नीलाम पत्र वादों में वसूली की डीएम अभिषेक सिंह ने की समीक्षा
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गया के नीलाम पत्र वादों में वसूली की समीक्षा करते डीएम अभिषेक सिंह |
गया : गया के समाहरणालय सभाकक्ष में जिलाधिकारी अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में बकायेदारों के विरुद्ध चल रहे नीलाम पत्र वाद की सुनवाई कार्रवाई एवं वसूली की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान भूदान के मामले में बाराचट्टी का एक मामला जिसके अंतर्गत तत्कालीन अध्यक्ष कुमार शुभ मूर्ति द्वारा वर्ष 2016-17 में समिति की बैठक कर 07 एकड़ जमीन एक ट्रस्ट को दे दिया गया। यही जमीन 1995 में लगभग 200 परिवारों को आवासन हेतु दिया गया था, जहां कि वे नहीं बसे थे। इसी जमीन पर कुछ नए परिवार आकर बस गए और उन्हें पर्चा भी दे दिया गया। भूदान मंत्री से इस संबंध में जिलाधिकारी द्वारा पूछने पर भू दान मंत्री ने बताया कि इस मामले में उनसे कोई प्रतिवेदन अध्यक्ष भूदान द्वारा नहीं लिया गया था। जिला निमली नाम पत्र वाद पदाधिकारी को इस मामले में कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया। उल्लेखनीय है कि भूदान को अब राजस्व पर्षद के जिम्मे ले लिया गया है। और इसके तहत जितने भी जमीन दानपत्र के अभिलेख हैं उनकी इन्वेंटरी कराई जा रही है। लगभग 8836 अभिलेख हैं। जिलाधिकारी ने 15 अगस्त 2019 तक इन्वेंटरी का कार्य पूर्ण कराने का निर्देश भू दान मंत्री को दिया।
नीलाम पत्र वादों में वसूली की बैठक में समीक्षा करते डीएम
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वर्ष 2011-12, 2012- 13 एवं 2013 -14 के बहुचर्चित प्रमादी मिलर मामले में जिला प्रबंधक राज्य खाद्य निगम ने बताया कि इस मामले में कुल 48 मिलर सम्मिलित थे जिनमें से 38 प्रमादी मिलरों के विरुद्ध नीलाम पत्र वाद चल रहा है। कुल 59 करोड़ 64 लाख रुपये की वसूली इनसे करनी थी। जिनमें से 19 करोड़ 58 लाख रुपए की वसूली हुई। तथा 40 करोड़ 15 लाख रुपये की वसूली बाकी है। इसके अतिरिक्त 13 सरकारी कर्मियों से भी वसूली की जानी है। बताया गया कि सभी मित्रों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है तथा 4 प्रमादी मिलरों के विरुद्ध बॉडी वारंट भी निर्गत हुआ है, माननीय उच्च न्यायालय द्वारा इस पर स्थगन आदेश जारी किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि बॉडी वारंट पर स्थगन आदेश दिया गया है न की वसूली की कार्रवाई पर, उनके विरुद्ध वसूली की कार्रवाई की जाए। उन्होंने सभी मामलों में तेजी से वसूली की कार्रवाई करने का निर्देश दिया और इसके लिए हर संभव कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने जिले के सभी नीलाम पत्र वाद पदाधिकारी को सप्ताह में कम से कम 2 या 3 दिन सुनवाई कर अपने जिम्मे के मामले का निष्पादन करने एवं राजस्व की वसूली करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बड़े बड़े बकायेदारों के विरुद्ध वसूली की कार्रवाई पहले की जाए साथ ही जिन पदाधिकारियों के द्वारा नीलाम पत्र वाद मामले में शून्य निष्पादन किया गया है उनके विरुद्ध शो कॉज करने का निदेश दिया। बैठक में जिला नीलाम पत्र वाद पदाधिकारी सह जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी, जिला गोपनीय शाखा के विशेष कार्य पदाधिकारी, जिला प्रबंधक राज्य खाद्य निगम, जिला नजारत उप समाहर्ता प्रभारी, उप निदेशक जनसंपर्क उपस्थित थे।