पेयजल एवं आपदा से संबंधित समीक्षा
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गया : गया समाहरणालय सभाकक्ष में अपर मुख्य सचिव , शिक्षा विभाग बिहार -सह- प्रभारी सचिव,गया जिला श्री आर०के० महाजन की अध्यक्षता में गया जिला के पेयजल की समस्या एवं आपदा पर समीक्षा बैठक की गई ।
गया के प्रभारी सचिव द्वारा पेयजल एवं आपदा से संबंधित समीक्षा |
बैठक में जिलाधिकारी श्री अभिषेक सिंह ने बिंदुवार पेयजल की स्थिति से अपर मुख्य सचिव को अवगत कराया।
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता श्री विवेक कुमार ने जिले में संस्थापित सरकारी एवं गैर सरकारी चापाकल की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गया जिले में लगभग 40896 चापाकल हैं, जिनमें 30,000 द्वितीय एवं 6000 तृतीय श्रेणी में चिह्नित किये गए हैं। इनमें से 5869 नाकामयाब हैं। उन्होंने बताया कि जिले का जल स्तर 40-45 फ़ीट पर चला गया है। 80 फीट पर चला जाएगा तभी जल संकट माना जाएगा । उन्होंने कहा कि वैसे चापाकल जिसका बोर पुराना हो गया है,उनके खराब होने पर उनमें राइजर पाइप डालकर चालू किया जा रहा है । बैठक में जिला अधिकारी श्री अभिषेक सिंह ने बताया कि जिला में वाटर रिचार्ज की व्यवस्था करने के लिए सभी जलाशयों के बीच में 100 फीट का बोरवेल कराना जरूरी है। गया जिला में इस पर काम चल रहा है ।जिले के 30% ग्रामीण क्षेत्र नल-जल योजना से आच्छादित किया गया है।इस योजना के तहत बोरिंग डीप किया गया है,जिसके कारण आच्छादित क्षेत्र में पानी की आपूर्ति जारी है। वैसे क्षेत्र जहां पानी का लेवल नहीं मिल रहा था, वहां विशेष मशीन से 800 फीट बोरिंग करवाया गया है। कई क्षेत्रो में जल स्तर नहीं मिलने के कारण दोबारा-तिबारा बोरिंग करवाना पड़ता है। अपर मुख्य सचिव ने जानकारी प्राप्त की कि भू-वैज्ञानिक एवं उनके यंत्र की सहायता क्यों नहीं ली जाती? कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, गया ने बताया कि एक दो जगहों पर समस्या उत्पन्न होने पर पटना से भूवैज्ञानिक एवं यंत्र मंगवाया गया था,जिसके कारण सही स्थल का पता चल गया। प्रभारी सचिव ने कहा कि प्रमंडल स्तर पर एक भूवैज्ञानिक की पदस्थापना यंत्र के साथ की जानी चाहिए। खासकर के पानी की समस्या वाले जिलों में, इससे बार-बार बोरिंग करने में हो रहे अपव्यय एवं कार्य में विलंब से भी निजात मिलेगा। कार्यपालक अभियंता ने बताया कि वैसे क्षेत्र जहां पानी की कमी हो गई है, वहां 70 पानी टैंकर से पानी दो शिफ्ट में पहुंचाया जा रहा है। एक टैंकर में 3600 लीटर पानी रहता है। इसके अतिरिक्त ट्रैक्टर और ट्रॉली के माध्यम से दो-दो हजार लिटर का दो सिंटेक्स रखकर पानी पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हर प्रखंड मुख्यालय में पानीपंप स्टेशन बनाया गया है,जहां से पानी लिया जाता है।
गया के प्रभारी सचिव तथा डीएम बैठक करते |
प्रभारी सचिव ने टैंकर को दो ट्रिप के बदले 3 ट्रिप के माध्यम से पानी पहुंचाने का निर्देश दिया है। कार्यपालक अभियंता पीएचइडी ने बताया कि विगत माह में 1581 चापाकल की मरम्मत की गई है एवं 917 चापाकल मरम्मती के लिए बचे हुए हैं। प्रभारी सचिव ने इन्हें 25 मई 2019 तक मरम्मती कराने का आदेश दिया। जिलाधिकारी श्री अभिषेक सिंह ने बताया कि पानी की समस्या खास करके डुमरिया, बांकेबाजार,इमामगंज, आमस, बेलागंज, वजीरगंज, मोहनपुर, अतरी, मोहड़ा, नीमचकबथानी एवं खिजरसराय प्रखंड के लगभग 70 वार्डों में है। शहरी क्षेत्रो में जल आपूर्ति के संबंध में नगर आयुक्त,नगर निगम,गया श्री कंचन कपूर ने बताया कि शहरी क्षेत्र में जहां भी पानी की जरूरत है वहां टैंकर के माध्यम से पानी पहुंचाया जा रहा है। 32 टैंकर नगर निगम के पास है तथा 10 टैंकर पी०एच०ई०डी० से लिया गया है। कुल 44 स्थानों पर पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।शहरी क्षेत्र में जलापूर्ति प्रणाली संचालित है। एशियन डेवलपमेंट बैंक के द्वारा 360 करोड़ रुपए का 24 प्रोजेक्ट चल रहा है जिसमें से 3 प्रोजेक्ट में बोरिंग का कार्य लगभग संपन्न हो गया है। चुकी बोरिंग और पाइप बिछाने के लिए दो अलग-अलग एजेंसियों द्वारा कार्य किया जा रहा है, इसलिए इसमें विलंब हो रहा है। जिलाधिकारी श्री अभिषेक सिंह ने कहा कि तत्काल जो पाइप पहले से लगे हुए हैं उन्हीं में इन बोरिंग को जोड़ने का निर्देश दिया गया है। एक प्रोजेक्ट में पाइप लाइन से जोड़ भी दिया गया है। बाकी दो प्रोजेक्ट को भी पहले से लगी पाइप लाइन से जोड़ देने का निर्देश दिया गया है। नगर आयुक्त ने बताया कि गया जिले में पेयजल समस्या नहीं है। बोध गया नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी श्री शशि भूषण ने बताया कि बोधगया में पेयजल की समस्या नहीं है। टिकारी नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी सह डी०सी०एल०आर० ने बताया कि टिकारी में पेयजल समस्या नहीं है। प्रभारी सचिव द्वारा नगर निकाय में खराब पड़े चापाकलों को ठीक करवा देने का भी निर्देश दिया गया।
जिला शिक्षा पदाधिकारी मोहम्मद मुस्तफा हुसैन मंसूरी ने बताया कि उनके सभी विद्यालयों में चापाकल या नल-जल योजना से जलापूर्ति हो रही है, केवल 68 विद्यालय बचे हैं। प्रभारी सचिव ने 31 मई तक इनमे पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करवाने का आदेश दिया है। लघु सिंचाई योजना के तहत संस्थापित नलकूप के लिए विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने का निर्देश कार्यपालक अभियंता, विद्युत ग्रामीण को दिया गया। बैठक में बताया गया कि नलकूप के लिए बिल का भुगतान अब मुखिया जी करेंगे। सरकार मुखिया जी को आवंटन दे रही है। जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि जहां भी खेत में आगजनी की घटना हुई है, उन्हें मुआवजा दे दे। कार्यपालक अभियंता, पी०एच०इ०डी०,गया को ट्यूबवेल वर्कर गैंग की संख्या 48 से बढ़ाकर 60 करने का निर्देश दिया गया। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी श्री अभिषेक सिंह ने बताया कि पशुओं को पानी उपलब्ध कराने के लिए 28 स्थलों पर पशुपालन विभाग के माध्यम से बोरिंग कराने की योजना है। जिन स्थलों पर पशुओं की संख्या अधिक है या गौशाला है वहाँ इस योजना को क्रियान्वित की जा रही है। जिला पशुपालन पदाधिकारी ने बताया कि इनमें से 14 योजनाएं पूर्ण है तथा पशु पानी पी रहे हैं। 12 योजनाओं में कार्य चल रहा है। इन योजनाओं को 25 मई 2019 तक पूर्ण कराने का निर्देश दिया गया है। अंत में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि पेयजल समस्या दूर करना संबंधित सभी पदाधिकारियों का दायित्व है। वे सभी अपने दायित्वों का निर्वहन करें ताकि लोगों को पानी के लिए परेशान न होना पड़े। बैठक में उप विकास आयुक्त श्री किशोरी चौधरी,अधीक्षण अभियंता पी०एच०इ०डी०, अपर समाहर्ता,गया सभी संबंधित प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं सभी संबंधित विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे।