आर्बिट्रेशन न्यायालय के अनुसार रैयतों को अंतर राशि का भुगतान

रैयतों  को अंतर राशि का होगा भुगतान
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आर्बिट्रेशन न्यायालय के अनुसार रैयतों
को अंतर राशि का होगा भुगतान
गया : जिला भू अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि एन एच 82 (गया- हिसुआ- राजगीर- नालंदा- बिहार शरीफ पथ) फोरलेन निर्माण में रैयतों द्वारा दर को लेकर कार्य में अवरोध पैदा करने के फलस्वरुप जिला पदाधिकारी गया द्वारा मौजा पुनावां के संबंधित हितबद्ध रैयतों द्वारा प्राधिकृत पांच व्यक्ति के साथ ग्राम पुनावां स्थित बिस्कोमान भवन में बैठक की गई। बैठक में डी.जी.एम, एनएच 82 श्री मुकेश कुमार, जिला भू -अर्जन पदाधिकारी गया, अनुमंडल पदाधिकारी सह भूमि सुधार उप समाहर्ता, गया एवं अंचल अधिकारी, वजीरगंज उपस्थित थे। बैठक में रैयतों की समस्या को गंभीरता से सुना गया। रैयतों द्वारा सामूहिक रूप से अधिग्रहित की जा रही भूमि का मुआवजा आवासीय दर पर मांग की गई है। जिला पदाधिकारी द्वारा इस संबंध में विस्तार से भूमि अधिग्रहण का हवाला देते हुए कहा गया कि भूमि अधिग्रहण नियमावली के अनुसार पुनामा बाईपास में अधिग्रहित की जा रही भूमि का किस्म धनहर/भीठ है इसीलिए धनहर और भीठ किस्म पर ही मुआवजा दर निर्धारित किया गया है। अन्य जगहों में समरूप भूमि का धनहर/भीठ की दर से ही रैयतों को मुआवजा राशि का भुगतान हुआ है। ग्रामीणों को यह सुझाव दिया गया कि सभी हितबद्ध रैयत जिनके द्वारा अबतक मुआवजा प्राप्त नहीं किया गया हैं, आपत्ति के साथ अपना मुआवजा प्राप्त करें एवं कार्य में अवरोध पैदा नहीं करें। कार्यालय द्वारा हितबद्ध रैयतों को मुआवजा प्राप्त करने हेतु अंतिम नोटिस दी जा चुकी है। हितबद्ध रैयतों को यह भी सुझाव दिया गया कि अपनी समस्या के समाधान हेतु नियमानुसार आर्बिट्रेशन न्यायालय में वाद ला सकते हैं। आर्बिट्रेशन न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुपालन में संबंधित रैयतो को अंतर राशि का भुगतान किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि जिन भूमियों को प्रस्तावित पुनावाँ बाईपास के लिए अधिग्रहीत की जा रही है, उन जमीनों में दूर-दूर तक कोई भी घर या संरचना उपलब्ध नहीं है। साथ ही इन जमीनों का प्रयोग केवल कृषि कार्य हेतु किया जाता रहा है। जिसकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी भी कराई गई है। वार्ता के दौरान प्रतिनिधियों ने भूमि के कैटेगरी में परिवर्तन के लिए मांगे गए साक्ष्य /दस्तावेज उपलब्ध कराने में असफल रहें। भूमि का अवार्ड में भूमि के मूल्य की गणना उसके बाजार मूल्य से 4 गुना किया गया है। यह भी गौरतलब है कि संबंधित रैयतों द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में वाद दायर किया गया था परंतु वहां से भी उन्हें कोई रिलीफ नहीं मिली। जिला प्रशासन द्वारा उन्हें नियम एवं कानून का अनुसरण करते हुए तदनुसार कार्य करने को कहा गया। यह भी उल्लेख करना आवश्यक है कि उन्हीं जमीनों के अगल बगल के जमीनों के लिए समीप के ग्रामीणों द्वारा उसी दर पर भूमि का मुआवजा प्राप्त किया जा चुका है तथा वे अगली कार्रवाई के लिए आर्बिट्रेशन में वाद दायर किए हैं। लेकिन निर्माण कार्य में किसी प्रकार का कोई व्यवधान उनके द्वारा उत्पन्न नहीं किया। उनकी अधिग्रहित जमीनों पर कार्य जारी है। सड़क का निर्माण जनहित से जुड़ा मामला है। इसके निर्माण में यदि अवरोध उत्पन्न किया जाता है तो अवरोध उत्पन्न करने वालों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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