गया में मना योग दिवस, लोग किये योगाभ्यास

गया में योग दिवस की धूम, युवक- युवतियों सहित बुज़ुर्गों ने की योग
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योग कर निरोग रह सकते

योग दिवस के मौके पर युवक- युवतियों ने किये योगाभ्यास
गया : जिले भर में योग दिवस मनाया गया। गाँव- देहात में भी योग की धूम दिखा। मगध विश्व विद्यालय, बोधगया अंतर्गत मगध विश्व विद्यालय कैम्पस, गया महाविद्यालय, जगजीवन महाविद्यालय, मिर्जा गालिब महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राओं ने शुक्रवार को गांधी मैदान में योगाभ्यास किया। कार्यक्रम की शुरुआत सूर्य नमस्कार से हुई इसके बाद छात्र-छात्राओं ने ब्रज आसन, वृक्षासन, ताड़ासन, दंडासन सहित कई अन्य आसन योग शिक्षक की देखरेख में किए, इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक ब्रजेश राय ने कहा कि योग सभी प्रकार के रोग का निवारक है,
शरीर को फीट रखने के लिए योग ज़रूरी 
जो कि मस्तिष्क के साथ साथ पूरे शरीर को तंदरुस्त रखता हैl योग से तन मन और आत्मा को निर्मल और स्वास्थ्य किया जाता है,जीवन में किसी भी क्षेत्र में सफल होना है तो आप को फिट रहना जरूरी है, भागदौड़ भरी जीवन शैली के चलते कई तरह के रोग और शोक तो जन्म लेते ही हैं साथ ही व्यक्ति जीवन के बहुत से मोर्चों पर असफल हो जाते हैं ऐसे में यदि नियमित 10 योग भी अपना लिए तो दिल और दिमाग सही हो जाएगा और आप अपने जीवन में सुख- शांति, निरोग काया और सफलता प्राप्त कर सकते हैंl अतिथि के रूप में उपस्थिति गया महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर दिनेश प्रसाद सिन्हा ने बताया कि योग मन को मानव के वश में करता है जिससे मनुष्य सकारात्मकता की ओर बढ़ता है योग के नियमित अभ्यास से सभी प्रकार की बीमारियां दूर होती है, अनुलोम- विलोम प्राणायाम करते रहने से शरीर के भीतर अंगों और सुक्ष्म नाड़ियों को शुद्ध पुष्ट किया जा सकता है लोगो को अपने जीवन में रोजाना योग को अपनाना चाहिए। इस योग शिविर में डॉ विजय कु.सिंह, राष्ट्रीय सेवा योजना के अधिकारी डॉ अमरेंद्र कुमार सिंह ने शीर्ष आसन व हास्य आसन कर छात्रों से योग नियमित रूप से करने की अपील की, राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक सूरज सिंह ने कहा कि योग की हस्त मुद्राओं को करने में ज्यादा समय नहीं लगता बस एक बार सीखने की जरूरत है इसे आप कहीं भी कभी भी कर सकते हैं इससे निरोग काया, मन और मस्तिष्क में सकारात्मकता और शांति का विकास होता है, वही विशाल कुमार ने कहा कि योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है, यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है, मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है, विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है, यह व्यायाम के बारे में नहीं है लेकिन अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है।
जीवन- शैली में समाया योग 
हमारी बदलती जीवन- शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है। मौके पर राष्ट्रीय सेवा योजना के रफीगंज कार्यक्रम पदाधिकारी अमरेन्द्र कुमार सिंह, मिर्जागालिव काॅलेज के कार्यक्रम पदाधिकारी सरफराज खान एवं स्वयंसेवक सूरज सिंह, विशाल राज, पवन मिश्रा, रौशन कुमार, शिवांग कुमार, शैलेंद्र कुमार, प्रियदर्शनी गुप्ता, स्वाति कुमारी, पारुल प्रिया, विदुषी कुमारी, शिखा सिन्हा, राखी कुमारी, प्रिया कुमारी, अरमान, प्रिति कुमारी, अंजलि कुमारी, शोमिया, काजल, प्रिंस, पहलाद सिंह, यस कुमार, तरून कुमार, दिपक कुमार ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाईl

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