आकांक्षी जिला एवं जल शक्ति
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आकांक्षी जिला एवं जल शक्ति अभियान पर गहन समीक्षा करते सचिव तथा डीएम |
गया : आकांक्षी जिला गया के प्रभारी सचिव सह अपर सचिव, कृषि विभाग, भारत सरकार बी प्रधान की अध्यक्षता में आकांक्षी जिला एवं जल शक्ति अभियान के लिए की जा रही तैयारी से संबंधित बैठक की गई। बैठक में जिला पदाधिकारी गया अभिषेक सिंह ने बताया कि नल जल योजना के तहत नलों से लगातार पानी गिरता रहता है जिसके संरक्षण के लिए सोकपिट बनवाया जा रहा है। साथ ही नल जल योजना में बहते हुए पानी के लिए नालियां बनवाई गई हैं जिसके जल को ग्रे वाटर कहते हैं इसके लिए भी शौकपिट बनवाने की योजना है। इमामगंज, डुमरिया और मानपुर प्रखंड, जहां जलस्तर सबसे नीचे है, के सभी नालियां में सोकपिट बनाया जाएगा। इसके अलावा सभी अभियंत्रण विभाग द्वारा भी जल संरक्षण की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि नगर निकाय क्षेत्र में घर के साथ जल संरक्षण के लिए भी प्रावधान करना है ऐसा बिहार बिल्डिंग बायलॉज कहता है। उन्होंने कहा कि 2 जुलाई 2019 से 31 जुलाई 2019 तक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। जिसमें अनेक कार्यक्रम बनाए गए हैं। इनमें वाद विवाद प्रतियोगिता, निबंध लेखन प्रतियोगिता, पेंटिंग प्रतियोगिता, जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक, चेंबर ऑफ कॉमर्स एवं सिविल सोसायटी के साथ बैठक, पैदल मार्च, साइकिल मार्च, मशाल जुलूस, वृक्ष में राखी बांधो कार्यक्रम, पौधों में पानी डालो कार्यक्रम के साथ-साथ विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसके साथ ही जीविका दीदियों द्वारा घर-घर दस्तक देकर जल संरक्षण एवं वृक्षारोपण के लिए जागरूक किया जाएगा। सभी सरकारी विभाग द्वारा अपने भवन परिसर में, रिवर साइड, सड़कों के किनारे, खासकर शहर से बाहर जाने वाले सभी सड़कों के किनारे वृक्षारोपण कराया जाएगा। जिला पदाधिकारी ने कहा कि यदि कोई 500 से ज्यादा पौधा लगाता है तो उसको पुरस्कृत किया जाएगा। साथ ही जल संरक्षण के लिए अपने घर में अच्छी व्यवस्था करने वाले को पुरस्कृत किया जाएगा। कूल 20 लाख पौधारोपण करने एवं विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा 4 लाख पौधारोपण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
आकांक्षी जिला एवं जल शक्ति अभियान की बैठक में शामिल सचिव, डीएम व अन्य
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बैठक में प्रधान सचिव ने बताया कि आज के संदर्भ में जल संरक्षण कितना महत्वपूर्ण हो गया है यह इस बात से पता चलता है कि चेन्नई में पानी नहीं मिल रहा है। मराठवाड़ा, बुंदेलखंड के कई इलाकों से लोग पानी नहीं मिलने के कारण दूसरी जगह शिफ्ट कर रहे हैं। अगर ऐसा हो रहा है तो इसके लिए हम जिम्मेवार हैं। इससे रोकने के लिए सभी नागरिकों को स्वेक्षा से इस अभियान से जुड़ना होगा। वृक्षारोपण करना होगा, जल संरक्षण के लिए काम करना होगा। उन्होंने शिक्षा विभाग को प्रत्येक विद्यार्थी से 2-2 पौधा लगवाने का सुझाव दिया। फल्गु नदी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि 50 साल पहले फल्गु में पानी था, आज फल्गु में पानी नहीं है तो इसके लिए हम ही जिम्मेवार हैं। इसका उपाय जल संरक्षण और पौधारोपण ही है। उन्होंने कहा कि अपनी भावी पीढ़ी को सुरक्षित रखने के लिए वृक्षारोपण और जल संरक्षण अति आवश्यक हो गया है और इसका कोई विकल्प नहीं है। बैठक में उप विकास आयुक्त किशोरी चौधरी, नगर पुलिस अधीक्षक, निदेशक जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, सिविल सर्जन गया, उप निदेशक जनसंपर्क सहित तमाम पदाधिकारी उपस्थित थे।