गया जिले की उपलब्धि
गया समाहरणालय गयास्थापना काल 3 अक्टूबर 1865 |
परिचय:- सन 1764 में बक्सर युद्ध के उपरांत गया ब्रिटिश शासकों के हाथ में चला गया था। सन 1865 तक गया बिहार एवं रामगढ़ जिले का हिस्सा था। 3 अक्टूबर 1865 ई0 को गया एक स्वतंत्र जिला बना। जिसमें तीन अनुमंडल गया, औरंगाबाद और नवादा को शामिल किया गया। सन् 1947 में गया स्वतंत्र भारत का हिस्सा बना। 1973 में औरंगाबाद और नवादा को मूल गया जिले से काट कर दो अलग-अलग जिला बनाया गया। अगस्त 1986 में गया को विघटित कर जहानाबाद जिला का गठन किया गया। अगस्त 2001 में जहानाबाद जिला को विघटित कर अरवल जिला बनाया गया। मई 1981 में राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना के माध्यम से गया, औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद और अरवल जिला को शामिल करते हुए मगध प्रमंडल बनाया गया तथा इसका मुख्यालय गया जिला को बनाया गया। गया 24018’ से 250 उत्तरी अक्षांश एवं 84019’ से 85023’ पूर्वी देशांतर पर अवस्थित है। इसका क्षेत्रफल 4976 वर्ग किलोमीटर यानी 1921 वर्ग मील है। इसके उत्तर में जहानाबाद एवं नालंदा जिला, दक्षिण में पलामू, चतरा एवं हजारीबाग जिला, पूरब में नवादा तथा पश्चिम में औरंगाबाद जिला अवस्थित है।
गया समाहरणालय गयाबिहार में पांचवें स्थान पर है गया जिला |
गया को हम तीन प्राकृतिक विभागों में बांटते हैं फल्गु का मैदानी भाग, शेरघाटी – फतेहपुर का उपरी भूमि तथा राजगीर की पहाड़ियां।
2011 के जनगणना के अनुसार गया का कुल जनसंख्या 43,91,418 है, इनमें 22,66,566 पुरुष 21,24,482 महिला शामिल हैं। जनसंख्या के दृष्टिकोण से इसका बिहार में पांचवा स्थान है। गया का जनघनत्व 883 वर्ग प्रति वर्ग किलोमीटर है, लिंगानुपात 937 महिला प्रति 1,000 पुरुष है।
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गया जिले का साक्षरता दर 63.78ः है जिनमें 73.1ः पुरुष एवं 53.34ः महिला साक्षर है। जबकि बिहार राज्य का साक्षरता दर 61.8ः पुरुष 71.2ः महिला 51.5ः है इस दृष्टिकोण से गया की स्थिति बेहतर है। यहां 30.39ः अनुसूचित जाति की जनसंख्या है। फल्गु नदी यहाँ की सबसे महत्वपूर्ण नदी है इसके अतिरिक्त मोरहर, कदाने नदी है। यहां की प्रमुख सड़कें एनएच-2, एनएच-82, एनएच-83 है। गया में चार अनुमंडल हैं। गया सदर, शेरघाटी, टिकारी और नीमचक बथानी। कुल 24 प्रखंड एवं 332 पंचायतें एवं 2,886 गांव हैं। चार नगर निकाय हैं जिनमें गया नगर निगम, नगर पंचायत बोधगया, टिकारी और शेरघाटी शामिल है। एक लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र गया (आ0जा0) तथा 10 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र शामिल है। गया का महाबोधि मंदिर को यूनेस्को वल्र्ड हेरीटेज साइट में शामिल किया जा चुका है। महाबोधि मंदिर को शिखर सोने का है। इसका निर्माण थाईलैंड सरकार द्वारा 290 किलोग्राम सोना से किया गया है।
विष्णुपद मंदिर यहां के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। जहां प्रत्येक वर्ष पितृपक्ष के दौरान देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु अपने पितरों का तर्पण करने आते हैं। इसके अतिरिक्त सालों भर यहां पितरों का तर्पण किया जाता है। देवघाट, सीता कुंड, रामशिला, प्रेतशिला,अक्षयवट, ब्रह्मयोनि, वैतरणी, कगवाली, मतांगवापि, सरस्वती, बोधगया प्रमुख वेदियां हैं,जहा पितरों का तर्पण किया जाता है। विष्णुपद मंदिर का निर्माण इंदौर की महारानी अहिल्याबाई ने सन 1887 ई0 में करवाया था। पौराणिक आख्यानों के अनुसार भगवान विष्णु का चरण चिन्ह् इस मंदिर में स्थापित है। यहाँ का मंगला गौरी मंदिर अठारह शक्तिपीठ में से एक है। बिथो शरीफ मजार, कोटेश्वर का महादेव मंदिर, मोहड़ा अवस्थित तपोवन का गर्म जलकुंड एवं दशरथ मांझी स्मारक स्थल, बेलागंज में बराबर की गुफा, सर्वाधिक ऊंचा स्थल गुरूपा, टनकुप्पा के चोवार ग्राम अवस्थित बाबा जटाशंकर महादेव मंदिर, जमा मस्जिद का चमत्कारी शिवलिंग, कुर्कीहार, यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
– विधि-व्यवस्था
जिले में विधि-व्यवस्था की स्थिति सामान्य है। इस वर्ष सरस्वती पूजा, होली, रामनवमी एवं ईद का त्योहार शांतिपूर्वक सम्पन्न हुआ।
– अवैद्य शराब निर्माण करने वालों के विरूद्ध निरंतर छापामारी अभियान चलाया जा रहा है। वर्ष 2019 में अभी कुल 35,458 लीटर अवैध शराब की बरामदगी करते हुए 923 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।
– साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालों को स्थानीय थाना स्तर पर चिन्ह्ति करते हुए 14,891 व्यक्तियों के विरूद्ध धारा-107/116 दं0प्र0सं0 के तहत कार्रवाई करते हुए 8,231 को बांड-डाउन कराया गया।
– विभिन्न पर्व-त्योहारों के अवसर पर थाना/ओ0पी0, अनुमंडल एवं जिला स्तर पर 90 स्थानों पर शांति-समिति की बैठक का आयोजन किया गया, जिससे जिले में साम्प्रदायिक सौहार्द कायम रहा और सभी पर्व-त्योहार शांतिपूर्वक सम्पन्न हुए।
– लोकसभा चुनाव-2019 गया जिले में पूरी तरह शांतिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न कराया गया।
– विश्व प्रसिद्ध बोधगया में बौद्ध महोत्सव-2019 का आयोजन दिनांक-11.01.2019 से 13.01.2019 तक किया गया। बौद्ध महोत्सव के अवसर पर काफी संख्या में देश-विदेश के बौद्ध धर्मावलम्बियों/श्रद्धालुओं एवं कलाकारों का आगमन बोधगया में हुआ। जिला प्रशासन एवं पुलिस द्वारा इनके ठहरने एवं सुरक्षा का व्यापक प्रबन्ध किया गया। फलस्वरूप बौद्ध महोत्सव पूरी तरह शंातिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुआ। इसके अतिरिक्त महापावन दलाई लामा का दिनांक-16.12.18 से दिनांक-07.01.2019 तक बोधगया प्रवास एवं कार्यक्रम के दौरान सुदृढ़ सुरक्षा व्यवस्था किया गया।
– विश्व प्रसिद्ध बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर तथा विष्णुपद् मंदिर की सुरक्षा-व्यवस्था काफी सुदृढ़ कर दी गई है। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए निर्धारित सुरक्षा आकलन के अनुसार सुरक्षा-व्यवस्था मुहैया कराई जा रही है एवं स्थानीय बोधगया थाना द्वारा दो पर्यटक वाहन से लगातार गश्तीरत रहते हुए इन सभी की सुरक्षा-व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
– गया शहरी क्षेत्र में अपराध नियंत्रण हेतु शहर को 15 सेक्टरों में बाँटा गया है। प्रत्येक सेक्टर में स्थानीय थाना के एक-एक पुलिस पदाधिकारी को प्रभारी के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है तथा सघन गश्ती हेतु 10 पेट्रोलिंग प्वाइंट बनाया गया है। नियमित रूप जुआखाना, रेलवे स्टेशन, सिनेमा हाॅल एवं सार्वजनिक स्थलों को गश्ती दल द्वारा चेक किया जाता है।
– रात्रि गश्ती के लिए स्थानीय थाना स्तर पर टीम गठित की गई है, जिसका मुख्य उदेश्य छिनतई, गृह-भेदन, चोरी आदि रोकना है।
– उपरोक्त शहरी क्षेत्रों में गश्तीदल पर निगरानी रखने हेतु प्रतिदिन एक पुलिस उपाधीक्षक/एक पुलिस निरीक्षक एवं एक थानाध्यक्ष को प्रतिनियुक्त किया गया है तथा इन्हें दायित्व सौपा गया है कि शहरी क्षेत्रों में जी॰पी॰एस॰ (कैंप ) युक्त वाहन स्पेशल पेट्रोल पार्टी तथा स्पेशल मोटरसाईकिल पार्टी के साथ-साथ थाना गश्तीदल, थाना के ओ0डी0 पदाधिकारियों के कार्याे, टी0ओ0पी0 से निकलने वाले पैदल गश्ती दल पर नियंत्रण एवं विभिन्न महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों में प्रतिनियुक्त सशस्त्र बलों की उपस्थिति एवं उनकी सतर्कता पर सत्त निगरानी रखेंगे। इस वर्ष हज यात्रा दिनांक-04.07.2019 से प्रारम्भ है। हाजियों को पटना से गया आने के दौरान ससमय सुरक्षित पहुॅचाने हेतु प्रतिनियुक्त किये गये पुलिस बल का आंकड़ा –
क्र॰ स्थल का नाम पुलिस पदाधिकारी सशस्त्र बल लाठी बल महिला सिपाही अन्य संसाधन
01 अस्थायी पुलिस शिविर (हवाई अड्डा गया) 05 (01 सा0सि0) 2-8 15 05 01 वायरलेस युक्त वाहन
02 चेक पोस्ट जहानाबाद सीमा (ग्राम पाली खनेटा, बेलागंज थाना) 03 2-8 – – 01 वायरलेस युक्त जीप
03 हाइवे पैट्रोलिंग सह स्काॅर्ट पार्टी पटना-गया सड़क मार्ग में गया जिला की सीमा(बेलागंज थाना) से गया हवाई अड्डा तक (तीन सेक्टर में) 03 3-12 – – 03 वायरलेस युक्त जीप
04 लाईजनिंग व्यवस्था 01 पु0नि0 – – – –
कुल 12
(01 सा0सि0) 7-28 15 05 05 वायरलेस युक्त जीप
– इसके अतिरिक्त गया हवाई अड्डा पर प्रत्येक दिन आवश्यक जाँच हेतु स्वान दस्ता की प्रतिनियुक्ति किया जाता है।
– गया-पटना सड़क मार्ग में पड़ने वाले थाना (यथा-बेलागंज/चाकन्द/कोतवाली/ सिविल लाईन्स/रामपुर/मगध मेडिकल) द्वारा भी हज यात्री बसों को सुरक्षात्मक ढंग से गंतव्य स्थल पर पहुॅचाने हेतु अपने-अपने कार्य क्षेत्रान्तर्गत स्काॅर्ट किया जाता है ।
– यातायात व्यवस्था हेतु रूट लाईनिंग में पड़ने वाले चैक-चैराहों आदि पर यातायात पुलिस तैनात रहती है तथा थानाध्यक्ष, नगर यातायात, गया स्वयं भ्रमणशील रह कर हज यात्री बस एवं वाहनों को निर्बाध गमनागमन सुनिश्चित कराते है ।
– इन सब सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद हज यात्रियों के बस/वाहन को जहानाबाद सीमा से गया हवाई अड्डा तक प्रत्येक दिन 01 पुलिस उपाधीक्षक एवं 01 पुलिस निरीक्षक स्वयं उपस्थित रह कर अपने-अपने सशस्त्र बल/वाहन के साथ स्काॅर्ट करते हुए सुरक्षित पहुॅचाने का कार्य करते है।
– माह जून-2019 में वाहन चेकिंगः-
माह मामले/वाहनों की संख्या कुल वसूली गयी शमन राशि
जून 9145 16,25,700=00 (सोलह लाख पच्चीस हजार सात सौ) रूपया मात्र
– त्वरित विचारण:-माह जून-2019 में
कुल त्वरित विचारण में चल रहे कांड की संख्या अभियुक्तों की संख्या सजायफ्ता व्यक्तियों की संख्या अभ्युक्ति
30 77 77
– लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2015:- बिहार सरकार द्वारा वर्ष 2015 में जनता की समस्याओं एवं शिकायतों के निष्पादन हेतु यह अधिनियम बनाया गया। समस्याओं एवं शिकायतों का निबटारा निर्धारित अवधि में करने के कारण यह अधिनियम पूरे देश के लिए अनुकरणीय बन गया है। गया जिला में इस अधिनियम के तहत कुल 44 विभागों के 480 से अधिक योजना, कार्यक्रम एवं सेवाएं अधिसूचित हैं, जिनके संबंध में परिवाद दायर कर निवारण कराया जा सकता है। लोक शिकायत निवारण कार्यालय गया को अबतक कुल 28,794 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जो बिहार में पटना जिला के बाद सर्वाधिक आवेदन प्राप्त करने वाला दूसरा जिला है। गया जिला में इस अधिनियम के अंतर्गत दायर परिवादों की संख्या प्रति लाख जनसंख्या के आधार पर 525.48 है, जो राज्य औसत 393.58 से अधिक है। अभी तक कुल 27,005 परिवादों अर्थात 93.79ः परिवादों का निवारण हो चुका है जो निवारण का राज्य औसत 89ः से अधिक है। कुल निष्पादित परिवादों में से 13,060 परिवाद को स्वीकृत किया गया है जबकि 8,101 परिवाद में वैकल्पिक सुझाव दिए गए हैं एवं 5,844 परिवाद को अस्वीकृत किया गया है।
– गया जिला में जिला स्तर पर एवं सभी अनुमंडल स्तरों पर अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय कार्यरत है। सदर अनुमंडल में अभी तक 7,249 टिकारी अनुमंडल में 6,678 नीमचक बथानी अनुमंडल में 1,342 एवं शेरघाटी अनुमंडल में 4,003 परिवाद प्राप्त हुए हैं।
– जिला स्तर पर प्रथम अपील में कुल 2,159 आवेदन तथा जिला पदाधिकारी, गया के स्तर पर द्वितीय अपील में 793 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिला पदाधिकारी, गया सह द्वितीय अपीलीय प्राधिकार के द्वारा कुल 38 मामलों में 49,600 रूपये का अर्थदंड लगाया गया है। साथ ही 26 सरकारी कर्मियों पर अनुशासनिक कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
– लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन में राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक माह कार्य प्रगति के आधार पर जिलावार रैंकिंग की जा रही है। वर्ष 2019 में गया जिला को जनवरी माह में तीसरा स्थान, फरवरी माह में चैथा स्थान, मार्च माह में तीसरा स्थान, अप्रैल माह में दूसरा स्थान एवं मई माह में सातवां स्थान प्राप्त हुआ है, जो मगध प्रमंडल के सभी जिलों में सर्वोच्च स्थान है।
– लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए जन समाधान रथ के माध्यम से गया जिला के सभी पंचायतों में कार्यक्रम अनुसार प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। अभी तक शेरघाटी, कोंच, गुरुआ, आमस, गुरारू, टिकारी प्रखंडो के पंचायतों में जन समाधान रथ के माध्यम से प्रचार-प्रसार कराया गया है। शेष प्रखंडों में प्रचार-प्रसार का कार्यक्रम शुरू किया गया है। गया जिला में प्राप्त परिवादों का विभागवार वर्गीकरण के अनुसार सर्वाधिक परिवाद वाले विभाग राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग 5,097, गृह विभाग 4,646 एवं ग्रामीण विकास विभाग 3,302 गया जिला में लोक शिकायत निवारण के मामलों में लोक प्राधिकारों की उपस्थिति मई माह में 75ः है। गया जिला में मई माह में 80.24ः परिवादों का निष्पादन नियमित समय सीमा में किया गया है।
– मध निषेध – गरीब एवं अभिवंचित वर्ग के परिवारों का मध्यपान के कारण बिगड़ी आर्थिक स्थिति एवं सेहतमंद बिहार के लिए वर्ष 2016 के 1 अप्रैल को मध निषेध अधिनियम लागू किया गया। अधिनियम को सख्ती से लागू करवाने हेतु अवैध शराब रखने एवं बिक्री करने वालों के विरुद्ध 13,200 छापेमारी करवाई गई, 8,152 मामले में अभियोग दर्ज करवाया गया तथा 6,597 कांडों में 18,580 व्यक्तियों को हाजत/जेल भिजवाया गया। 3,79,842 लीटर शराब जप्त किया गया। लगभग 21 लाख किलोग्राम महुआ जावा एवं महुआ फूल की जब्ती की गई है। 3,55,028 लीटर शराब का विनष्टीकरण किया गया है। 2,235 वाहनों की जब्ती की गई है। 1,599 वाहनों को राज्यसात किया गया है। 135 वाहनों की नीलामी की जा चुकी है, शेष वाहन नीलामी की प्रक्रिया में है।
– पशुपालन – कृत्रिम गर्भाधान- संकर नस्ल के 590, देसी नस्ल के 700 एवं भैंस का 68 कृत्रिम गर्भाधान कराया गया है।
– गर्भ जांच – 1,528 पशुओं का गर्भ जांच कराया गया है।
– मुर्गी ग्राम योजना – जिला में 6,125 चूजों का वितरण कराया गया। इस योजना से 245 परिवार लाभान्वित हो रहे हैं।
– बधियाकरण – 168 बाछा एवं 296 व्यस्क पशु का बधियाकरण किया गया है।
– टीकाकरण – 45,842 पशुओं का टीकाकरण कराया गया है।
– चिकित्सक पशुओं की संख्या – वर्तमान माह तक 13,272 पशुओं का चिकित्सा किया गया है।
– उद्योग – मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना। इस योजना के अंतर्गत 145 लाभुकों को ऋण की राषि भुगतान किया जा चुका है। अधिकतम 10 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाता है।
– प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना – इस योजना मे स्वरोजगार हेतु रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना में 81 लाभुकों को 10 करोड़ 28 लाख 34 हजार रुपये की ऋण उपलब्ध कराया गया है।
– लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम (आरटीपीएस) – इसके अंतर्गत 26 जून, 2019 तक 59,593 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जिनमें से 45,077 आवेदनों का निष्पादन किया गया है। यह अधिनियम 15 अगस्त 2011 से बिहार में लागू किया गया। इसके अंतर्गत जाति, आवासीय, छात्रवृत्तियों का वितरण, दाखिल खारिज, आय प्रमाण पत्र, परिवहन, जन वितरण प्रणाली, अंकपत्र सहित 20 प्रकार की सेवाओं के लिए कार्यदिवस निर्धारित है।
– सात निश्चय योजना
– हर-घर नल का जल (ग्रामीण) – पंचायती राज विभाग द्वारा कुल लक्षित वार्डो की सं॰ 2,603 के विरूद्ध 2,136 वार्डों में कार्य प्रारंभ एवं 966 वार्ड में कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष 467 वार्डों में कार्य प्रारंभ एवं 1,637 वार्डो में कार्य पूर्ण करने हेतु प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रतिनियुक्त कनीय अभियंताओं को एक माह के अन्दर करने का निदेश दिया गया है।
– घर तक पक्की गली-नालियाँ (ग्रामीण) – कुल लक्षित वार्डो की सं॰ 4,573 के विरूद्ध 3,456 वार्डो में कार्य प्रारंभ किया गया एवं 3,210 वार्डो में कार्य पूर्ण कर लिया गया है। शेष 1,117 वार्डो में कार्य प्रारंभ किया गया एवं 1,363 वार्डो में कार्य पूर्ण करने हेतु प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं प्रतिनियुक्त कनीय अभियंताओं को एक माह के अन्दर करने का निदेश दिया गया है।
– आर्थिक हल युवाओं को बल – सरकार के 7 निष्चय में एक ’’आर्थिक हल, युवाओं को बल‘‘ बिहार के युवा वर्गो के लिए एक वरदान साबित हो रहा है। इस निष्चय की पहली योजना ’बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना’ के तहत बिहार राज्य षिक्षा वित्त निगम के माध्यम से जरूरतमंद विद्यार्थियों को 04 लाख रू॰ तक की ऋण राषि बहुत ही कम ब्याज दर पर दी जा रही है। इस योजना के तहत जिले में अबतक 5,000 से अधिक विद्यार्थी आवेदन कर चुके हैं, जिनमें से 3,000 से अधिक आवेदक योजना के लाभ से लाभान्वित हो चुके है एवं शेष आगामी 01-02 महीनों के अंदर लाभान्वित हो जायेंगे।
– कुशल युवा कार्यक्रम – इस योजना के तहत युवाओं के कौषल विकास हेतु बुनियादी कम्प्यूटर ज्ञान, भाषा कौषल (हिन्दी/अंग्रेजी) एवं व्यवहार कौशल का ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रखंडों में अवस्थित कौशल विकास केन्द्रों पर दिया जाता है। इस योजना के तहत जिले में 29,000 से अधिक युवा पंजीकृत होकर योजना का लाभ ले रहे हैं।
– रोजगार ढूढ़ने के दौरान आर्थिक सहायता देने हेतु संचालित अन्य योजना “मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना” के तहत इंटरमीडिएट/2 उत्तीर्ण कर आगे की पढ़ाई नहीं करने वाले विद्यार्थियों को प्रतिमाह 1,000 रू॰ की दर से 02 वर्षों तक स्वयं सहायता भत्ता की राशि दी जाती है। जिले के 19,000 से अधिक विद्यार्थी आवेदन कर वर्तमान में इस योजना का लाभ ले रहे हैं। इस योजना के लाभुकों को उनके कौशल विकास हेतु कुशल युवा कार्यक्रम का प्रशिक्षण भी निःशुल्क दिया जाता है।
– सात निश्चय के तहत संचालित उपरोक्त तीनों योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु प्रत्येक जिले में एक जिला निबंधन एवं परामर्ष केन्द्र कार्यालय की स्थापना की गयी है। गया जिला में यह कार्यालय गया-बोधगया रोड में केन्दुई स्थित राजकीय पोलिटेकनिक काॅलेज के कैम्पस में अवस्थित है। उक्त तीनों योजनाओं के लिये सारी प्रक्रियाएं ऑनलाइन है, जिसके तहत विद्यार्थी को निर्धारित वेबसाइट मोबाइल एप का उपयोग कर ऑन लाइन आवेदन करना होता है। जिला निबंधन एवं परामर्श केन्द्र कार्यालय पर स्वयं उपस्थित होकर अपने कागजातों का सत्यापन कराना होता है।
– योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु जिला प्रशासन की ओर से प्रखंड, पंचायत एवं शिक्षण संस्थानों के स्तर पर नियमित रूप से काउंसिलिंग-सह-ऑन लाइन निबंधन शिविर आयोजित किया जाता है ताकि अधिक से अधिक लाभुक योजना के बारे में जानकारी प्राप्त कर उसका लाभ उठा सकें।
– जिला योजना कार्यालय, गया
– मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना – 16वीं विधानसभा अन्तर्गत वित्तीय वर्ष-2016-17 में 1,551 योजनाओं की प्रषासनिक स्वीकृति प्रदान किया गया है, जिसकी राषि मो० 2628.95 लाख के विरूद्ध 1,291 योजना पूर्ण एवं 211 योजना में कार्य प्रगति पर है। वित्तीय वर्ष-2017-18 में 1,476 योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान किया गया है जिसकी राशि मो० 2102.20 लाख के विरूद्ध 1,222 योजना पूर्ण एवं 229 योजना मेें कार्य प्रगति पर है।
2,702 योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान किया गया है जिसकी राषि मो० 3056.67 लाख के विरूद्ध 1,458 योजना पूर्ण, 1,244 योजना में प्रगति में है।
– सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना – 16वीं लोकसभा अन्तर्गत वित्तीय वर्ष-2014-15 से 2018-19 तक कुल 339 योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गयी है जिसकी राशि मो० 2631.05 लाख है। इन योजनाओं में से 283 योजना पूर्ण एवं 56 योजनाओं का कार्य प्रगति में है। योजना का क्रियान्वयन स्थानीय क्षेत्र विकास अभियंत्रण संगठन, कार्य प्रमण्डल-01 एवं 02 गया द्वारा किया जा रहा है।
– विशेष केन्द्रीय सहायता योजना – इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल तीन परियोजना अनुमोदित है जिसकी राशि मो० 570.02 लाख, वित्तीय वर्ष 2018-19 में कुल 30 परियोजना जिसकी राशि मो० 4526.37 लाख एवं 2019-20 में 44 परियोजना जिसकी राशि मो० 4033.31 लाख है। माह जून 2019 तक मो० 2932.84 लाख की कुल 13 परियोजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान किया गया है।
– महिला हेल्पलाइन – महिलाओं के विरुद्ध घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न, छेड़छाड़, यौन शोषण, बाल विवाह के मामले में सुनवाई करने एवं समझौता कराने के उद्देश्य से गया जिला में सखी वन स्टॉप सेंटर सह महिला हेल्पलाइन की संस्थापन की गई। 1 मई 2019 तक घरेलू हिंसा के 57 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें से 48 का निष्पादन, दहेज उत्पीड़न के 5 मामले दर्ज जिनमें से 3 मामले का निष्पादन, यौन शोषण के 2 मामले दर्ज हुए जिनमें से 1 का निष्पादन। इस प्रकार कुल 69 मामले दर्ज किए गए जिनमें 54 मामलों का निष्पादन किया जा चुका है।
– बिजली – बिजली विभाग द्वारा लगातार अध्यापिका रण का कार्य कराया जा रहा है गया जिला के सभी गांव को ऊर्जा वित्त किया जा चुका है शहरी क्षेत्र में 24 घंटे ग्रामीण क्षेत्र में 21 घंटे की आपूर्ति की जा रही है।
– आपूर्ति – आपूर्ति विभाग द्वारा खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत 57,203 क्विंटल गेहूं, 85,805 क्विंटल चावल तथा अंत्योदय योजना के अंतर्गत 12,453 क्विंटल गेहूं, 18,680 क्विंटल चावल का आवंटन किया गया है। खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत कुल 5,95,526 तथा अंत्योदय योजना के अंतर्गत 88,954 राशन कार्डधारी हैं।
– खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत प्रति परिवार 2 प्रति किलो की दर से 2 किलो गेहूं एवं 3 प्रति किलो की दर से 3 किलो चावल उपलब्ध कराया जा रहा है।
– अंत्योदय योजना के अंतर्गत 2 प्रति किलो की दर से 14 किलो गेहूं एवं 3 प्रति किलो की दर से 21 किलो चावल उपलब्ध कराया जा रहा है।
– गया जिला में कुल 1,844 पी॰डी॰एस॰ कार्यरत है। जिनमें से 561 अनुसूचित जाति, 7 अनुसूचित जनजाति, 421 पिछड़ा वर्ग, 120 अत्यंत पिछड़ा वर्ग, 98 अल्पसंख्यक वर्ग, 146 महिला, 22 महिला स्वयं सहायता समूह, 10 स्वयं सहायता समूह, 154 सहयोग समिति/पैक्स/पूर्व सैनिकों की सहकारी समिति, 11 विकलांग एवं 294 सामान्य कोटि के हैं।
वर्तमान में आपूर्ति विभाग में आधार कार्ड सीडिंग का कार्य चल रहा है।
– स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन कार्य प्रमंडल- 2- शेरघाटी द्वारा मुख्यमंत्री क्षेत्रीय विकास योजना के अंतर्गत कुल 744 योजनाओं में से 732 योजनाएं पूर्ण किया जा चुका है। कुल व्यय 70.64ः किया जा चुका है। व्यय की राशि 746.23 लाख रुपये है।
– सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना – इस योजना के अंतर्गत 339 योजना ली गई थी। जिनमें से 283 योजनाएं पूर्ण कर ली गई है। शेष में प्रगति जारी है। अब तक 1963.95 लाख रुपये व्यय किए जा चुके हैं।
– कार्य प्रमंडल 01 – 1,376 योजनाएं ली गई थी। जिनमें से 930 योजना पूर्ण, 446 पर कार्य जारी है। अब तक 564 लाख रुपये व्यय किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना में कुल 732 योजनाएं ली गई थी जिनमें से 625 योजनाएं पूर्ण की जा चुकी है।
– कल्याण विभाग
अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति अत्याचार अधिनियम योजना- इस योजना के अंतर्गत 239 आवेदन प्राप्त हुए थे, सभी आवेदनों का निष्पादन कर दिया गया है तथा प्रभावित परिवारों के बीच 160.02 लाख रुपये का वितरण किया जा चुका है।
– मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रावास में खाद्यान्न आपूर्ति योजना – इस योजना के अंतर्गत बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर, कल्याण छात्रावास रामपुर गया एवं बाबू जगजीवन राम छात्रावास खेल परिसर गया के 193 छात्रों के बीच 7 किलोग्राम गेहूं एवं 9 किलोग्राम चावल का वितरण प्रतिमाह कराया जा रहा है।
– मुख्यमंत्री पिछड़ा एवं अति पिछड़ा, अत्यंत पिछड़ा छात्रावास में खाद्यान्न आपूर्ति योजना इस योजना के अंतर्गत जननायक कर्पूरी ठाकुर, अत्यंत पिछड़ा वर्ग कल्याण छात्रावास कपिलधारा माड़नपुर गया के 95 छात्रों के बीच 7 किलोग्राम गेहूं एवं 9 किलोग्राम चावल खाद्यान्न वितरण किया जा रहा है।
– अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति कल्याण व अन्य पिछड़ा वर्ग प्लस टू कन्या आवासीय कल्याण विद्यालयों का संचालन आमस, डुमरिया, गया नगर, इमामगंज, गुरुआ, मानपुर, फतेहपुर, वजीरगंज एवं मोहनपुर में 200-200 की क्षमता वाले अंबेडकर आवासीय बालिका विद्यालय का संचालन किया जा रहा है।
– सामाजिक सुरक्षा
– इन्दिरा गाॅधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन – आवेदक/आवेदिका की उम्र 60 वर्ष या उपर होनी चाहिए। वी0पी0एल0 परिवार का सदस्य भुगतेय राशि 400/- रूपये प्रति माह, 80 वर्ष से उपर के वृद्धों को भुगतेय 500/- प्रतिमाह। गया जिला में इस योजना के तहत लाभान्वितों की संख्या 1,75,693 है। पेंषन का भुगतान मार्च 2019 तक डी0बी0टी0 के माध्यम से किया जा चुका है।
– इन्दिरा गाॅधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन – आवेदिका विधवा की उम्र 40 वर्ष से 79 वर्ष तक होनी चाहिए। वी0पी0एल0 परिवार की सदस्य। भुगतेय राशि 400/- रूपये प्रति माह 80 वर्ष से उपर के वृद्धो को भुगतेय 500/- प्रतिमाह। गया जिला में इस योजना के तहत लाभान्वितों की संख्या 13,785 है। पेंश न का भुगतान का भुगतान डी0बी0टी0 के माध्यम से किया जा रहा है।
– इन्दिरा गाॅधी राष्ट्रीय निःशक्तता पेंषन योजना – आवेदक की उम्र 18 वर्ष से 79 वर्ष के बीच होनी चाहिए। वी0पी0एल0 परिवार का सदस्य। विकलांगता का प्रतिषत 80ः या उससे उपर होनी चाहिए। भुगतेय राशि 400/- रूपये प्रति माह 80 वर्ष से उपर के दिव्यांगतन को भुगतेय 500/- प्रतिमाह। गया जिला में इस योजना के तहत लाभान्वितों की संख्या 1,667 है। पेंशन का भुगतान डी0बी0टी0 के माध्यम से किया जा रहा है।
– लक्ष्मीबाई सा0सु0 पेंशन – आवेदिका विधवा की उम्र 18 वर्ष के उपर। उम्र 19-39 वर्ष होनी चाहिए। वी0पी0एल0 परिवार का सदस्य या वार्षिक आय 60,000/- रूपये से कम। भुगतेय राशि 400/- रूपये प्रति माह 80 वर्ष से उपर के विधवाओं को भुगतेय 500/- प्रतिमाह। गया जिला में इस योजना के तहत लाभान्वितों की संख्या 33,655 है। पेंशन का भुगतान डी0बी0टी0 के माध्यम से किया जा रहा है।
– बिहार निःशक्तता पेंषन योजना – (उम्र आय की वैद्यता नही) आवेदक का विकलांगता 40ः एवं उपर होनी चाहिए। भुगतेय राशि 400/- रूपये प्रति माह 80 वर्ष से उपर के दिव्यांगजनों को भुगतेय 500/- प्रतिमाह। गया जिला में इस योजना के तहत लाभान्वितों की संख्या 34,281 है। पेंषन का भुगतान का भुगतान डी0बी0टी0 के माध्यम से किया जा रहा है।
– मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंषन योजना – आवेदक के उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक के सभी वृद्धों को 400 रूपये प्रतिमाह पेंशन दिये जाने का प्रावधान है। 80 वर्ष से उपर के वृद्धों को 500 रूपये प्रतिमाह देय है। इस योजना में बिना बी0पी0एल0 धारी को भी पेंशन देने के प्रावधान हैं। वर्तमान में इस योजना के तहत 2,709 आवेदन पत्र स्वीकृत किये गये हैं।
– कबीर अन्त्येष्टि योजना – वी0पी0एल0 परिवार के किसी भी सदस्य की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार हेतु भुगतेय राशि 3000/- रूपये है। वर्तमान में 1,397 आश्रितों को डी0बी0टी0 के माध्यम से भुगतान किया गया है।
– मुख्यमंत्री सामर्थ्य योजना – विकलांग व्यक्ति की उम्र 14 वर्ष से उपर होनी चाहिए। विकलांगता 40 प्रतिषत से उपर होनी चाहिए। वार्षिक आय 1,00,000/-रूपये से कम (तिपहिया साईकिल, श्रवण यंत्र, बैषाखी)। वित्तीय वर्ष 2018-19 में कुल 97 ट्राईसाईकिल एवं 3 श्रवण यंत्र दिव्यांगजनों के बीच निःशुल्क वितरण किया गया है।
– राष्ट्रीय परिवारिक लाभ योजना – मृतक परिवार का मुख्य जिवकोपार्जक। मृतक वी0पी0एल0 परिवार का सदस्य। मृतक का उम्र 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच। मृतक के आश्रित को भुगतेय राशि 20,000/- रूपये। वर्तमान में डी॰बी॰टी॰ के माध्यम से भुगतान हेतु 84 लाभुकांे का दावा पत्र भेजा जा चुका है।
– मुख्यमंत्री परिवार लाभ योजना – दुर्घटना या अपराधिक घटना में मृत्यु। उम्र एवं आय की कोई सीमा नहीं। आश्रित को 20,000/- रूपये एकमुश्त भुगतान। स्वीकृति पदाधिकारी- अनुमण्डल पदाधिकारी। वर्तमान में डी0बी0टी0 के माध्यम से भुगतान हेतु 9 लाभुको का दावा पत्र भेजा जा चुका है।
– वस्त्र वितरण योजना – गरीब/अपंग/भिक्षुक को कम्बल/वस्त्र निःशुल्क वितरण किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2018-19 मे 64 लाख 80 हजार रूपये का कम्बल क्रय कर अनुमण्डल पदाधिकारियों द्वारा निःषुल्क वितरण किया गया है।
– मुख्यमंत्री निःशक्त स्वरोजगाार ऋण योजना – विकलांगता 40 प्रतिशत या उपर होनी चाहिए। उम्र 18 वर्ष से 60 वर्ष तक। वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र हेतु 1,60,000/- प्रति वर्ष एवं शहरी क्षेत्र में 2,00,000/- रूपये अधिकतम ऋण 1,50,000/- रूपये। इस योजना के तहत 13 दिव्यांगजनों को 13 लाख 50 हजार रूपये का ऋण उपलब्ध कराया गया है।
– बिहार शताब्दी कुष्ठ कल्याण योजना – आवेदक कुष्ठ रोग से ग्रसित हो। भुगतेय राशि 1500/- रूपये प्रतिमाह। स्वीकृति पदाधिकारी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी। वर्तमान में 336 लाभुको को डी0बी0टी0 के माध्यम से मार्च 2019 तक भुगतान किया गया है।
– वृद्धाश्रम सहारा – समाज के अपेक्षित वृद्धजन वी0पी0एल0 धारी अथवा जिनका वार्षिक आय 60000/- रूपये या जीवन यापन का कोई साधन उनके पास न हो, वैसे वद्धों का वृद्धाश्रम सहारा में रखा जाता है। गया जिला के भुसुण्डा, मानपुर में संचालित वृद्धाश्रम सहारा में 19 वृद्धजन आवासित हैं।
– अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना – इस योजना के तहत 1,00,000/- रूपये दिये जाने का प्रावधान है। इस योजना के तहत वर्तमान मे 8 लाभुको का लाभान्वित किया गया है।
– मुख्यमंत्री निःशक्तता विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना – इस योजना के तहत 1,00,000/- रूपये प्रोत्साहन अनुदान देने का प्रावधान है। पति पत्नी दोनो दिव्यांग रहने पर दोनो को एक-एक लाख रूपये देने का प्रावधान है। वर्तमान में 4 आवेदन पत्र पर स्वीकृति प्रदान की गई है।
– दिवाकालीन विषेष विद्यालय (चमन) – गया जिला में दिवाकालीन विशेष विद्यालय (चमन) लख्खीबाग, मानपुर में प्रोग्राम के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। जिसमें 46 बच्चें नामांकित है।
– बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम
बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के अंतर्गत करवाये जा रहे कार्य निम्नलिखित है।
– प्रसाद योजना फेज 01 के अंतर्गत गया जिला के विष्णुपद मंदिर के विकास एवं सौन्दर्यकरण का कार्य 296.95 लाख रुपये की योजना से जन सुविधा, यात्री शेड, मंदिर परिसर, गेट, सीढ़ी, देवघाट पर लाइट, मंदिर परिसर में सैंडस्टोन का कार्य कराया जा रहा है। जिनमें लगभग 95ः कार्य किए जा चुके हैं।
– प्रसाद भेज 2 – के अंतर्गत बैकुंठ धाम, सीताकुंड, देवघाट, गायघाट पर पर्यटकीय सुविधाओं का विकास 245.83 लाख रुपए से कराया जा रहा है। जिसके अंतर्गत देवघाट एवं सीताकुंड में जन सुविधा, चेंज रूम, यात्री शेड, प्याऊ एवं हाई मास्ट लाइट की व्यवस्था की जा रही है। लगभग 95ः कार्य किए जा चुके हैं।
– दशरथ मांझी समाधि स्थल का विकास कार्य – उसके अंतर्गत 93.05 लाख रुपये व्यय कर जन सुविधा, पानी का प्याउ एवं पहुंच पथ का कार्य कराया गया है।
– बोधगया अवस्थित वियतनाम मोनेस्ट्री के सामने स्थित तालाब का विकास कार्य – 306.36 लाख रुपए देकर जन सुविधा, 300 मीटर में चाहरदीवारी, चार मेडिटेशन गृह, गार्ड रूम एवं गेट, पेंटिंग का कार्य, घाट का निर्माण, दो अदद टॉट लॉट एवं रिटेनिंग, बाल खुदाई एवं डी वाटरिंग, पार्किंग, लैंडस्कैपिंग, स्टिक फर्नीचर, साइनेज, सोलर लाइट एवं बाह्य विद्युतीकरण का कार्य कराया जा रहा है। अब तक 35ः कार्य कराया जा चुका है।
– तपोवन बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम के द्वारा तपोवन फेज 2 के अंतर्गत विकास एवं सौन्दर्यकरण के तहत 360.72 लाख रुपये व्यय कर गेट का निर्माण, पार्क हेतु चहारदिवारी का निर्माण, पार्किंग, यात्रिक का जीर्णोद्धार एवं दुकान का निर्माण किया जा रहा है।
– प्रागबोधि गया जिला अंतर्गत प्रागबोधि में पर्यटक सुविधाओं के लिए 306.02 लाख रुपए से जन सुविधा, कैफेटेरिया, चहारदीवारी, दुकान, स्थल विकास एवं गार्ड रूम का निर्माण कराया जा रहा है।
– मोचारिम तालाब, बोधगया में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 682.55 लाख रुपये व्यय कर कैफेटेरिया, जन सुविधा, चहारदीवारी निर्माण, 3 दुकाने, दो मंडप गार्डरूम, टिकट रूम, बालू पत्थर का पाथ वे, पार्किंग, घाट टू वॉल, साइट डेवलपमेंट एवं विद्युतीकरण किया गया है।
– गया जिला के बेलागंज में 9.82 लाख रुपए के लागत से बेला रामपुर पथ पर स्वागत द्वार का निर्माण कराया जा रहा है।
– इसी प्रकार 12.16 लाख रुपए की लागत से कोटेश्वर धाम जाने के रास्ते में पटना गया रोड पर स्वागत गेट का निर्माण कराया जा रहा है।
– गया जिला के मां के बांकेधाम शिव मंदिर में पर्यटक सुविधाओं के विकास हेतु जन सुविधा यात्री शेड विवाह मंडप, स्थल विकास के लिए पार्किंग, सोलर लाइट, शाइनेज का संस्थापन, मंदिर परिसर का नवीकरण, मुख्य द्वार, घेराबंदी एवं अन्य कार्य के लिए 352.97 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। कार्य करवाने हेतु 100 लाख रुपए का वन विभाग को विमुक्त किया जा चुका है।
– सुजाता कुटीर बोधगया में पर्यटकीय सुविधाओं का विकास कार्य एवं स्थल विकास प्लीज के अंतर्गत कैफेटेरिया जन सुविधा चहारदीवारी गेट टिकट काउंटर लैंडस्कैपिंग साइंस सिटी बैंक का निर्माण करवाया जा रहे हैं, जिसके तहत 283.48 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है, 56.96 लाख रुपए विमुक्त किए जा चुके हैं।
– कोटेश्वर धाम शिव मंदिर में पर्यटकीय सुविधा का विकास करने हेतु 319.48 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गयी है, यहां प्रवेश द्वार, हवन मंडप, विवाह मंडप, पर्यटन भवन, जन सुविधा, स्थल विकास, साईनेजेज, सोलर लाईट, पार्किंग, पीपल वृक्ष का फेसिंग कार्य करवाया जा रहा है।
– बैजू धाम शिव मंदिर में पर्यटक सुविधाओं का विकास कार्य किसके अंतर्गत जनसुविधा, विवाह मंडप, हवन मंडप, दुकान का निर्माण, यात्री सेड, पार्किंग का कार्य, घाट का कार्य, गेट का निर्माण एवं रिटेनिंग वॉल का कार्य किया गया है। 247.56 लाख रुपए व्यय कर कार्य पूर्ण किया जा चुका है।
– संक्रामक रोग अस्पताल में 5091 लाख रुपये से यात्री निवास, पार्किंग, लैंडस्कैपिंग एवं वह विद्युतीकरण का कार्य कराया जाना है।
– आकाशीय रज्जू मार्ग ब्रहमजोनी इसके लिए 424 लाख रूपए की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। निविदा की प्रक्रिया चल रही है।
– आकाशीय रज्जू मार्ग डुंगेश्वरी इसके लिए 843.17 लाख रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। निविदा की प्रक्रिया चल रही है।
– आकाशीय रज्जू मार्ग प्रेतशिला इसके लिए 1,049.45 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। निविदा की प्रक्रिया चल रही है।
– मुचलिंद सरोवर का पर्यटन के विकास – इस योजना के अंतर्गत कैफेटेरिया भवन, जन सुविधाएं, 3 अदद दुकान, चहारदीवारी, दो अदद मंडप, वार्ड एवं टिकट रूम, पहुंच पथ, बस एवं कार पार्किंग घाट का विकास, घाट के ऊपर शेड का निर्माण, टॉवॉल, लैंडस्कैपिंग, फर्नीचर, साइनेज, सोलर लाइट एवं वाह्य विद्युतीकरण का कार्य किया जाना है। इसके लिए 3.33 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। जिसके लिए 11 करोड़ 66 लाख 45 हजार 226 रुपये जिला भू अर्जन पदाधिकारी को प्राप्त हो गया है। भू-अर्जन की कार्रवाई चल रही है।
– बकरौर स्थित सुजाता कुटीर के विकास के लिए कैफेटेरिया, जन सुविधा, चहारदीवारी, गेट, टिकट काउंटर, लैंडस्कैपिंग, पाथवे, साइनेज, सेटिंग बैंक का कार्य कराया जाना है, इसके लिए 2 एकड़ भूमि का अर्जन 4 करोड़ 4 लाख 15 हजार 167 रुपये का वितरण कर किया जा चुका है।
– मेन ग्राम में अवस्थित कोटेश्वर धाम मंदिर के पर्यटन सुविधाओं का विकास एवं सौंदर्यीकरण कार्य – इसके अंतर्गत प्रवेश द्वार, हवन मंडप, विवाह मंडप, पर्यटन भवन, जन सुविधाएं, स्थल विकास, साइनेज, सोलर लाइट, पार्किंग एवं चहारदीवारी निर्माण का कार्य कराया जाना है, इसके लिए 1.575 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, इसके लिए 3 करोड़ 33 लाख 16 हजार 668 रुपये प्राप्त हो चुके हैं।
– शिक्षा विभाग
– मध्याह्न भोजन योजना समिति, गया।
– कुल प्रखण्डों की संख्या: 24, नगर निगम: 01
– विद्यालयों की कुल संख्या एवं नामांकन:
विद्यालय की कुल संख्या कुल नामांकन
3106 6,88,655
– मध्याह्न भोजन बनाने से औसतन प्रतिदिन लाभान्वित बच्चों की संख्या:-
माह लाभान्वित छात्रों की संख्या (प्रतिदिन)
मई 2019 3,48,554
– मध्याह्न भोजन बनाने हेतु कार्यरत एंजेंसी एवं सम्बंधित एजेंसी के द्वारा संचालित विद्यालयों की संख्या:
विद्यालय शिक्षा समिति एकता शक्ति फाउण्डेशन, गया ईकाई
2941 165
– प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में प्रति बच्चा व्यय की जाने वाले परिवर्तन राशि:
प्राथमिक विद्यालय मध्य विद्यालय
परिवर्तन राशि का मूल्य प्राथमिक विद्यालय हेतु 4.48 रूपये एवं मध्य विद्यालय हेतु 6.71 रूपये 10 जुलाई 2019 से लागू किया जा रहा है।
– मध्याह्न भोजन बनाने हेतु कुल कार्यरत रसोईया-सह-सहायक: 9,299
– म0भो0यो0 में कार्यरत प्रति रसोईया-सह-सहायक का वत्र्तमान मानदेय: 1500/- प्रति माह
– जिले में कुल आवंटित वेईंग मशीन की संख्या: 2,969
– जिलें में कुल आपूर्ति किये गये प्लेटों की संख्या: 3,77,973
– जिलें में कुल आपूर्ति किये गये ग्लासों की संख्या: 89,650
– जिले में एल0पी0जी0 आधारित रसोईधर की संख्या: 2,941
– प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में मध्याह्न भोजन संचालित हेतु मीनू:
सोमवार चावल $ मिश्रित दाल $ हरी सब्जी
मंगलवार जीरा चावल $ सोयाबीन आलू की सब्जी
बुधवार खिचड़ी (हरी सब्जीयुक्त) $ चोखा $ केला/मौसमी फल
गुरूवार चावल $ मिश्रित दाल $ हरी सब्जी
शुक्रवार पुलाव $ काबुली चान/लाल चना का छोला $ हरा सलाद $ अण्डा/मौसमी फल
शनिवार खिचड़ी (हरी सब्जीयुक्त) $ चोखा $ केला/मौसमी फल
उर्दु विद्यालयों में मध्याह्न भोजन अन्तर्गत मिनू अनुसार प्रत्येक रविवार को अण्डा/मौसमी फल दिया जा रहा है।
– साईकिल योजना – इस योजना में कुल 1023.15000 लाख रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ जिसमें 910.41000 लाख रुपये की निकासी की गयी। निकासी की गयी राषि से 847.29000 लाख रुपये का वितरण किया गया है। इस प्रकार कुल 93.07 प्रतिषत की उपलब्धि हुई है।
– बिहार शताब्दी मुख्यमंत्री बालिका पोषाक योजना (प्रारंभिक/माध्यमिक) – इस योजना में माध्यमिक के लिए कुल 623.85000 लाख रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ जिसमें से 597.10500 लाख रुपये की निकासी की गयी। निकासी की गयी राषि में से 457.15500 लाख रुपये का वितरण किया गया है। इस प्रकार कुल 76.56 प्रतिषत की उपलब्धि हुई है।
इस योजना में प्रारंभिक के लिए कुल 992.13500 लाख रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ जिसमें से 702.02000 लाख रुपये की निकासी की गयी। निकासी की गयी राषि से 702.02000 लाख रुपये का वितरण किया गया है। इस प्रकार कुल 100.00 प्रतिषत की उपलब्धि हुई है।
– समग्र शिक्षा अभियान अंतर्गत पोषाक वितरणः- इस योजना के लिए कुल 23,314.68000 लाख रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ था जिसमें से 1,849.84200 लाख रुपये की निकासी की गयी थी। निकासी की गई राशि में से 1,849.84200 लाख रुपये का वितरण किया गया है। इस प्रकार कुल 100 प्रतिशत की उपलब्धि हुई है।
– मुख्यमंत्री बालक/बालिका छात्रवृति/प्रोत्साहन योजनाः- इस योजना में शिक्षा विभाग से कुल 1,414.80200 लाख रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ था जिसमें से 1,394.89400 लाख रुपये की निकासी की गयी थी। निकासी की गई राशि से 1,285.46600 लाख रुपये का वितरण किया गया है। इस प्रकार कुल 92.16 प्रतिशत की उपलब्धि हुई है।
– मेधावृति बालिका योजना में कल्याण विभाग से कुल 2,455.72750 लाख रुपये का आवंटन प्राप्त हुआ जिसमें से 1,662.41600 लाख रुपये की निकासी की गयी। निकासी की गयी राशि से 1300.45,400 लाख रुपये का वितरण किया गया है। इस प्रकार कुल 78.23 प्रतिशत की उपलब्धि हुई है।
– उन्नयन बिहारः- माध्यमिक विद्यालयों में गुणवत्ता शिक्षा प्रदान करने हेतू शैक्षणिक पहल के रुप में उन्नयन बांका कार्यक्रम एक सफल प्रयोग साबित हुआ है। राज्य सरकार के द्वारा उन्नयन योजना को राज्य के सभी माध्यमिक विद्यालयों में प्रारंभ करने का लिए गये निर्णय के आलोक में प्रथम चरण में गया जिले के 114 विद्यालयों को 90,000.00 प्रति विद्यालय की दर से प्राप्त राषि को संबंधित विद्यालयों के खाते में कार्यक्रम का संचालन प्रारंभ करने हेतु भेज दी गयी है तथा इन विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों/शिक्षकों का दो दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण दिनांक 15 जुलाई से 26 जुलाई तक प्रस्तावित है। वर्तमान में जिले के पांच विद्यालयों यथा 2 जिला स्कूल गया, अनुग्रह कन्या उच्च विद्यालय गया, रामरुचि कन्या उच्च विद्यालय गया, प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय, गया, यषवंत उच्च विद्यालय खिजरसराय, गया में संचालित है।
– कस्तुरबा गांधी बालिका विद्यालय –
कस्तुरबा गांधी बालिका विद्यालय में नामांकन की प्रक्रिया निम्नवत हैः-
– 75 प्रतिशत बालिका अनुसुचित जाति/जनजाति का नामांकन होता है।
– 25 प्रतिशत बालिका अत्यंत पिछड़ा वर्ग/गरीबी रेखा से नीचे/अल्पसंख्यक का नामांकन होता है।
– समावेषी शिक्षा अंतर्गत किये जाने वाले कार्यः-
क्र॰ आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम
1 जिले में कुल 24 प्रखंडों के सभी प्रखंडों में अस्थि/दृष्टि/श्रवण निःशक्त बच्चें के लिए जाँच शिविरों का आयोजन संसाधन केन्द्रों में कार्यरत पुर्नवास विशेषज्ञों/एलिमको कानपुर/साईटसेवर्स की सहायता से आयोजित किया जाता है।
2 जिला अंतर्गत दिव्यांग बच्चों का मूल्यांकन उपरांत जरूरतों के अनुरूप निःशक्त बच्चों को निःषुल्क सहाय उपकरण उपलब्ध कराया जाता है।
3 जिला अंतर्गत पूर्व में दिव्यांग बच्चों को उपलब्ध कराए गए सहाय उपकरणों के रख-रखाव एवं मरम्मति हेतु शिविरों का आयोजन किया जाता है।
4 निःशक्त बच्चों का सुधारात्मक शल्य चिकित्सा कराया जाता है।
5 बच्चों के लिए गामक उत्कर्ष कार्यक्रम विशेष प्रशिक्षण हेतु जिला अंतर्गत 02 डे केयर सेंटर/संसाधन केन्द्रों पर 90 दिवसीय गैर-आवासीय विशेष प्रशक्षण का आयोजन किया गया है।
6 मनसिक मंद बच्चों के विशेष प्रशिक्षण हेतु कुल 03 संकुल में 90 दिवसीय गैर आवासीय मनोविकास कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
7 वाणी दोष से प्रभावित दिव्यांग बच्चों के वाणी विकास हेतु 90 दिवसीय गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण हेतु वाणी विकास कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। जिसमें 02 संकुलों में कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
8 पूर्ण दृष्टिबाधित बच्चों को ब्रेल आधारित प्रशिक्षण हेतु कुल 50 बच्चों के लिए 90 दिवसीय गैर आवासीय स्पर्श कार्यक्रम करने का प्रावधान है।
9 के0 जी0 बी0 भी0 रहीम बिगहा में दृष्टिबाधित एवं के0 जी0 बी0 भी0 डोभी में श्रवणबाधित बालिकाओं के लिए विषेष प्रषिक्षण का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
10 प्रभावित दिव्यांग बच्चों को यात्रा भत्ता के रूप में प्रतिमाह 300/-रू0 प्रतिमाह (10 माह के लिए) दिया जाता है।
11 सभी कोटि के दिव्यांग बालिकाओं को 200/-रू0 प्रतिमाह (अधिकतम 10 माह के लिए) स्टाईपेंड दिया जाता है।
12 पूर्ण दृष्टिबाधित बालक/बालिका को 200/- रू0 प्रतिमाह (अधिकतम 10 माह के लिए) । का भुगतान किया जाता है।
13 एक्जमपलर माॅड्यूल आधारित कुन 1000/- एक हजार शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाना है।
14 जिला अंतर्गत कार्यरत संसाधन शिक्षक/पुर्नवास विशेषज्ञ/प्रखंड साधनसेवी समावेशी शिक्षा को सेवा कालीन प्रशिक्षण दिया गया है।
15 दिव्यांग बच्चों के माता-पिता को जिला अंतर्गत सभी संकुलों में सबल माॅड्यूल आधरित एक दिवसीय गैर आवासीय विशेष प्रशिक्षण का आयोजन किया गया है।
16 03 दिसंबर विश्व विकलांगता दिवस का आयोजन प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाता है।
17 03-18 आयुवर्ग के सभी कोटि के दिव्यांग बच्चों का डोर-टु-डोर सर्वे कार्य किया जाता है। जिसे प्रत्येक वर्ष अद्यतन किया जाता है।
ऽ सम्रग विद्यालय विकास अनुदान – जिले के 2,997 प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों के समग्र विकास हेतू समग्र विद्यालय विकास अनुदान की राषि 1,688.98500 लाख रुपये निर्गत किया गया।
– पाठ्य-पुस्तक -वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रारंभिक विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को कुल 2,022.92500 लाख रू0 की राशि के विरूद्ध कुल 1,922.14350 रू0 मात्र की राषि विद्यालय शिक्षा समिति के खाते में हस्तांतरित की गई है। विद्यालय शिक्षा समिति के खाते से लाभुकों के खाते में राशि हस्तांतरित की जा रही है एवं सभी संकुल संसाधन केन्द्रों पर पाठ्य-पुस्तक मेला का आयोजन कर छात्र/छात्राओं के द्वारा पुस्तक क्रय की जा रही है।
– शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कमजोर एवं अभिवंचित वर्ग के बच्चों का निजी विद्यालयों में नामांकन:-
गया जिला में प्रस्वीकृति प्राप्त कुल 330 निजी विद्यालयों में कक्षा 1 में कमजोर एवं अभिवंचित वर्ग के बच्चों हेतू शिक्षा का अधिकार अधिनियम तहत आरक्षित कुल 3500 सीट हेतू स्कूगलिंक ऐप के माध्यम से ऑन लाईन आवेदन प्राप्त करते हुए प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय चरण की लाॅटरी के द्वारा कुल 2,333 बच्चों के नामांकन हेतू विद्यालय का आवंटन किया गया।
– राजस्व से संबंधित अधतन प्रतिवेदन
– भू-लगान वसूली –
क्र॰ जिला का नाम लक्ष्य कुल वसूली
बकाया हाल कुल
1 गया 0.00 1503262.00 828944.00 2332206.00
लगान वसूली का सरकार से लक्ष्य नही प्राप्त रहने के कारण लगाान वसूली का माॅग अंकित नही किया गया है।
– आपरेशन दखल-देहानी:-
प्रपत्र-1 का समेकित विवरण
क्र॰ जिला का नाम गैर मजरूआ मालिक गैर मजरूआ आम अधिशेष भूमि भूमि क्रयनीति भूदान कुल
1 गया 97495 3745 15618 4255 3113 12544 136770
प्रपत्र-2 (कुल बेदखल पाये गये पर्चाधारियों की संख्या)
2 गया 1857 0 276 17 221 64 2435
प्रपत्र-3 (कुल दखल दिलाये गये पर्चाधारियों की संख्या)
क्र0 जिला का नाम गैर मजरूआ मालिक गैर मजरूआ आम अधिशेष भूमि भूमि क्रयनीति भूदान कुल
1 गया 1784 0 273 15 221 46 2339
प्रपत्र-4 (आपरेशन दखल देहानी)
क्र0 जिला का नाम प्रपत्र 1 में अपलोड किये गये लाभान्वितों की संख्या प्रपत्र 2 में बेदखल पर्चाधारियों की संख्या प्रपत्र 3 में दखल पर्चाधारियों की संख्या शेष बचे बेदखल पर्चाधारियों की संख्या
1 गया 136770 2435 2339 96
ऽ अभियान बसेरा –
क्र॰ जिला का नाम सर्वेक्षण वितरण समेकित कुल अवशेष कुल
गत माह तक प्रतिवेदित माह में अब तक कुल गैरमजरूआ मालिक गैरमजरूआ आम बी0पी0 एच0टी0 क्रय नीति
01 गया 10430 0 10430 6895 1070 1698 0 9663 767
– जिला आपदा प्रबंधन शाखा, गया –
– जिला आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्राकृतिक/गैर प्राकृतिक आपदा जनित कारणों (जिसे अब विशेष स्थानीय प्रकृतिक की आपदा कहा जाता है) से मारे गये व्यक्ति के निकटतम आश्रित को सदृष्य निर्धारित दर के अनुसार मो॰ 4.00 लाख (चार लाख) रूपये प्रति मृतक/मृतका की दर से अनुग्रह अनुदान की राषि दी जाती है।
ऽ सड़क दुर्घटना की सिथति में सामूहिक क्षति होने पर ही अनुग्रह अनुदान/सहाय्य अनुदान के भुगतान का विभागीय प्रावधान है।
अतः सामूहिक सड़क दुर्घटना के आवश्यक शर्त अनुसार यदि कम से कम एक (01) व्यक्ति की मृत्यु तथा एक (01) व्यक्ति घायल किसी एक सड़क दुर्घटना में होता है तो उसे सामूहिक सड़क दुर्घटना माना जाता है। सामूहिक सड़क दुर्घटना की स्थिति में ही विभाग द्वारा अनुग्रह अनुदान देय है, जिसमें मृतक के आश्रित को 4.00 लाख (चार लाख) रूपये प्रति मृतक की दर से तथा घायल को 4,300.00 (चार हजार तीन सौ) रूपये सहाय्य राशि देय है। सड़क दुर्घटना में यदि मात्र 01(एक) व्यक्ति की मृत्यु होती है तथा कोई अन्य क्षति नहीं होती है तो इसे एकल सड़क दुर्घटना मानते हुए इसमें अनुग्रह अनुदान देय नहीं है।
– अग्निकाण्ड में जलकर मृत्यु होना प्राकृतिक आपदा के अन्तर्गत आता है। जिसमें मृतक के अश्रित को 4.00 लाख (चार लाख) रूपये प्रति मृतक/मृतका की दर से अनुग्रह अनुदान देने का विभागीय प्रावधान है।
(ं) आग लगने पर हुई क्षति हेतु निम्नांकित मदों के अन्तर्गत विभागीय पत्रांक-1973/आ॰प्र॰, दिनांक 26.05.2015 के आलोक में सहाय्य राशि निम्न प्रकार मदवार दर के अनुसार प्रभावित व्यक्ति को दिया जाता है।
(प) खाघान्न- 3,000.00
(पप) नगद अनुदान- 3,000.00
(पपप) क्षतिग्रस्त वस्त्रादि में
(ं) वस्त्रक्षति हेतु- 2,000.00
(इ) वर्तन क्षति हेतु- 1,800.00
(पअ) मकान क्षति – जाँचोपरान्त क्षति के अनुसार
(अ) दुधारू पशु की मृत्यु पर – 30,000.00 रूपये प्रति जानवर
(अप) गैर दुधारू पशु – 25,000.00 रूपये प्रति जानवर
(अपप) गैर दुधारू पशु(बछड़ा, बाछी, काड़ा, काड़ी आदि) – 16,000.00 रूपये प्रति जानवर
(अपपप) फसलक्षति – खलिहान/खेत में आग लगने पर हुई क्षति पर अधिकतम 02 (दो) हेक्टेयर प्रति कृषक निम्न प्रकार दर पर सहाय्य अनुदान देय है-
(प) वर्षा आधारित फसल क्षेत्र में 6800.00 (छः हजार आठ सौ रूपये) प्रति हेक्टेयर
(पप) सुनिष्चित सिंचाई आधारित फसल क्षेत्र में – 13500.00 (तेरह हजार पाँच सौ) रूपये प्रति हेक्टेयर राषि देय है।
उपरोक्त नियमों का पालन करने हेतु विगत विŸाीय वर्ष 2018-19 में (प्राकृतिक/गैर प्राकृतिक आपदा) विषेष स्थानीय प्रकृति आपदा में भुगतान निम्न प्रकार किया गया है-
(।) प्राकृतिक एवं गैर प्राकृतिक आपदा (अग्निकाण्ड छोड़कर) में मृतकों के आश्रितों को विŸाीय वर्ष 2018-19 में भुगतान की गई राषि – 33298900.00 रूपये
(ठ) प्राकृतिक आपदा, अग्निकाण्ड में विŸाीय वर्ष 2018-19 में मदवार व्यय की गई राषि का केरिासेकरािरेकििववरण निम्न प्रकार है- ं
(1) जल कर मृत्यु होने पर अनुग्रह अनुदान के व्यय की राषि – 4,00,000.00 रूपये
(2) खाद्यान्न – 3,61,967.00 रूपये
(3) नगद अनुदान – 4,06,000.00 रूपये
(4) क्षतिग्रस्त मकान – 4,08,800.00 रूपये
(5) क्षतिग्रस्त वस्त्रादि – 4,43,700.00 रूपये
(6) फसलक्षति – 2,64,00.00 रूपये
(7) दुधारू पशुओं के लिए – 50,000.00 रूपये
(8) गैर दुधारू पशुओं के लिए – 1,30,000.00 रूपये
विŸाीय वर्ष-2019-20 में अब तक विभाग से प्राप्त आंवटन के विरूद्ध अग्निकाण्ड के निम्न 05 (पाँच) मदों में मदवार निम्न प्रकार अद्यतन उपावंटन किया गया है-
(1) खाद्यान्न- 15,40,000.00 रूपये
(2) नगद अनुदान- 16,10,000.00 रूपये
(3) क्षतिग्रस्त वस्त्रादि- 16,10,000.00 रूपये
(4) मकानक्षति- 16,10,000.00 रूपये
(5) फसलक्षति- 12,60,000.00 रूपये
वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रकृतिक/गैर प्राकृतिक आपदा (अग्निकाण्ड को छोड़कर) में मृतकों के आश्रितों को भुगतान हेतु अंचलों को अब तक अद्यतन उपावंटित राशि – 24,08,600=00 रूपये है।
– जिला प्रोग्राम कार्यालय
गया जिलान्तर्गत आई॰सी॰डी॰एस॰ सेवाएॅ के तहत विकासात्मक कार्यो एवं गतिविधियों का योजनावार सार निम्नवत् है-
– सेविका/सहायिका चयन:- सेविका/सहायिका चयन मार्गदर्शिका 2016 के आलोक में समाज कल्याण विभाग, बिहार पटना द्वारा सेविका 890 के विरूद्ध 763 एवं सहायिका 825 के विरूद्ध 580 का चयन आम सभा का आयोजन कराकर चयन समिति द्वारा की गयी है।
– प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना:- प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के तहत गर्भवती/धातृ महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सुधार लाने तथा गर्भावस्था के दौरान हुये हम स्वेे के विरूद्ध उन्हें आर्थिक मदद के रूप में प्रथम संतान के लिए 5,000/- रूपये की राषि का भुगतान तीन किस्तों में किया जाता है।
सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य ग्यारह आवेदन प्रति आँगनबाड़ी केन्द्र कुल 48,301 के विरूद्ध 21,226 आवेदन प्राप्त कर विभागीय बेवसाईट पर अपलोड किया गया है। गया जिला की कुल उपलब्धि 43.95ः है।
– मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना:- मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के तहत कुल 8,881 लाभार्थियों को गया जिला में लाभ मुहैया कराया गया है।
– पोषाहार:- सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2019-20 में गया जिलान्तर्गत सभी आँगनबाड़ी केन्द्रों पर नामांकित बच्चों को नियमित रूप से पोषाहार उपलब्ध कराने हेतु सभी बाल विकास परियेाजना कार्यालयों को कुल 11,04,90,758 रूपये का आवटंन उपलब्ध कराया गया है जिसके विरूद्ध 3,66,25,615 रूपये की राशि का व्यय की गयी है।
– योजना के तहत गया जिलान्र्गत सभी आँगनबाड़ी केन्द्रो को ऑन लाईन प्रतिवेदन अपलोडिंग हेतु उपलब्ध कराया गया है। संचालित आँगनबाड़ी केन्द्र 4,432 के विरूद्ध 978 का डाटा अपलोडिंग कराया गया है। उपलब्धि प्रतिशत 22.07ः है।
– अन्नप्राशन योजना:- गया जिलान्तर्गत सभी आँगनबाड़ी केन्द्रो पर प्रत्येक माह के 19वीं तारीख को अन्नप्राषन योजना का आयोजन किया जाता है। इस कार्य हेतु सरकार द्वारा 250/- प्रति आँगनबाड़ी केन्द्र उपलब्ध करायी है। इस योजना के तहत 06 माह से अधिक उम्र के बच्चों के अविभावकों को ऊपरी आहार खिलाने की विधि की प्रदर्शनी की जाती है।
– कार्यालय, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, गया।
– प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण):-
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) केन्द्र प्रायोजित योजना है। इस योजना में लाभुकों का चयन सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना की सूची से की जा रही है। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अन्तर्गत प्।च् जिलों में गया जिला भी शामिल है में, 1,30,000/- रूपया प्रति चयनित परिवार को तीन किश्तों में दिया जाता है। प्रथम किश्त-45,000/- रूपया (प्लींथ लेवल), द्वितीय किश्त-45,000/- रूपया (लिंटल लेवल) एवं तृतीय किश्त-40,000/- रूपया (छत ढलाई) दिया जाता है। प्रधानमंत्री आवास योजना अन्तर्गत स्वच्छ रसोईघर सहित 25 वर्गमीटर निर्धारित किया गया हैं। आवास निर्माण के लिए मनरेगा के अभिसरण से प्।च् जिलों में 95 दिनों का श्रम दिवस के लिए अकुशल मजदुरी का भुगतान किया जाता है। शौचालय निर्माण के लिए लोहिया स्वच्छता अभियान के अन्तर्गत 12,000/- रूपया प्रति लाभुक की सहायता राशि उपलब्ध करायी जाती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 एवं 2017-18 के लिए गया जिला को 54,241 इकाई लक्ष्य प्राप्त हुआ है। उक्त लक्ष्य के विरूद्ध 46,989 इकाई स्वीकृत कर दिया गया है, जो प्राप्त लक्ष्य का 87 प्रतिशत है। जिसमें से 26,409 आवास पूर्ण कर लिया गया है, जो कुल लक्ष्य का 48.69 प्रतिशत है। शेष आवासों को पूर्ण करने हेतु प्रखण्डों से समन्वय स्थापित कर पंचायतवार, प्रखण्डवार एवं जिला स्तर पर बैठक कर शेष अपूर्ण आवासों को पूर्ण करने की कार्रवाई की जा रही है।
– लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान –
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान अन्तर्गत गया जिला को 6,50,381 प्राप्त लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 6,28,978 लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। 332 ग्राम पंचायतों में से अब तक 270 ग्राम पंचायत को पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, भारत सरकार के वेबसाईट पर ‘खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया है। शेष पंचायतों को राज्य स्तरीय राज्य संसाधन सेवी, जिला संसाधन सेवी एवं स्वच्छाग्राहियों के माध्यम से ग्रामीणों को शौचालय निर्माण, उसके उपयोग एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हुए प्रयास किया जा रहा है। गया जिला अन्तर्गत शेयरिंग शौचालय की संख्या-21,403 है, जिसे व्यक्तिगत शौचालय में परिवर्तित करने हेतु लाभार्थियों द्वारा स्वयं शौचालय निर्माण के लिए प्रयास किया जा रहा है।
जिले में अब तक 1,88,241 लाभार्थियों को शौचालय निर्माण एवं जियो टैगिंग उपरान्त बैंक के माध्यम से सीधे लाभार्थियों के खाते में प्रोत्साह्न राषि का भुगतान किया जा चुका है।
– मनरेगा:-
मजदूरों के पलायन को रोकने के उद्देष्य से मनरेगा अन्तर्गत 100 दिनों का रोजगार मुहैया कराया जाना है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में मनरेगा अन्तर्गत 54,50,930 लाख मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य निर्धारित है, जिसके विरूद्ध अबतक 11,41,450 लाख मानव दिवस सृजित किया गया है। कुल उपलब्ध राशि मो0 2,322.16 लाख रूपये के विरूद्ध मो0 2,321.95 लाख रूपये का व्यय किया गया है, जो उपलब्ध राशि का 100 प्रतिशत है। इस योजना के तहत 81,676 योजनाएं ली गई है, जिसके विरूद्ध 46,208 योजनाएँ पूर्ण किया जा चुका है। मनरेगा कार्यक्रम का लाभ जरूरतमंदों तक पहुँचाने एवं विशेष कर जल संरक्षण एवं जल संचय को बढ़ाने एवं संभावित सुखाड़ के मद्देनजर ग्राम पंचायतों में 3,365 सिंचाई की योजना लिया गया है एवं 10,62,400 वृक्ष लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके आलोक में कार्रवाई किया जा रहा है। जल संरक्षण हेतु 1,660 बोर वेल रिचार्ज की योजना प्रारम्भ करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके विरूद्ध 26 बोर वेल रिचार्ज पर कार्य प्रारम्भ है। मनरेगा अन्तर्गत प्रति पंचायत 15 निर्माण कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
– स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों का प्रतिवेदन
– गया जिलान्तर्गत कुल 17 प्राईवेट अस्पताल द्वारा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) अन्तर्गत म्उचंदमसउमदज हेतु राज्य सुरक्षा समिति को भेजी गई है जिसमंे तीन अस्पताल से आयुष्मान् भारत के तहत ईलाज शुरू हो गया है।
– सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र – प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मानपुर, बांकेबाजार, बेलागंज, परैया, आमस, वजीरगंज, बोधगया, इमामगंज, खिजरसराय, कोंच, फतेहपुर, मोहनपुर, अतरी, गुरूआ, मोहड़ा, बाराचट्टी एवं अति॰प्रा॰स्वा॰केन्द्र, महकार में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनकर तैयार है। उसमें कार्य किया जा रहा है।
– जननी एवं बाल सुरक्षा योजना – जननी एवं बाल सुरक्षा योजना के अन्तर्गत 2019-20 वित्तीय वर्ष में अबतक 6,388 संस्थागत प्रसव कराये गये हैं।
– बंध्याकरण आपरेषन – जनसंख्या स्थिरिकरण के उद्देश्य से परिवार कल्याण बंध्याकरण आपरेषन वित्तीय वर्ष 2019-20 में अबतक 675 बंध्याकरण आपरेषन कराया गया है।
– पी॰पी॰आई॰यू॰सी॰डी॰ – इस वित्तीय वर्ष में 541 लाभार्थियों को पी॰पी॰आई॰यू॰सी॰डी॰ की सुविधा दी गयी है।
– आई॰यू॰सी॰डी॰ – इस वित्तीय वर्ष में 1540 लाभार्थियों को आई॰यू॰सी॰डी॰ की सुविधा दी गयी है।
– अंतरा – अंतरा कार्यक्रम अंतर्गत 811 लाभार्थियों को सुविधा दी गयी है।
– प्रतिरक्षण – एच॰एम॰आई॰एस॰ आँकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 में 15,049 बच्चों को पूर्ण प्रतिरक्षित किया गया है।
– रेडियोलाॅजी – जिले में कुल 9 अस्पतालों मे सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
– अल्ट्रासाउण्ड – यह सुविधा (जे॰पी॰एन॰, शेरघाटी, टिकारी, प्रभावती अस्पताल) गया में उपलब्ध कराया गया है।
– एन॰बी॰सी॰सी॰ – 24 स्वास्थ्य संस्थानों में नवजात षिषुु के बेहतर देखभाल हेतु नवजात शिशु देखभाल कक्ष की स्थापना की गयी है।
– एन॰बी॰एस॰यु॰ – अनु॰ अस्पताल, शेरघाटी में 05 बेड का एन॰बी॰एस॰यु॰ कार्यरत है।
– एस॰एन॰सी॰यू॰ – प्रभावती अस्पताल, गया में 12 बेड का एस॰एन॰सी॰यू॰ कार्यरत है।
– जिले के 27 अस्पतालों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से 24 ग 7 निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु ध्वनि रहित जेनरेटर, साफ-सफाई, पथ्य की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
– गया जिलान्तर्गत 15 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं 09 स्वास्थ्य उपकेन्द्र में एल 1 की सुविधा प्रदान की जा रही है।
– अर्श काॅर्नर एडोलेसेन्ट हेल्थ के लिए सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत हैं।
– परिवार कल्याण काउंसलिंग सेंटर चार स्वास्थ्य संस्थानों (जे॰पी॰एन॰, शेरघाटी, टिकारी, प्रभावती अस्पताल) में कार्यरत हैं।
– संजीवनी कार्यक्रम के तहत जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों का निबंधन एवं दवा वितरण का प्रतिवेदन ऑन लाईन किया जा रहा है एवं वृद्ध व्यक्तियों के लिए अलग से बैठने की व्यवस्था की गयी है।
– गया जिला के नशा मुक्ति केन्द्र में अब तक कुल 820 मरिजों का ईलाज किया जा चुका है। इसके अंतर्विभागीय कक्ष में 295 मरिजों का ई्रलाज किया जा चुका है। अब तक कुल 25 मरिजों को रेफर अनु॰ना॰म॰मे॰काॅ॰ अस्पताल, गया में किया गया है।
– ओ॰पी॰डी॰ में कुल 50 के विरूद्ध 35 प्रकार एवं आई॰पी॰डी॰ में कुल 34 के विरूद्ध के 28 प्रकार की आवष्यक दवाओं को निःषुल्क दिया जा रहा है।
– राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत कुल 33 दल कार्यरत है जिनके जिलान्तर्गत सभी सरकारी विद्यालय एवं आंगनबाड़ी में जाकर 5,85,377 बच्चों की स्वास्थ्य जांच की गयी है।
– हेल्थ वेलनेस सेंटर 21 संस्थानों में शुरू किया जा चुका है।
– गया जिलान्तर्गत निक्षय पोषण योजना के तहत कुल 1,378 टी॰बी॰ रोगियों को क्ठज्के माध्यम से 10,51,000/- रूपया उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की गयी है।
– एन॰पी॰सी॰डी॰एस॰ – नेशनल प्रोग्राम फाॅर कैंसर, डायबिटीज एण्ड कारडियोवेसकुलर सर्विस जिले के जय प्रकाश नारायण अस्पताल में ओ॰पी॰डी॰ सर्विस साथ ही जिलान्तर्गत 18 प्रा॰स्वा॰ केन्द्रों में आयुष ओ॰पी॰डी॰ के माध्यम से सुविधा दी जा रही है।
– मिजिल्स रूबैला – गया जिलान्तर्गत कुल 09 माह से 15 वर्ष के कुल 1577053 बच्चों को मिजिल्स रूबैला का टीका दिया जा चुका है।
– इस वित्तीय वर्ष में 20,956 गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण किया जा चुका है, जिसमें से 14,211 महिलाओं का पंजीकरण प्रथम तिमाही के अंदर किया गया है।
– 12,860 गर्भवती महिलाओं को चार प्रसव पूर्व जाँच की गयी है।
– 374 गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जाँच के दौरान होमोग्लोबिन 7 ग्राम से कम पाया गया जिसमंे से 147 महिलाओं का ईलाज किया गया।
– इस वित्तीय वर्ष में आशा एवं ए॰एन॰एम॰ के द्वारा 8,893 जीवित बच्चों के जन्म की सूचना दी गयी है। जिसमें से 8,338 बच्चों का वजन किया गया है एवं 8,294 बच्चों को एक घंटे के अंदर माँ का दूध पिलाया गया।
– इस वित्तीय वर्ष में प्रसव के दौरान 750 बच्चे जो ढ़ाई किलोग्राम से कम हुए हैं।
– एन॰आर॰सी॰ – गया जिले में कुपोषित बच्चों को बेहतर सुविधा देने हेतु प्रा॰स्वा॰ केन्द्र, मानपुर में एन॰आर॰सी॰ संचालित की जा रही है।
– गया जिलान्तर्गत 5,17,841 मरीजों का ईलाज इस वित्तीय वर्ष में की गयी है एवं 13,759 मरीजों को अतः कक्ष सेवा प्रदान की गयी।
– गया जिले में कुल 114 एस॰बी॰ए॰ ट्रेंड ए॰एन॰एम॰ द्वारा 154 प्रसव क्षेत्र भ्रमण के दौरान अपने क्षेत्रों में कराया गया है।
– सी॰ सेक्शन – इस वित्तीय वर्ष में 328 सी॰सेक्शन किया गया है। सी॰ सेक्शन की सुविधा सभी एफ॰आर॰यू॰ एवं जिला अस्पताल में दी जा रही है।
– उत्पाद विभाग
– दिनांक 05ण्04ण्2016 से संपूर्ण राज्य में मद्यनिषेध नीति लागू होने के पश्चात् दिनांक 05ण्04ण्16 से 30ण्06ण्2019तक मद्यनिषेध के तहत् उत्पाद विभाग एवं पुलिस विभाग की गयी छापामारी
– तक मद्यनिषेध के तहत् उत्पाद विभाग एवं पुलिस विभाग की गयी छापामारी में जब्त शराब के विनष्टीकरण की विवरणी:-
विभाग का नाम
प्रतिवेदित कांड की सं॰ कुल बरामद् शराब की मात्रा विनष्टीकरण कांड की सं॰ विनष्ट की गयी शराब की कुल मात्रा (ली॰) विनष्टीकरण हेतु लंबित कांड की सं॰ विनष्टीकरण हेतु शेष शराब की मात्रा ब्रामद्गी के विरुद्व विनष्ट की गयी शराब
– तक मद्यनिषेध के तहत् उत्पाद विभाग एवं पुलिस विभाग की गयी छापामारी में जब्त वाहनों एवं नीलामी की स्थिति:-
विभाग का नाम जब्त वाहनों की संख्या राजसात् वाहनों की संख्या राजसात् वाहनों की नीलामी की अद्यतन स्थिति कुल नीलाम वाहन की संख्या नीलामी से प्राप्त कुल राशि दो पहिया वाहन तीन पहिया चार पहिया वाहन व्यवसायिक वाहन
पुलिस 1678 286 71 10 26 4 111 5460600
उत्पाद 556 89 14 1 8 1 24 2674500
कुल 2235 375 85 11 34 05 135 81,35,100
नोट:- यह उपलब्धि बिहार में सर्वोपरि है।
– मद्यनिषेध के तहत् उत्पाद विभाग एवं पुलिस विभाग दर्ज वादों में सजा की स्थितिः-
विभाग का नाम सजायाफ्ता व्यक्तियों की संख्या सजा
शराब सेवनकर्त्ता शराब विक्रेता शराब सेवनकर्त्ता शराब विक्रेता
पुलिस 04 08 प्रत्येक को 5-5 वर्ष की कारावास एवं 1.1 लाख रुपये का जुर्माना। प्रत्येक को 10-10 वर्ष की कारावास एवं 1.1 लाख रुपये का जुर्माना।
उत्पाद 0 0 . .
कुल 04 08
– मद्यनिषेध के अंतर्गत उत्पाद विभाग की गयी छापामारी आदि की विवरणी:-
छापामारी दर्ज अभियोग गिरफ्तारी/जेल देषी शराब
(ली॰ में) विदेशी शराब
(ली॰ में) महुआ फूल
(कि॰ ग्रा॰ में)
96 44 46 1023 516 900
ऽ मद्यनिषेध के अंतर्गत उत्पाद विभाग द्वारा की गयी छापामारी में जब्त शराब के विनष्टीकरण की विवरणी
प्रतिवेदित कांड की सं॰ कुल बरामद् शराब की मात्रा
(ल॰ में) विनष्टीकरण कांड की सं॰ विनष्ट की गयी शराब की कुल मात्रा (ली॰ में) विनष्टीकरण हेतु लंबित कांड की सं॰ विनष्टीकरण हेतु शेष शराब की मात्रा में
(ल॰ में) बरामदगी के विरुद्व विनष्ट की गयी शराब का प्रतिशत
24 1539 0 0 24 1539 .
ऽ मद्यनिषेध के तहत् उत्पाद विभाग की गयी छापामारी में जब्त वाहनों एवं नीलामी की स्थिति:-
विभाग का नाम जब्त वाहनों की संख्या राजसात् वाहनों की संख्या राजसात् वाहनों की नीलामी की अद्यतन स्थिति कुल नीलाम वाहन की संख्या नीलामी से प्राप्त कुल राशि दो पहिया वाहन तीन पहिया चार पहिया वाहन व्यवसायिक
वाहन
उत्पाद 15 4 0 0 0 0 0 0
– मद्यनिषेध के तहत् उत्पाद विभाग द्वारा दर्ज वादों मेंसजा की स्थितिः-
विभाग का नाम सजायाफ्ता व्यक्तियों की संख्या सजा।
– जिला कार्यक्रम प्रबंधन इकाई सक्षम-सह-बुनियाद केंद्र, गया।
– बुनियाद केंद्र की सेवा – सक्षम जिला इकाई द्वारा बिहार समेकित सामाजिक सुरक्षा सुदृढ़ीकरण योजना के अंतर्गत जिला स्तर पर बुनियाद केंद्र चंदौती मोड़, रघुनाथ नगर गया में चल रहा है। बुनियाद केंद्र में वर्तमान में फिजियोथेरेपी सेवा, स्पीच थेरेपी, ऑडियो जांच, भावनात्मक सहयोग, पेंशन संबंधित मार्गदर्शन की सेवा दी जा रही है। जून माह में बुनियाद केंद्र में अभी तक कुल 72 लाभार्थियों (फिजियोथेरेपी 25, ऑडियो 5, स्पीच थेरेपी 2, गाइडेंस सहयोग मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना 35, काउंसलिंग 5) को सेवा दी गई है। मोबाइल थेरेपी वैन के माध्यम से सेवा- मोबाइल थेरेपी वैन के माध्यम से गांव सुदूर जगहों पर कैंप लगाया जाता है और विभिन्न थेरेपी सेवा दी जाती है साथ ही जिला में चल रहे सामाजिक सुरक्षा के अंतर्गत चल रहे पेंशन योजना का प्रचार प्रसार किया जाता है। जून माह में मोबाइल थेरेपी के माध्यम से सगाही ग्राम गुरुवा प्रखंड, करमोनी ग्राम डोभी, शेखवाड़ा गोवाहाटी ग्राम बोधगया, दुलरीया चक ग्राम गया सदर में कैंप लगाया गया। कैंप में ग्रामीणों को फिजियोथैरेपी सेवा और स्पीच थेरेपी सेवा प्रदान की गई। और साथ ही मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना के संबंध में लाभार्थियों को मार्गदर्शन दिया गया और प्रचार-प्रसार किया गया। वैन के माध्यम से जून माह में अभी तक कुल 156 लाभार्थियों को सेवा दी गई है। बालगृह में काउंसलिंग और थेरेपी सेवा- बुनियाद केंद्र के काउंसलर फिजियोथेरेपिस्ट और स्पीच थैरेपिस्ट प्रत्येक सप्ताह में 2 दिन बाल गृह जाते हैं। वहां तकनीकी कमी बच्चे की काउंसलिंग करते हैं तथा साथ हैं जरूरत के अनुसार अन्य थेरेपी सर्विस देते हैं साथ ही बच्चे के मेडिकल जांच में बच्चों को होम से मेडिकल हॉस्पिटल लाने और ले जाने में गार्ड, ऑफिस ब्वॉय, बालगृह के स्टाफ को सहयोग प्रदान करते हैं।
मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना का प्रचार प्रसार एवं सहयोग – जून माह में मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना को मिशन मोड में चलाया जा रहा है। इस संदर्भ में बुनियाद केंद्र आने वाली लाभार्थियों को इस पेंशन योजना की जानकारी दी गई साथ ही मोबाइल थेरेपी वैन के माध्यम से भी इस योजना का प्रसार किया गया।
भवन प्रमंडल गया द्वारा 16 विभागों के 72 योजनाओं को लिया गया है जिसमें 46 योजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है तथा 24 योजनाओं पर कार्य प्रगति में है।
– नीति आयोग
वामपंथी उग्रवाद के प्रसार के कारण गया को भारत के आकांक्षी जिलों में से एक माना जाता है। हमारा उद्देश्य वामपंथी प्रभावित जिलों में जमीनी चुनौतियां का हल निकालना है। प्रमुख 6 मापदंडों में स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, बुनियादी ढांचे और कौशल विकास के मामले में आकांक्षात्मक जिला कार्यक्रम का परिवर्तन तेजी से पिछड़े जिले को बदल देता है। गया की तरह पूरे भारत में अन्य 117 आकांक्षात्मक जिला हैं। जिन्हें एक डैशबोर्ड के माध्यम से नियमित रूप से नीति आयोग द्वारा मॉनिटर किया जा रहा है। यह चैंपियन ऑफ चेंज डैशबोर्ड है। जिसके माध्यम से प्रत्येक जिला इन उपरोक्त क्षेत्रों में अपनी मासिक प्रगति अपलोड करता है। जनवरी माह में गया ने स्वास्थ्य और पोषण क्षेत्र में प्रथम स्थान प्राप्त किया है जबकि दिसंबर में गया ने डेल्टा रैंक के अंतर्गत अकेले स्वास्थ्य क्षेत्र में 80 रैंक तथा पोषण में 103 रैंक प्राप्त किया था। इसका अंक 50.5 था किंतु जनवरी माह में विभिन्न मानकों यथा संस्थागत प्रसव (इसमें निधि संस्था के डाटा भी शामिल हैं), क्षय रोग से संबंधित इलाज, जीवित बच्चों के जन्म, टीकाकरण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में गया ने काफी सुधार किया है। गया ने स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में 54.2 अंक प्राप्त किया है। जिस कारण भारत भर के आकांक्षी जिलों के डाटा बैंक में गया का स्थान पांचवा हो गया। इस कारण से नीति आयोग ने गया को 3 करोड़ रुपए का इनाम दिया है। जिला पदाधिकारी तथा अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों के तत्वावधान में गया ने यह लक्ष्य निर्धारित किया है कि अतिशीघ्र वह आकांक्षी जिला स्टेट से निकलकर देश के विकसित जिलों के श्रेणी में शामिल हो जाएगा। अभी तक कुछ मानकों में गया जिले में निर्धारित लक्ष्य को लगभग प्राप्त कर लिया है यथा आई एच एच एल स्टेटस, ग्राम पंचायत स्तर पर सीएससी, ग्राम पंचायत इंटरनेट सेवा के साथ, स्वच्छ पेयजल के लिए 121 चापाकल तथा 158 महिला शौचालय के साथ स्कूल, चलित विद्युत के साथ स्कूल। कई ऐसे इश्यूज हैं जिसे विशेष हस्तक्षेप के द्वारा हल किया गया है। जैसे सभी स्वास्थ्य केंद्रों को लेबर तथा ओटी रूम के साथ ऑपरेट करना, शेरघाटी एसडीएच के पास आधुनिक जच्चा बच्चा केंद्र पहले से ही है, जिसके लिए यूनिसेफ ने सहायता प्रदान किए हैं। जिले के विभिन्न हिस्सों में संस्थागत प्रसव को प्रमोट करने के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए 22 एंबुलेंस संचालित किए जा रहे हैं। जिले के 02 सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास स्थापित करने के प्रयास जारी है। केवीके को कंप्यूटर सेट का प्रावधान दिया जा रहा है, साथ ही स्पोट्र्स इक्विपमेंट्स भी उन्हें दिया जा रहा है। एल डब्ल्यू ई प्रभावित प्रखंडों में 20 पुस्तकालय की स्थापना की जा रही है।
– विशेष केन्द्रीय सहायता योजना:- योजना एवं विकास विभाग बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा संचालित विशेष केंद्रीय सहायता योजना के अंतर्गत जिले के सुदूरवर्ती 7 प्रखंडों के दूरस्थ पंचायतों में मेगा प्रशासनिक कैम्प का किया गया आयोजन’ किया गया। इमामगंज के सलैया से इसकी शुरुआत की गई इसके बाद बांके बाजार के लुटूआ, बाराचट्टी के पतलूका, फतेहपुर के गुरपा, टिकारी के मखदुमपुर, डुमरिया प्रखंड के मेहुड़ी एवं डोभी के नादरपुर में मेगा प्रशासनिक सह स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। इन मेगा कैंप में केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के लगभग सभी विभागों ने अपने अपने स्टॉल लगाए तथा लाभुकों के आवेदनों पर ऑन द स्पॉट कार्रवाई की गई। अनेक लाभुकों को ऑन द स्पॉट राशन कार्ड, उज्वला योजना के अंतर्गत अनेक लाभुकों को गैस कनेक्शन दिया गया। कुशल युवा कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके युवाओं को प्रमाण पत्र भी प्रदान किया गया।
– भवन प्रमण्डल
– भवन प्रमंडल गया द्वारा 16 विभागों के 72 योजनाओं को लिया गया है जिसमें 46 योजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है तथा 24 योजनाओं पर कार्य प्रगति में है।
– कृषि विभाग
– वितीये वर्ष 2018-19 में खरीफ मौसम में गया जिले के 78,161 किसानों को लगभग 11,27,69,783 रुपये डीजल अनुदान मद में वितरण किया गया है एवं रबी मौसम में 78,466 किसानों को 10,77,20,252 रुपये डीजल अनुदान मद में वितरण गया है।
– खरीफ 2018 में गया जिले में सुखाग्रस्त प्रखंडों में कृषि इनपुट अनुदान वितरण योजना के तहत 86,000 किसानों को 75,92,18,798 रुपये का अनुदान वितरण किया गया है।
– मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के तहत गया जिले के 75,583 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड से आच्छादित किया गया है।
– वित्तीय वर्ष 2018-19 में मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना के तहत किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान धान, गेहूँ, मसूर एवं चना बीज उपलब्ध कराते हेतु 9,985 किसानों को लाभान्वित किया गया है, खरीफ 2019 में मुख्यमंत्री तीव्र बीज विस्तार योजना के तहत किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान धान बीज का वितरण किया जा रहा है।
– विगत वर्ष 2018-19 में सुखाग्रस्त प्रखंडों में किसानों के परती खेतों में बुआई हेतु वैकल्पिक फसल के रुप में खरीफ 2018 में मक्का 200 क्वीं, अरहर 600 क्वीं एवं रबी मौसम में चना 3899.10 क्वीं बीज का वितरण कराते हुए 21,205 किसानों को लाभान्वित किया गया।
– वितीय वर्ष 2018-19 के बीज ग्राम योजना के तहत प्रमाणित बीज उत्पादन हेतु 50 प्रतिशत अनुदान पर धान, गेहूँ, मसूर एवं चना आधार बीज उपलब्ध कराया गया जिसके तहत गया जिले के 5,208 किसानों को लाभान्वित किया गया है।
– खरीफ 2019 में मिनीकिट योजना के तहत तनावरोधी प्रभेद सहभागी धान बीज 80 प्रतिशत अनुदान पर वितरण किया जा रहा है।
– वित्तीय वर्ष 2018-19 में कृषि यांत्रिकीरण योजनान्तर्गत 2829 किसानों को विभिन्न कृषि यंत्रो की खरीद पर मो0 6,36,34,496.00 रु0 का अनुदान वितरण किया गया है।
– जिला परिवहन शाखा
मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के अंतर्गत अबतक जिले में 339 लाभुकों को वाहन उपलब्ध कराया गया है। 3.39 लाख रूपये अनुदान की राशि वितरित की जा चुकी है।
– जल शक्ति अभियान
हाल के दिनों में उत्पन्न जल संकट एवं हीटस्ट्रोक को देखते हुए जल शक्ति अभियान के तहत जल संचय एवं पारंपरिक जलाशयों का जनाधार आवश्यक हो गया है इसके लिए जिला प्रशासन ने कार्य प्रारंभ कर दिए हैं और इसके अंतर्गत सभी पारंपरिक जलाशय का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। लघु सिंचाई विभाग को 4 बड़े-बड़े जलाशयों का जीर्णोद्धार करने का निर्देश दिया गया। जलाशयों के जीर्णोद्धार में उनकी गहराई बढ़ाई जाय तथा पानी आने की रस्ते की सफाई कराई जाए। सभी सरकारी भवनों में ग्राउंड वाटर रिचार्ज के लिए सोक पीट का निर्माण करवाया जा रहा है। वर्षा का पानी, नल जल योजना के तहत स्थापित नालों से निकलने वाले पानी एवं नालियों के पानी के संचय एवं सदुपयोग हेतु कार्ययोजना बनाई गई है। जल संकट से प्रभावित तीन प्रखंड इमामगंज, डुमरिया एवं मानपुर जहां शत प्रतिशत जल संचयन के लिए सॉकपिट बनवाना जा रहा है। अन्य सभी प्रखंडों में 25 में सॉकपिट बनवाया जाएगा पौधरोपण -10 अगस्त 2019 तक 20 लाख पौधारोपण का कार्य संपन्न कराना कराया जाएगा। हर बच्चा एक पौधा, हर व्यक्ति एक पौधा, हर परिसर हरा परिसर, यही हमारा नारा है। शिक्षा विभाग द्वारा 4 लाख पौधारोपण किया जाएगा, वैसे संस्था या व्यक्ति जो 500 से अधिक पौधारोपण करेंगे उनके हम स्वयं जिलाधिकारी जाएंगे और उन्हें विशेष अवसर पर पुरस्कृत एवं सम्मानित भी किया जाएगा जिले में सर्वाधिक पौधारोपण करने वाले को विशेष रूप से सम्मानित किया जाएगा। कोई भी व्यक्ति जो पौधारोपण नहीं कर सकते लेकिन इस पुनीत कार्य में अपना योगदान देना चाहते हैं, उनके लिए हरित गया कोष बनाया गया है,जिसमें वे चेक या बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से दान दे सकते हैं। इसके अतिरिक्त एक दान पेटिका (पारदर्शी डब्बा वाला) ताला लगाकर प्रमुख स्थल पर रखवाया जाएगा, जिसमें कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से दान दे सकते हैं। पौधा लगाने वाले अपना नाम, पता एवं किए गए पौधारोपण के साथ अपना फोटो व्हाट्सएप कर सकते हैं। पौधारोपण करने वाले की सूची डेस्क बोर्ड पर अपलोड किया जाएगा। इसके लिए मोबाइल नंबर 9708890093 जारी किया गया है। निजी भवनों में जल संचय हेतु सॉक पीट बनवाने में मात्र ₹4500 की लागत आ रही है।
अशोक कुमार अंज
लेखक-कवि- फ़िल्मी पत्रकारबाबू
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गया एक नज़र आलेख,
अक्षरजीवी अशोक कुमार अंज
कवि- फ़िल्मी पत्रकारबाबू
वजीरगंज, गया, बिहार