आयुक्त ने की एएनएमसीएच की समीक्षा
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गया एएनएमसीएच की आयुक्त श्री पाल ने की समीक्षा |
गया : आयुक्त, मगध प्रमंडल, गया श्री पंकज कुमार पाल की अध्यक्षता में अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सभागार में समीक्षा बैठक की गई। अस्पताल अधीक्षक ने पुष्प गुच्छ देकर आयुक्त महोदय का स्वागत किया। बैठक में बताया गया कि अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल मे लगभग 57 एकड़ जमीन है। मेडिकल कालेज का सरकार द्वारा वर्ष 1976 में अधिग्रहण के फलस्वरुप कंट्रोल बोर्ड के अधीन संचालित हुआ। बैठक में बताया गया कि अनुग्रह नारायण मगध चिकित्सा विद्यालय गया में 50 छात्रों का नामांकन हो रहा था। भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद नई दिल्ली एवं सरकार के नई दिशा निर्देश के आलोक में अब 100 छात्रों का नामांकन हो रहा है। इस सत्र में 120 छात्रों का नामांकन के अनुमति प्राप्त हुई है। 150 छात्रों का नामांकन हेतु आवेदित किया जा रहा है। यह अस्पताल मगध प्रमंडल का एकमात्र मेडिकल कॉलेज अस्पताल है।
सीमावर्ती झारखंड एवं राष्ट्रीय उच्च मार्ग 2 से नजदीक होने, पितृपक्ष मेला एवं अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पर्यटन एवं बौद्ध तीर्थस्थल बोधगया होने के कारण मरीजों की संख्या अधिक रहती है। तथा समय-समय पर आपदा से निपटने हेतु अतिरिक्त शय्याओं की आवश्यकता पड़ती है। इसलिए अस्पताल की क्षमता 544 शय्या से बढ़ाने की आवश्यकता है। बैठक में बताया गया कि अस्पताल के मरीजों के लिए विभिन्न विभागों मेंमिलाकर 544 बेड हैं। प्रत्येक माह लगभग 30,000 रोगी ओपीडी में देखे जाते हैं। उन्होंने बताया कि ओपीडी में प्रात 8:00 बजे से पंजीकरण का कार्य शुरू हो जाता है। आयुक्त महोदय ने बताया कि लगातार कंप्लेन आते हैं कि अस्पताल में डॉक्टर 11:00 बजे के बाद आते हैं। उन्होंने सख्त निर्देश दिया कि इस तरह की व्यवस्था को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 8:00 बजे सुबह से ही पंजीकरण का कार्य शुरू हो जाना चाहिए। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक को निर्देश दिया कि बायोमैट्रिक अटेंडेंस ले एवं बायोमैट्रिक मशीन अस्पताल के हर विभाग में लगाएं। उसके ऊपर सीसीटीवी कैमरा भी आवश्यक रूप से लगाएं एवं इसी अनुरूप में वेतन की निकासी करें। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में सारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त रखें।
निरीक्षण करते कमिश्नर श्री पाल |
उन्होंने बैठक में दवा की उपलब्धता की जानकारी ली। पाया गया कि जो भी दवाइयां हैं, वह ब्रांड नेम की है, जेनेरिक दवाइयां उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर के अंदर में जेनरिक स्टोर 15 दिनों के अंदर चालु करवाने का निदेश दिया। उन्होंने बताया कि अस्पताल के लिए 500 नए बेडों की आवश्यकता है। अस्पताल परिसर में पानी निकासी की समस्या वृहद और भीषण रूप में आई है। इसकी चाहरदीवारी टूटी हुई है। बाहर से लोग ईनक्रोच करते हैं तोड़ देते हैं चारदीवारी को दुरुस्त करवाने का निर्देश प्राचार्य को दिया गया। कहा गया कि इसकी मरम्मति कराएं और अगर पुनः इसे कोई तोड़ता है तो उनके विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाए। हॉस्टल में बहुत सारे अनऑथराइज्ड डॉक्टर और नर्स हैं जिनका कोर्स पूरा हो चुका है लेकिन फिर भी वह लोग आवासन कर रहे हैं। उन सबो को चिन्हित कर होस्टल को खाली कराया जाएगा। उन्होंने डॉक्टर्स को फुल टाइम रहने का निर्देश दिया। जो समय निर्धारित है उस अवधि में डॉक्टर उपस्थित रहना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने डीआरसीसी के तर्ज पर मगध मेडिकल में मरीजों को देखने के लिए पर्चा के बजाय टोकन सिस्टम डिस्प्ले कराने की व्यवस्था को लागू करने का निर्देश दिया। जिससे मरीजों को ज्यादा देर तक चिकित्सा के लिए इंतजार न करना पड़े। टोकन सिस्टम से उनको अंदाजा मिल जाएगा कि उनका नंबर कितने समय बाद आएगा, और कितनी समय में डॉक्टर उसे देख सकेंगे। एम आर आई की इंस्टॉलेशन के लिए विभाग को चिट्ठी भेजा जा चुका है। बहुत जल्द ही यहां एम आर आई की सुविधा मुहैया करा दी जाएगी। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक से आरओ वाटर प्यूरीफायर के संबंध में जानकारी ली तो बताया गया कि अस्पताल परिसर में 10 आरओ वाटर प्यूरीफायर चालू है एवं चार चापाकल, जिसमें दो चापाकल में मोटर डालकर ओवरहेड टैंक के साथ 4 एवं 5 नल एक लाइन में रजिस्ट्रेशन काउंटर तथा किचन सेट में लगाया हुआ है। शेष 2 चापाकल में पानी का जलस्तर काफी नीचे चले जाने के कारण वह बंद अवस्था में है। साफ सफाई के संदर्भ में बताया गया कि नगर निगम के द्वारा लगे ट्रेक्टर से कचरा का उठाओ नहीं किया जाता है जिस पर नगर आयुक्त को निर्देश दिया गया कि प्रत्येक दिन तीन- चार राउंड में ट्रैक्टर द्वारा कचरो की सफाई कराते रहें। इसके उपरांत आयुक्त ने अनुग्रह नारायण मगध मगध मेडिकल अस्पताल का घूम घूम कर निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में उन्होंने निर्देश दिया कि जितने भी पुराने बिल्डिंग है उनकी रंगाई पुताई कराएं। बैठक में जिलाधिकारी गया श्री अभिषेक सिंह, आयुक्त के सचिव, अपर समाहर्ता श्री राजकुमार सिन्हा, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, डीसीएलआर सदर एवं अस्पताल के विभिन्न शाखाओं के डॉक्टर्स उपस्थित थे।