जेपीएन अस्पताल से निजी क्लिनिक चलाता डॉक्टर
सरकारी डा. चंद्रशेखर मरीज़ को इलाज के लिए अपने क्लिनिक पर बुलाता
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निराश लौटा युवक खरांशु छवि ने डीएम सहित सीएस से डाक्टर के लापरवाही की जाँच की माँग की
गया : गया के जय प्रकाश नारायण अस्पताल में आँख जाँच कर रहे डा. चन्द्रशेखर प्रसाद ने दो टूक जबाव देते हुए कहा यहाँ कोई आँख का स्पेशलिस्ट डाक्टर नहीं है। बाहर से किसी प्राइवेट डाक्टर से आँख जाँच करा कर प्रसेंटेज लिखवा कर लाओ। यह सुन युवक भौंचक रह गया। सर्टिफिकेट बनवाए वगैर युवक खरांशु छवि वहां से निराश हो घर वापस लौट गया। ज्ञात हो खरांशु छवि वजीरगंज प्रखंड के दखिनगांव का निवासी है। इस तरह सरकारी डाक्टर के रवैय्या से उसका भरोसा उठ गया। ऐसे होते हैं, कलियुग के डाक्टर। सरकारी सेवा से ज्यादा, उन्हें अपने रोजगार रूपी क्लिनिक की चिंता। भगवान के रूप वाले डाक्टर की ऐसी व्यवसायिक रूप।
निराश लौटा युवक खरांशु छवि |
जाहिर हो डा. चन्द्रशेखर प्रसाद की ऐसी लापरवाही दिखी कि वे वगैर जाँच किये हुए पेसेंट को लौटा दिया। ऊपर से यह सजेशन भी दिया कि इस अस्पताल में आँख का कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं है। मेरे क्लिनिक में जाँच के लिए आ जाना। यह उनकी पुरानी रवैय्या है। डाँक्टर चंद्रशेखर ने युवक को कहा मेरे क्लिनिक से जाँच करा कर लाओ। तब सिर्टिफिकेट बनेगा।
जो डाक्टर के घोर लापरवाही और मनमानी को दर्शाता है। सरकारी अस्पताल के डॉक्टर इस तरह अस्पताल को बदनाम करने में जुटे हुए हैं। सरकारी अस्पताल से चलाते हैं निजी क्लिनिक।
बिहार के गया जिले में सरकारी डाक्टर भी, पेसेंट को अपने निजी क्लिनिक में बुलाते हैं इलाज के लिए। डाक्टर चंद्रशेखर कहते हैं सरकारी से अच्छा है कि मेरे क्लिनिक में आकर आँख की जाँच करा लेना। मेरे क्लिनिक की जाँच रिपोर्ट बिल्कुल प्रफेक्ट होती।
सरकारी अस्पताल से डाक्टर चलाते हैं निजी क्लिनिक |
विदित हो जेपीएन अस्पताल में जहाँ डाँक्टर आँख जाँच कर रहे थे, वहाँ पर आँख जाँच की मशीन भी नहीं थी। जो सरकारी लापरवाही को दर्शाती है। भला, ऐसे में डाँक्टर क्या जाँच करेंगे। जहाँ आँख जाँच की मशीन हीं ना हो। जो व्यवस्था पर हीं प्रश्न चिन्ह खड़ा करता हो। जिसका गवाह स्वयं डॉक्टर हैं।
यह मामला गया सीएस ऑफ़िस की है। जयप्रकाश नारायण अस्पताल में लापरवाही हीं लापरवाही है। सर्टिफ़िकेट बनवाने गया युवक खरांशु छवि को डाक्टर चंद्रशेखर ने दिशा- निर्देश दिया कि प्राईवेट डाँक्टर से जाँच कराओ, सही होगा। अस्पताल की जाँच के फेरे में मत रहो।
युवक छवि ने दिव्यांगता सर्टिफ़िकेट बनवाने जयप्रकाश नारायण अस्पताल गया था तब आँख के डॉक्टर चंन्द्रशेखर प्रसाद ने साफ शब्दों में कहा यहाँ जाँच मत कराओ। मेरे क्लिनिक में जाँच करा कर रिपोर्ट दो, वही मान्य होगा। इस अस्पताल में आँख के कोई स्पेशलिस्ट डॉक्टर नहीं है। यह कह कर युवक खरांशु छवि को लौटा दिया, डॉक्टर चंद्रशेखर। जिसके वजह से दिव्यांगता सर्टिफ़िकेट नहीं बन सका।
गया जेपीएन अस्पताल के डाक्टर की मनमानी दुखद |
वहाँ से निराश लौटा युवक खरांशु छवि ने डीएम सहित सीएस से डाक्टर के घोर लापरवाही तथा मनमानी की जाँच की माँग की है। ताकी अन्य लोग डाँक्टर के झाँसे में आने से बच सके।
उक्त मामले पर वर्ल्ड रिकार्डी जर्नलिस्ट अशोक कुमार अंज ने सीएस डॉक्टर कमल किशोर राय से बातचीत की तो सीएस राय ने बताया कि मामले की जाँच की जाएगी। वहीं डॉक्टर निलेश ने आँख के डॉक्टर चंद्रशेखर की मनमानी पर दुख जताया। ऐसे में सरकारी अस्पताल से भरोसा उठता जा रहा है। सुशासन में डाक्टर की मनमानी चिंताजनक है हीं, दुखद भी।
➖AnjNewsMedia