आयुक्त ने किया एएनएमसीएच का बारीकी से निरीक्षण
गया मगध मेडिकल अस्पताल का गहन निरीक्षण करते आयुक्त एवं डीएम मरीज़ों से हाल- चाल भी पूछे |
गया : आयुक्त, मगध प्रमंडल पंकज कुमार पाल, जिलाधिकारी गया अभिषेक सिंह एवं सिविल सर्जन डॉ राजेंद्र प्रसाद सिन्हा के साथ एएनएमसीएच के आईसीयू का निरीक्षण किया। आईसीयू में रखे गए बच्चों के इलाज की जानकारी ली। डॉक्टर रविन्द्र कुमार एसोसियेट प्रोफेसर सह जे.ई. विशेषज्ञ से उन्होंने बच्चों के हालात की जानकारी ली। डॉ रविंद्र कुमार ने बताया कि यदि बच्चों को 103 डिग्री से ज्यादा टेंपरेचर हो जाता है तो अभिभावक को तुरंत समीप के प्राथमिक उपचार केंद्र मे ले जाना चाहिए, न कि सीधे मेडिकल कॉलेज लाना चाहिए क्योंकि अत्यधिक ज्वर में हाइपोग्लेसीनीया की संभावना बढ़ जाती है। जिसके लिए जल्द से जल्द प्राथमिक उपचार की आवश्यकता पड़ती है। पीएचसी में प्राथमिक उपचार करने के उपरांत जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाये तभी मेडिकल कॉलेज में बच्चों को एंबुलेंस के सहारे भेजा जाना चाहिए। सीधे मेडिकल कॉलेज लाने में जो एक से डेढ़ घंटे की देरी होती है उसमें बच्चों की स्थिति नाजुक हो जाती है और हाइपोग्लेसीनीया बच्चे के मस्तिष्क पर प्रभाव छोड़ देता है। फिर स्थिति नियंत्रण से बाहर हो जाती है। इस अवसर पर एनएमसीएच के सुपरिटेंडेंट ने बताया कि उनके पास आईसीयू में पर्याप्त बेड, लगभग 60, उपलब्ध है।
अस्पताल का निरीक्षण करते आयुक्त श्री पाल एवं डीएम अभिषेक सिंह |
आयुक्त महोदय ने इस अवसर पर संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि 02 जुलाई को एनएमसीएच में पहला केस आया था,अब तक 24 केस आये हैं,इनमें से दुर्भाग्यवश 6 मामलों में डेथ हुई है,3 बच्चे को स्वस्थ्य कर डिस्चार्ज किया गया है। बच्चों का इलाज चल रहा है। आईसीयू में पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध है। कुल 60 बेड उपलब्ध है, जगह की कमी नहीं है जरूरत पड़ी तो और भी बेटी व्यवस्था की जाएगी ।यहां इलाज की पूरी व्यवस्था है। चिकित्सकों की कोई कमी नहीं है। 4 सीनियर रेजीडेंट डॉक्टर हैं, 5 एसोसिएट प्रोफेसर हैं, एक प्रोफेसर हैं, पटना से भी विशेषज्ञ चिकित्सकों की प्रतिनियुक्ति की गई है और एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था है।
जाँच में जुटे आयुक्त व डीएम |