कोरोना का मार झेलता मजदूर

लॉकडाउन में जब भुखमरी विवश किया तो खुद का किया कारोबार

बिहार सूबे के पश्चिम चंपारण के गौनाहा प्रखंड स्थित माधोपुर गांव में प्रवासी मजदूरों ने कोरोना का मार झेलते खुद का काम किया आरम्भ, भुखमरी ने जब विवश किया तो खुद का कारोबार गांव में ही किया शुरू

Advertisement

कोरोना का मार झेलता मजदूर, AnjNewsMedia, Anj Media
कोरोना का मार, सब परेशां 

कोरोना ने जब उसे सताया तो अपने हौसला के दम पर घर में ही शुरूआत किया घरेलू कारोबार। स्वावलम्बन के बल पर घर- परिवार का रोजी- रोटी का जुगाड़ किया मजदूर

स्वरोजगार के तहत कई मजदूर रोजगार धन्धा में भिड़ा हुआ है। कोरोना वायरस का मार झेलते कई प्रवासी मजदूरों ने आपसी तालमेल से शुरूआत किया है पेवर ब्लौक ईंट निर्माण करने का काम। जो भुखमरी के वक़्त का सहारा बना है। जाहिर हो इससे पूर्व इन मजदूर ने बिहार से बहार जा कर कश्मीर के श्रीनगर में पेवर बनाने का काम किया करता था

कोरोना वायरस के जानलेवा खतरे वजह से इंडिया लॉकडाउन हुआ, जिसके कारण मजदूरों की आर्थिक स्थिति बिल्कुल चरमरा गया और भुखमरी उत्पन्न हो गई। कोरोना का भयावह स्थिति को देखते हुए प्रवासी मजदूरों ने कामधंधा छोड़कर अपना प्रदेश बिहार लौट आया। वहां काम छोड़कर अपना घर लौटे मज़दूर अब खुद का कारोबार किया है, अब वह धंधा जोर पाकर लिया है। उसकी आमदनी से घर- परिवार का भरण- पोषण हो जाता है इस स्वालंबन से वे खुश हैं, और सुरक्षित भी। 

पश्चिम चंपारण के प्रवासी मजदूरों ने बताया इससे पहले श्रीनगर में काम किया करते थे। तक़रीबन, चौदह साल से वहां काम कर रहे थे। लॉकडाउन के वजह से घर आ गए हैं। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए वहां, बिहार, अपना घर सुरक्षित तरीके से पहुँच गए

बिहार लौटने के बाद यहां कोई काम नहीं मिल पाया तो खुद का धंधा शुरू किया और चल पड़ा। इस विषम परिस्थिति में अपना हुनर काम आया। जिससे परिवार का रोजी- रोटी चल रहा है और अपने काम से खुश भी हूँ

 हमलोग कई काम कर लेते हैं। जैसे पेवर ब्लॉक, गमला, बेंच निर्माण सहित बेड भी बना लेते हैं। आमदनी अगर अच्छी हुई तो धंधा को विकसित करुँगा

उसने बताया पीएम मुद्रा लोन से हालहीं में 3 लाख 80 हजार का लोन मिला है। जिससे अपना रोजगार विकसित करेंगे। अब गांव में मजदूर कर्मवीर सूरज के काम का सराहना किया जा रहा है। उसके हुनर को देख कर जिला प्रशासन सहित बिहार सरकार भी मदद के हाथ बढ़ाया है

विदित हो पेवर छोटे पत्थरों और सीमेंट से निर्मित किया जाता है। अमूमन, जिसका इस्तेमाल एयरपोर्ट, रेलवे प्लेटफॉर्म और पार्क को सुन्द्रीकृत करने में किया जाता है।जिस पर लोगों बड़े आराम से चलने- फिर लेते हैं इसके अलावे वे  मजदूर बाउंड्री वाल भी निर्माण करते हैं। वे हुनरमंद कर्मयोगी श्रमिक हैं। समाज में जिनकी अहम भूमिका है

लेखक,

अशोक कुमार अंज

वर्ल्ड रेकॉर्डी जर्नलिस्ट, गया, इंडिया 

– @AnjNewsMedia –

Leave a Comment

You cannot copy content of this page

error: Content is protected !!