मिल्क एटीएम से लोग चाय के बदले पी रहे दूध
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अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित विदेशी मशीन है मिल्क एटीएम
लोगों को रोज़गार भी मिला और धंधा भी चल पड़ा, मिल्क एटीएम में स्वयं का उत्पादित मिल्क : गाय पालक सुचित
वजीरगंज में लगा मिल्क एटीएम
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गया : बिहार प्रदेश के गया जिला अंतर्गत वजीरगंज प्रखंड मुख्यालय स्थित आरजेएस स्कूल के बाहरी परिसर में मिल्क देने वाला एटीएम लगाया गया है। जो अपने- आप में अनोखा है। इसी से आमजनों की सुर्ख़ियों में छाया है मिल्क एटीएम। जो 10 रूपये से लेकर 30 रूपये या उससे अधिक रूपये तक का मिल्क देता है। ग्राहक 10 रूपया, मिल्क एटीएम में डालते और एक ग्लास मिल्क मशीन दे देती है। यह दूध 30 रूपये प्रति लीटर है।
मिल्क एटीएम से मिल्क लेने के लिए क़तर में खड़े ग्राहक |
वह मिल्क एटीएम स्वचालित विदेशी मशीन है। जाहिर हो दो सौ लीटर दूध रखने की क्षमता उस मशीन में है। वह मशीन 72 घंटे तक दूध को सुरक्षित रखता है, वह ऐसी वातानुकूलित एटीएम मशीन है। जो अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित विदेशी मशीन है मिल्क एटीएम। बहुतों लोग इस मिल्क एटीएम से दूध लेते हैं। ज़्यादातर सुबह और शाम को लोगों की क़तार दूध के लिए दिखती है। इस तरह लोग एक ग्लास दूध पाते हैं। लोग बड़े शौक़ से दूध, मिल्क एटीएम से लेकर पीते हैं।
जाहिर हो रूपया उगलने वाला एटीएम के बारे में लोग जानते हैं परंतु मिल्क एटीएम के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। सुदूरवर्ती इलाके के वजीरगंज बाजार में यह मिल्क एटीएम अवस्थित है। इस एटीएम से आमजनों सहित स्कूली बच्चे दूध लेकर पीते हैं। इस एटीएम में वजीरगंज के शांति डेयरी का दूध संग्रहित रहता है। जो बिल्कुल शुद्ध होता है। इस एटीएम का दूध पीकर बच्चे और बड़े लोग तंदुरुस्त हो रहे हैं। ज्ञात हो इस एटीएम में करीब 2 सौ लीटर दूध भरा होता है। जब ख़त्म हो जाता है तो पुन: देशी दूध उसमें डाल दिया जाता है। ऐसे संचालित है यह मिल्क एटीएम। यह एटीएम मशीन क़ीमती है और इस इलाके का एकलौता है यानि एक मात्र मिल्क एटीएम मशीन है। इस एटीएम मशीन से लोग सुबह, दोपहर और शाम को दूध लेकर पीते हैं। उस वक़्त ग्राहकों की अधिक भीड़ होती है। इतना हीं नहीं, लोग चाय के बदले दूध ही पी रहे हैं। जो अत्याधुनिक है ही, सुलभ भी। क्योंकि दूध सेहत के लिए फ़ायदेमंद होता है। मिल्क एटीएम आधुनिक व्यवसाय का अनोखा जरिया है। जो पहले खटाल में मिलता, अब वह मिल्क एटीएम में आसानी से उपलब्ध है। वह नो टेंशन, नो प्रोब्लम के सिलसिले पर आधारित है। शांति डेयरी का यह दूध स्वच्छता की प्रतीक है। जो मोदी सरकार के स्वच्छ भारत के सपने को भी साकार करती और स्किल डेवलपमेंट को भी। जो मुख्यत: स्वरोज़गार है। मिल्क एटीएम के माध्यम से फल- फूल रहा है स्वरोज़गार। जो इस बेरोज़गारी के दौर में आमदनी का मजबूत माध्यम बना है। इसके जरीय कई लोगों को रोज़गार भी मिला है।
मिल्क एटीएम मशीन |
इस स्वरोज़गार में, गौ पालन और डेयरी से लेकर मिल्क एटीएम तक कार्य के लिए कई लोगों को रोज़गार हासिल हुआ है। जो विकास के बढ़ते कदम के साथ कदम से कदम मिला कर चलने की साहसिक अंजाम है। जो कमाल का है। प्रगतिशील गाय पालक- शिक्षाविद सुचित कुमार के बुलंद हौसले, दृढ़- इच्छाशक्ति की प्रतीक है मिल्क एटीएम स्वरोज़गार का कारोबार। सचमुच, वह क़ाबिले तारीफ़ प्रयास की नतीजा है।
इस पूरे कार्य में प्रगतिशील गाय पालक सुचित कुमार की सोच और अहम योगदान है। जिनके दिशा- निर्देश में शांति डेयरी और मिल्क एटीएम संचालित है। प्रगतिशील गाय पालक सुचित कुमार ने बताया कि यह बहुत ही बेहतरीन कार्य है। मैं मज़े के साथ अपनी पूरी टीम के साथ कार्य करता हूँ। जिसमें गौ पालन, डेयरी से लेकर मिल्क एटीएम तक का कार्य शामिल है। सारा खेल दूध का है। यह काम कठीन जरूर है, परंतु बुरा नहीं। दूध का उत्पादन चुनौतीपूर्ण जरूर है परंतु वह बेहद लाभकारी भी।
प्रगतिशील गाय पालक सुचित कुमार
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उन्होंने कहा कि दूध सेहत को तंदुरुस्ती प्रदान करती है। बस, यही ख़ूबी है, इसी के लिए मैं इससे जुड़ा हूँ। यह स्वरोज़गार अब लोगों को भा रहा, लुभा रहा है क्योंकि मिल्क एटीएम में स्वयं का उत्पादित मिल्क लोगों को बेचता, सेल करता हूँ। जो शुद्ध और स्वच्छ होता है। इस तरह लोग दूध लेते और उपयोग करते हैं। इससे लोगों को रोज़गार भी मिला और धंधा भी चल पड़ा है। जिससे आमदनी भी बढ़ा है। समझो, अब सब बले- बले।
अक्षरजीवी,
अशोक कुमार अंज
लेखक- कवि- फिल्मी पत्रकार बाबू
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अक्षरजीवी,
अशोक कुमार अंज
लेखक- कवि- फिल्मी पत्रकार बाबू
वजीरगंज, गया, बिहार