*चुनाव की तैयारी को लेकर डीएम ने की बैठक*
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गया : जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला दंडाधिकारी अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में चुनाव की तैयारी को लेकर संबंधित पदाधिकारी के साथ समीक्षा बैठक की गई। बैठक में 25 मार्च को किए जाने वाले अधिकतम नामांकन की संख्या को देखते हुए वृहद तैयारी के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए अधिक क्षमता वाले एस्केनर तथा अधिक से अधिक कर्मियों को लगाने का निर्देश जारी किया गया है। साथी सभी संबंधित पदाधिकारियों को पूर्वाहन 8:30 बजे तक समाहरणालय सभा कक्ष में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया। गौरतलब है कि प्रथम चरण के चुनाव के लिए गया (आजा) लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए 25 मार्च अंतिम तिथि है और अब तक मात्र 1 अभ्यर्थी ने नामांकन पत्र प्रस्तुत किया है। गया (अजा) लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से लड़ने वाले सभी अभ्यर्थी अपना नाम निर्देशन पत्र 25 मार्च को ही प्रस्तुत करेंगे। जिला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा सर्विस वोटर, सीभीजील, सेक्टर अधिकारियों के प्रशिक्षण, आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन के मामले की समीक्षा की गई। आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में संबंधित पदाधिकारियों को अपना प्रतिवेदन विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र वार उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया।
बैठक में विकास आयुक्त श्री किशोरी चौधरी, अपर समाहर्त्ता श्री राजकुमार सिन्हा, सहायक समाहर्त्ता श्री योगेश कुमार सागर, अपर समाहर्त्ता विभागीय जांच मोहम्मद बलागुद्दीन, सिविल सर्जन श्री राजेंद्र प्रसाद सिन्हा सहित तमाम पदाधिकारी उपस्थित थे।
17वीं लोकसभा आम चुनाव में सभी मतदान केंद्र पर ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन लगाया जाएगा। मतदाताओं को यह आश्वस्त करने के लिए कि उन्होंने जिस प्रत्याशी के लिए अपना मतदान किया है, मतदान उसी प्रत्याशी को प्राप्त हुआ है। इसका सत्यापन वीवीपैट मशीन करेगा। ईवीएम का बटन दबाने के बाद 7 सेकंड तक वीवीपैट मशीन पर एक पर्ची दिखाई देगी, जिसमें उस प्रत्याशी का क्रमांक, नाम, चुनाव चिह्न दिखाई देगा। वीवीपैट मशीन से बाहर वह पर्ची नहीं निकलेगा बल्कि पर्ची कटकर उसी में गिर जाएगा। यदि किसी मतदाता को अपने पसंद के उम्मीदवार को किए गए मतदान का क्रमांक, नाम एवं चुनाव चिह्न अगर दिखाई नहीं देता है तो वह उस मतदान केंद्र के पीठासीन पदाधिकारी को इसकी जानकारी देंगे और पीठासीन पदाधिकारी द्वारा इसका सत्यापन किया जाएगा। शिकायत सही पाए जाने पर उस मशीन को बदला जाएगा। हालांकि ऐसी शिकायत अब तक कहीं से प्राप्त नहीं हुई है। लोकसभा आम निर्वाचन 2019 के लिए आम मतदाताओं एवं राजनैतिक दलों द्वारा चुनाव से संबंधित शिकायत के लिए एक ऐप सी- विजील(cVIGIL) चलाया गया है। इस ऐप पर कोई भी व्यक्ति चुनाव से संबंधित रिकार्डेड शिकायत उस ऐप पर अपलोड करके भेज सकता है। शिकायत प्राप्त होने के 45 मिनट के अंदर संबंधित पदाधिकारी को इसका निष्पादन करना अनिवार्य होता है। हेल्पलाइन नंबर 1950 निर्वाचन से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा स्थापित किया गया है। कोई भी मतदाता या आम नागरिक सीधे इस नंबर को डायल कर अपने निर्वाचन से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकता है। जैसे अपने मतदान केंद्र की जानकारी, निर्वाचन सूची में अपने नाम के क्रमांक की जानकारी या अन्य जानकारी। शांतिपूर्ण, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के उद्देश्य से वैसे मतदान केंद्र जहां विगत चुनाव में मतदान का प्रतिशत कम रहा है या वर्तमान चुनाव में ऐसी संभावना है, को देखते हुए वैसे टोलो को चिन्हित करते हुए भलनरेवल मैपिंग किया जाता है और वहां के ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाता है, जो मतदाताओं को प्रभावित करते हैं और उनके विरुद्ध मतदान तिथि को समुचित कदम उठाने हेतु पूर्व तैयारी की जाती है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 17 वीं लोकसभा चुनाव के लिए प्रेस नोट जारी करने के साथ ही संपूर्ण भारतवर्ष में आचार संहिता लागू हो गया। गया जिले में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला दंडाधिकारी द्वारा भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के अंतर्गत संपूर्ण जिले में निषेधाज्ञा लागू कर दिया गया है। जिसके अनुसार शस्त्र लेकर चलना, 5 या 5 से अधिक लोगों को एकत्रित होने, बिना अनुमति के किसी भी प्रकार का आयोजन करने, सभा करने एवं रैली निकालने पर रोक लगा दी गई है। चुनाव से संबंधित कानून का विवरण आरपी एक्ट 1950 में अंकित है। लोक सभा, राज्य सभा, विधान सभा, विधान परिषद निर्वाचन से संबंधित सभी तरह के कानून इस अधिनियम में अंकित है। लोकसभा एवं राज्यसभा में कितनी सीटें हैं, विधानसभा, विधानपरिषद के विभिन्न राज्यों में कितने सीटें हैं, मनोनीत सदस्यों की संख्या निर्वाचन सूची में किसका नाम जोड़ा जाएगा, निर्वाचक सूची का कैसे निर्माण किया जाएगा, चुनाव से संबंधित नियम बनाने की शक्ति किसमें निहित है इत्यादि का वर्णन है। चुनाव से संबंधित नियमों के उल्लंघन के लिए दंड का प्रावधान भी इस नियम में किया गया है। भारतीय दंड संहिता के चैप्टर lXA में चुनाव से संबंधित धारा 171A से धारा 171G तक उल्लेख किया गया है। धारा 171 A में कैंडिडेट के चुनावी अधिकार के संबंध में विवरण अंकित है। धारा 171 B में चुनाव के लिए मतदाताओं को रिश्वत देने और लेने वाले दोनों दंडित किए जा सकते हैं। जो 1 वर्ष तक के कारावास, जुर्माना या दोनों से दंडित हो सकता है। उसी प्रकार मतदान के लिए मतदाताओं को जबरन दबाव बनाने पर धारा 171F के तहत अधिकतम 1 वर्षों तक का कारावास या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है। धारा 171G के अंतर्गत किसी कैंडिडेट के व्यक्तित्व अथवा चरित्र के विषय में झूठे वक्तव्य देने पर जुर्माना से दंडित किया जा सकता है। झूठे प्रचार के लिए RP एक्ट के विभिन्न धाराओं के तहत दंड के प्रावधान किए गए हैं।