यूरिया प्रयोग हेतु जागरुकता कार्यक्रम
गया : इफको के सौजन्य से जिला कृषि पदाधिकारी सुदामा महतो की अध्यक्षता में स्थानीय बाजार समिति परिसर चन्दौती में नैनो तरल यूरिया के प्रयोग हेतु जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में पटना से इफको के राज्य विपणन प्रबंधक सोमेश्वर सिंह एवं पूर्व उप महाप्रबंधक वाई॰ पी॰ सिंह ने भाग लिया।
कृषि विज्ञान केन्द्र, मानपुर, गया के वरीय वैज्ञानिक-सह- प्रधान, डा॰ राजीव सिंह, अनुमण्डल कृषि पदाधिकारी, नीमचकबथानी ललन कुमार सुमन, अनुमण्डल कृषि पदाधिकारी, शेरघाटी, विकास कुमार, अनुमण्डल कृषि पदाधिकारी, टिकारी शिम्पी कुमारी, सहायक निदेशक, शष्य, जिला कृषि पदाधिकारी, मधुमिता, आई॰पी॰एल॰ के क्षेत्रीय पदाधिकारी, विष्णु कुमार यादव, जिला परामर्शी सुदामा सिंह, आत्मा के उप परियोजना निदेशक नीरज कमार वर्मा, इफको के सहायक प्रबंधक, दिलीप कुमार एवं क्षेत्र अधिकारी, औरंगाबाद अमित गौरव, क्षेत्र अधिकारी, जहानाबाद रोहित कुमार ने गोष्ठी में अपनी बातों को रखा।
किसान हो रहे जागरूक |
कार्यक्रम में सभी चौबीस प्रखण्ड से प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार एवं प्रगतिशील किसानों ने भाग लेकर इफको तरल नैनो यूरिया के उपयोग की जानकारी लिया। इस अवसर पर 24 किसानों को इफको तरल नैनो यूरिया का पौधों पर छिड़काव के लिये स्प्रेयर भेंट किया गया।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुये वाई॰पी॰ सिंह ने कहा कि भारत में पिछले वर्ष 3.5 करोड़ टन यूरिया की खपत हुई जबकि भारत में मात्र 2.6़ करोड़ टन यूरिया का ही उत्पादन हुआ, शेष 90 लाख टन यूरिया विदेशों से आयात करना पड़ा।
जिसमें बहुमूल्य विदेशी मुद्रा देश से बाहर गई। उन्होने बताया कि सरकार यूरिया एवं अन्य उर्वरकों को किसानों को अनुदानित दर पर उपलब्ध कराती है, अगर यूरिया की बात की जाय तो भारत में उत्पादित यूरिया के 45 किलो के एक बैग की कीमत 1100 से 2000 रुपये पड़ती है जबकि विदेशों से यूरिया आयात करने पर प्रति बैग की कीमत 3500 रुपये पड़ता है, किसानों को सरकार यह यूरिया 267 रुपये मे उपलब्ध कराती है।
वह भी किसानों को आसानी से उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इसी सब स्थिति को ध्यान में रखकर इफकों ने नैनो तरल यूरिया तैयार किया है। जिससे यूरिया के उत्पादन एवं उपयोग में भारत आत्मनिर्भर हो सके।
यह सभी जगह आसानी से निर्धारित मूल्य पर उपलब्ध है। यूरिया के बाद इफकों द्वारा जल्दी ही तरल डी॰ए॰पी॰ और तरल जिंक जैसे उत्पाद भी किसानों को उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है। इन तरल उर्वरकों से देश उर्वरक के मामले में आत्मनिर्भर होगा और सब्सिडी कम होने से देश में विकास के कार्य हो सकेंगें।
इफको तरल यूरिया की 500 मि॰ली॰ की एक बोतल की कीमत 240 रुपये है और इसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है, यह 500 मि॰ली॰ की बोतल 267 रुपये में मिलने वाले यूरिया के एक बैग के बराबर परिणाम देती है, और इससे मिट्टी, जमीन के नीचे का पानी और वायु सभी स्वच्छ और स्वस्थ रहते हैं।
इफको के सहायक प्रबंधक दिलीप कुमार ने बताया कि इफको नैनो तरल यूरिया का उपयोग दलहनी फसलों में 2 मि॰ली॰ प्रति लीटर पानी की दर से और अन्य फसलों में 4 मि॰ली॰ प्रति लीटर पानी की दर से करना चाहिये।
इसका उपयोग पानी में घोलकर स्प्रेयर के माध्यम से पत्तियों पर छिड़काव कर किया जाना चाहिये। इसमें 4 प्रतिशत सक्रिय नाईट्रोजन पाया जाता है।
– AnjNewsMedia Presentation