का निदेश पुलिस पदाधिकारी को दिया गया साथ ही एन डी पी एक्ट के अंतर्गत पकड़े गए गांजा एवं अन्य मादक पदार्थों को कोर्ट से सत्यापन के पश्चात प्री ट्रायल जब्त एनडीपीएस पदार्थ का विनष्टीकरण आदेश प्राप्त कर यथाशीघ्र विनस्टीकारण कराया जाए। जिलाधिकारी अभिषेक सिंह द्वारा बताया गया कि जिले के संबंधित विनष्टीकरण टीम को निर्देश दिया गया की अफीम की खेती का विनष्टीकरण 31 मार्च के पूर्व सुनिश्चित करा लिया जाए और जितने भूमि क्षेत्र में अफीम की खेती की गई है उसका शत प्रतिशत विनष्टीकरण हो और खेती करने वाले के संबंधित व्यक्तियों की पहचान कर उनके विरुद्ध लीगल एक्शन ली जाए। वरीय पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 207 एकड़ अफीम की खेती का विनष्टीकरण किया जा चुका है। बाराचट्टी एवं मोहनपुर थाने के सटे चतरा जिला में भी अफीम की खेती का विनष्टीकरण हेतु समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।

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