फीडबैक लें कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार: कृषिमंत्री डाॅ. प्रेम
कृषि मंत्री ने कहा, किसानों से प्रतिक्रिया लें
कृषिमंत्री डाॅ. प्रेम कुमार ने गया परिसदन में समीक्षा बैठक की। जिला कृषि पदाधिकारी, अशोक कुमार सिन्हा, आत्मा परियोजना निदेशक शिवदत्त कुमार सिन्हा, उद्यान सहायक निदेशक ओम प्रकाश मिश्रा एवं कृषि अभियंत्रण-भूमि संरक्षण सहायक निदेशक ब्रजेश कुमार के साथ समीक्षा बैठक की।
समीक्षा बैठक में कृषि मंत्री ने कहा, किसानों से प्रतिक्रिया लें |
मंत्री ने जिला कृषि पदाधिकारी, गया से जानकारी ली कि कितने कृषि समन्वयकों एवं किसान सलाहकारों ने किसानों से फसल कटनी, गरमा की बुआई, खाद, बीज, कीटनाशी एवं अन्य रसायनों तथा कृषि यंत्रों की अपलब्धता पर फीडबैक लिया है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में प्रखण्ड कृषि पदाधिकारियों को निर्देश दिया है परन्तु अभी तक किसी भी प्रखण्ड से फीडबैक प्राप्त नहीं हुआ है। यद्यपि यांत्रिकीकरण के दो डीलरों, पहला महादेश मशीनरी एवं दूसरा प्रकाश एग्रोटेक ने जानकारी दी है कि सरकार द्वारा कोविड 19 महामारी में जारी लाक डाउन से कृषि कार्य को मुक्त रखने का पत्र निर्गत करने के बाद भी, सक्षम प्राधिकार से पहचान पत्र एवं वाहन के पास निर्गत नहीं होने के कारण वे कार्य करने में असमर्थ हैं।
मंत्री ने जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वे इस प्रकार की समस्या को तुरंत जिला पदाधिकारी एवं जिला प्रशासन के संबंधित पदाधिकारियों के संज्ञान में लायें एवं समस्या का निराकरण करायें। कृषि कार्य से जुड़े प्रतिष्ठानों को आवागमन एवं सामग्री आपूर्ती सुनिश्चित करायें। जिला, प्रखण्ड एवं पंचायत स्तरीय कृषि उपादान विक्रेताओं / डीलरों को अपने प्रतिष्ठान खोलना सुनिश्चित करायें।
मंत्री ने कहा कि विगत एक दो दिनों से राज्य के कुछ एक हिस्सों से गेहूॅू की फसल को आग से नुकसान होने की सूचना मिल रही है। ऐसे में गेहूॅ की पकी हुई फसल को आग से नुकसान से बचाने के लिये आवश्यक है कि फसल की कटाई अविलंब करायी जाय। इसलिये विभाग के मुख्यालय, जिला, अनुमण्डल, प्रखण्ड एवं पंचायत स्तर तक के सभी कर्मियों को केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा निर्गत दिषा निर्देशों एवं एडवायजरी के अनुसार सामाजिक दूरी तथा सेनेटाईजेशन के नियमों का पालन करते हुये किसानों को मदद करना है। उन्होने जिला कृषि पदधिकारी को पुनः निदेश दिया कि वे प्रखण्ड कृषि पदाधिकारियों, कृषि समन्वयकों, किसान सलाहकारों को स्पष्ट निर्देश दे कि वे व्हाटसऐप के माध्यम से किसानों को सरकार के दिशा निर्देशों से अवगत करायें एवं कृषि कार्य करने में उनको किसी भी तरह की समस्या आ रही है तो उसे नोट कर वरीय पदाधिकारियों को निराकरण करने हेतु उपलब्ध करायें। उन्होने कहा प्रत्येक कर्मी प्रतिदिन कम से कम 20 किसानों से फोन पर बात करके उनकी फसल कटनी की स्थिति, गरमा फसल लगाने की स्थिति, खाद, बीज, कीटनाशी एवं अन्य रसायनों की उपलब्धता, कृषि यंत्रों की उपलब्धता की जानकारी प्राप्त कर जिला एवं राज्य मुख्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। मंत्री ने इस संबंध में कृषि सचिव, बिहार, पटना एन. श्रवण कुमार से बात कर उन्हें पत्र निर्गत करने का आदेश दिया।
– रिपोर्ट : अशोक कुमार अंज, राइटर-जर्नलिस्ट