महापुरूष कर्मवीर जार्ज का राजनैतिक कर्मभूमि भी रहा बिहार
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बिहार की मिट्टी से सांसद पद को किये थे गौरवान्वित
मुख़्यमंत्री नीतीश कुमार तथा सांसद अरुण कुमार उनके खास आत्मीय
महापुरूष जॉर्ज फ़र्नान्डिस भारतीय दिग्गज राजनेता थे। वे श्रमिक संगठन के भूतपूर्व नेता के साथ हीं साथ साहसिक निडर निर्भीक पत्रकार भी थे। वे राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य भी रहे। इतना हीं नहीं वे समता मंच की स्थापना की।
उनका महान व्यक्तित्व ऐसा, वे भारत के केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में रक्षा मंत्री, संचार मंत्री, उद्योग मंत्री, रेलमंत्री जैसे पदों को सुशोभित किये। ज्ञात हो जॉर्ज फर्नांडीस का जन्म 3 जून 1930 को मैंगलोर के मैंग्लोरिन- कैथोलिक परिवार में हुआ था। पूर्व रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडीस का निधन, अल्जाइमर बीमारी पीड़ित होने के कारण हो गया। पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडीस का निधन से देश शोकाकुल हो उठा। वे दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती थे।
88 साल की उम्र में अंतिम साँस ले हम सब के बीच से चल बसे। लंबे समय से बीमार चल रहे महामना कर्मवीर जार्ज 29 जनवरी 2019 की सुबह करीब सात बजे दुनिया को अलविदा कह गए। ज़ाहिर हो अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वे रक्षामंत्री रहे।
उन्होंने भारत के बेहतरीन राजनीतिक नेतृत्व का प्रतिनिधित्व किये। कर्मयोगी जार्ज का जीवन सादगी से ओतप्रोत रहा। सादा जीवन और ऊँच विचार का धनी व्यक्ति थे। जार्ज, निडर, ईमानदार तथा दूरदर्शी नेता व पत्रकार थे। देश के उत्थान में उनका अहम योगदान रहा, जो चिरस्मरणीय है हीं प्रेरणाप्रद भी। पत्रकार- नेता रहे जार्ज गरीबों और अंतिम पायदान पर रहे लोगों के लिए आवाज उठाते रहे। ऐसे व्यक्तित्व वाले धनी नेता बहुत हीं बिरले होता। वे कितनों का भाग्यविधाता रहे। उनकी छत्र- छाया में कई नेता राजनीतिक शिखर पर पहुँचे। ऐसा पथ प्रदर्शक नेता थे।
उनका वह विशेष गुण पूजनीय है हीं, वंदनीय भी। इसी वजह से प्रखर समाजवादी नेता के रूप में मशहूर थे। जीवट जार्ज फर्नांडीस ने समता पार्टी के संस्थापक थे। वे महान श्रमिक नेता के साथ हीं साथ एनडीए के संयोजक भी थे। वे सरल स्वाभावी, मिलन सार व्यक्तित्व के पुरोधा थे। जार्ज की पहचान भारत के दिग्गज नेताओं की कड़ी में होती थी। वह मज़बूत कड़ी 88 वर्ष की आयु में टूट गया, और वे जटिल बीमारी की चपेट में आने से दिवंगत हो स्वर्गलोक चले गए। देश के बेदाग़ बादशाह, सच्चे कर्मठ ईमानदार सपूत जार्ज अचानक अलविदा कह चल दिये। उनकी मौत की ख़बर सुन कर देश अवाक रह गया। जाहिर हो जॉर्ज फर्नांडीस का बिहार से विशेष नाता रहा। वे बिहार के मुजफ्फरपुर से सांसद रह चुके थे। महामना जार्ज 1980 के लोकसभा चुनाव में मुजफ्फरपुर से विजय हासिल किये थे। तब उनकी बाँछे खिल उठा था। बिहार की मिट्टी उनकी ऐतिहासिक राजनैतिक छवि की यादगारों में शामिल है हीं, सफलता की गाथा भी। जो स्वर्णाक्षरों में अंकित है। विदित हो वे वीपी सिंह की सरकार में भी रेलमंत्री रहे थे। वर्ष 1998 के चुनाव में वाजपेयी सरकार सत्ता में आई थी। उस वक़्त एनडीए गठित हुआ था तब जॉर्ज फर्नांडीस एनडीए के संयोजक थे। ज्ञात हो समाजवादी राजनीतिज्ञ जॉर्ज एनडीए की सरकार में दो बार रक्षामंत्री रहे। वर्ष 2004 के लोकसभा चुनाव में एनडीए की हार के बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में वे जदयू के टिकट को छोड़कर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मुजफ्फरपुर से लड़े थे। वे हार के बाद, जीत भी हासिल किये थे। जाहिर हो जार्ज फ़र्नांडिस 1967 में उभरे, और बहुचर्चित हो राजनैतिक शिखर पर पहुँचे थे। कर्मवीर जार्ज को ‘जार्ज द जायंट किलर’ की उपाधि दी गई थी। पूरी ईमानदारी से देश की सेवा करते हुए सुर्खियों में छा गए थे। वे कई पदों को किये गौरवान्वित। जिसमें बिहार प्रदेश भी उनके राजनैतिक जीवन में सफलतापूर्वक शामिल रहा। महापुरूष कर्मवीर जार्ज का राजनैतिक कर्मभूमि भी रहा बिहार।
उनकी राजनीति को बिहार बल प्रदान करते हुए, उनके जज्बे को सलाम ! प्रणाम ! सैल्यूट किया था। महापुरूष जार्ज के जाने से भारत को अपूर्णीय क्षति हुई, ज़िसकी भरपाई संभव नहीं। ज्ञात हो मुख़्यमंत्री नीतीश कुमार तथा सांसद अरुण कुमार उनके खास आत्मीय रहे , जॉर्ज साहब का उन्हें आशीर्वाद प्राप्त हुआ और राजनैतिक शिखर का सफर तय किये। अद्भुत व्यक्तित्त्व के धनी, राजनैतिक पुरोधा जॉर्ज साहब को नमन ! भावभीनी श्रद्धांजलि
आलेख : अशोक कुमार अंज
स्क्रीनप्ले लेखक- पत्रकार
वजीरगंज, गया, बिहार
आलेख : अशोक कुमार अंज
स्क्रीनप्ले लेखक- पत्रकार
वजीरगंज, गया, बिहार