डीएम के पहल पर हुई तपोवन के सूखे जलधारा की प्रशासनिक जाँच

तपोवन के सूखे जलधारा की हुई जाँच तथा कुंडक्षेत्र का हटेगा अतिक्रमण
Advertisement

सूख गया ! गया जिले के ऐतिहासिक प्राकृतिक गहना रूपी तपोवन का जलधार
प्रकृति प्रदत्त अनमोल वरदान है तपोवन
सूखा तपोवन ब्रह्मकुंड का गर्म जलधारा
तपोवन में ब्रह्मा के पुत्र सहित बुद्ध किये थे तपस्या
वहाँ अतिप्राचीन- ऐतिहासिक चार गर्म जल कुंड है

सूखा तपोवन ब्रह्मकुंड का गर्म जलधारा

गया : प्रकृति का अनुपम वरदान तपोवन का तप्त जलधारा सूख चुका है। जिससे आमजन काफी दुखी हैं। बिहार प्रदेश के गया जिले के मोहड़ा प्रखंड में  अवस्थित है तपोवन। जहां प्रभु ब्रह्मा के चारों पुत्र सनत, सनातन, सनक और सनंदन ने कई वर्षों तक तपस्या की थी। उन्हीं के नाम पर चारों गर्म जल कुंड विद्यमान है। तपोवन के पावन गर्म जलधार में भगवान कृष्ण और रुक्मिणी एवं महात्मा बुद्ध ने भी स्नान किये थे और वर्तमान में सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उस जल में स्नान किये। जो पहाड़ से घिरा हुआ मनोरम स्थल है। दुखद पहलू यह है कि पवित्र ब्रह्मकुंड का जलधारा सूख चुका है। वैसे अनोखे पर्यटन स्थल का अस्तित्व ख़तरे में है। इस पावन जलधार में ऐसी स्थिति कभी देखने- सुनने को नहीं मिला, जो इस वर्ष जून माह में देखने को मिला। तपोवन स्थल वन विभाग और पर्यटन विभाग का अनमोल जल विरासत है। उस स्थान पर अतिक्रमण और बोरिंग कर पानी निकासी अवैध है। बोरिंग कर मोटर लगा कर पानी निकासी पर सरकारी प्रतिबंध है।फिर भी वहाँ रह रहे लोग बोरिंग के जरीय पानी निकासी करते, जिससे जलकुंड पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ा और जलधारा सूख गया। जिससे तपोवन के अन्य तप्त जलकुंड का गर्म जलधारा प्रभावित हुआ है। तपोवन का पावन जल धारा सूखने के कगार पर है। जिस पर ज़िला प्रशासन सहित पर्यटन विभाग को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। तभी तपोवन का तप्त जल धारा सुरक्षित रह पाएगा। वर्ना, तप्त जल धारा ख़तरे में है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित केन्द्रीय पर्यटन मंत्री तथा राज्य पर्यटन मंत्री, वन- पर्यावरण मंत्री सहित ज़िलाधिकारी से गुहार लगाई है की। इस धरोहर पर यथाशीघ्र उचित और विकासात्मक कार्रवाई की कृपा किया जाय क्योंकि तपोवन की धरोहर रूपी गर्म जलधार का अस्तित्व मिटने के कगार पर पहुँच चुका है। इसे सुरक्षित तथा संरक्षित करने की शीघ्र पहल होनी चाहिए। सर्वविदित है कि तपोवन तप्त जल के लिए मशहूर है। गर्म जल ही तपोवन की ऐतिहासिकता का मुख्य पहचान है। वर्तमान परिवेश में तप्त जलधार के अस्तित्व विलुप्त होनी की स्थिति में है। तपोवन में सड़क सुरक्षा एवं ठहराव स्थल की सुविधा विकसित करने एवं पर्यटन थाना की मांग वर्षों से जारी है। बोधगया से कुर्किहार- तपोवन- राजगीर- बुद्ध सर्किट मार्ग है। तपोवन के महत्व को बनाए रखना प्रशासन के साथ-साथ पर्यटन विभाग, वन- पर्यावरण विभाग, बिहार सरकार की जिम्मेवारी है। यह स्थल बुद्ध का तप:स्थली भी है। बोधगया से तपोवन- राजगीर तक के बौद्ध परिपथ पर सभी देशों के पर्यटकों की निगाह रहती है। बौद्धधर्मावलंबी इसी बौद्ध सर्किट मार्ग से गुज़रने का प्रयास करते हैं। बौद्ध परिपथ से जुड़ा है तपोवन- राजगीर। क्योंकि महात्मा बुद्ध तपोवन के रास्ते से गुज़रते हुए बोधगया गया थे। पर्यटक यहां आते- जाते हैं। कुंड का गर्म जल पर्यटकों को आकर्षित करता है। तपोवन पर्यटन की दृष्टि से स्मार्ट पर्यटन स्थल है। वहाँ के कण-कण में रचे बसे हैं प्रभु ब्रह्मा, भोलेभंडारी कपिलेश्वर शिव, महात्मा बुद्ध। वहाँ हरेक साल 14 जनवरी को तपोवन महोत्सव, सरकार द्वारा आयोजित किया जाता है। जो पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्व का स्थल है और इसके विकास के लिए ज़िला प्रशासन सहित सरकार पूरी पहल कर रही है। तपोवन का तप्त जल धारा अद्भुत है। तपोवन कुंड का गर्म जल धारा बारहों माह प्रवाहवान है। तपोवन के महत्व का बखान वेद- पुराण समेत अन्य धार्मिक ग्रंथों में विस्तार से वर्णित है। पर्यटन के उत्थान से रोजगार भी बढ़ता है। सरकार इस तपोवन पर्यटन स्थल पर खास ध्यान देकर विकासित करने में जुटी है। मगधक्षेत्र धर्मों का समागम स्थल है। इस पावन धरा की मिट्टी में बौद्ध, जैन, सूफ़ी, सिक्ख, सनातन धर्मो की धार्मिकता समाहित है। सनातन धर्म वालों के लिए तपोवन तीर्थ मोक्ष भूमि है। पर्यटन के क्षेत्र में तपोवन को विशेष स्थान प्राप्त है। इस तप:भूमि पर सालोभर देशी- विदेशी पर्यटक यात्री भ्रमण के लिए आते- जाते रहते हैं।
ज़िलाधिकारी अभिषेक सिंह की पहल
तपोवन के सूखे हुए जलधार की गहन जाँच प्रशासनिक पदाधिकारियों द्वारा की गई। जिसमें तपोवन कुंडक्षेत्र से अतिक्रमण को हटाने के साथ ही साथ तपोवन के तप्तजल को संरक्षित करना मुख्य उद्देश्य है। क्योंकि जल ही तपोवन का असली आभूषण है। ज़िलाधिकारी अभिषेक सिंह की पहल पर तपोवन को विकसित करना तथा तपोवन के तप्त जल कुंडों के जलधार के संरक्षित तथा सुरक्षित रूप से सहेज कर रखना, मुख्य उद्देश्य है। वहीं तपोवन के विकास के लिए नवनिर्वाचित सांसद चंदेश्वर प्रसाद की भी पहल जारी है। तपोवन के सूखे जलधारा पर सभी की पानी नज़र है। ताकी तपोवन का जलधारा पुन: लौट सके।

प्रकृति प्रदत्त अनमोल वरदान है तपोवन !

सूखा ब्रह्मकुंड का गर्म जलधार

वहाँ अवैध रूप से बने मकान और दुकान को प्रशासनिक नोटिस देकर शीघ्र हटाने की कार्रवाई की जाएगी। ताकी तपोवन कुंडक्षेत्र साफ़- सुंदर दिखे। डीएम अभिषेक सिंह की पहल से प्रशासनिक कार्रवाई कर तपोवन को सुंदर और उसकी पावन जलधारा को सुरक्षित तथा संरक्षित रखना, ज़िला प्रशासन का मुख्य उद्देश्य है। सूखे हुए जलधारा की पूरी गहराई से जाँच कराई जा रही है। ताकी तपोवन का सूखा हुआ जल स्रोत पुन: जीवंत हो सके। तपोवन के सूखे हुए जलधार सहित कुंडक्षेत्र के अतिक्रमण की जाँच नीमचकबथानी के एसडीओ मनोज कुमार, मोहड़ा प्रखंड के बीडीओ राजमिति पासवान, सीओ अशोक कुमार सहित लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता, कनीय अभियंता ने की। जलधारा की पूरी गहराई से जाँच की। वहीं तपोवन कुंडक्षेत्र में अवैध रूप से चला जा रहा समरसेबुल मोटर तथा बोरिंग को ध्वस्त कर दिया गया। प्रशासनिक पदाधिकारियों ने तपोवन के तप्त जलधार को सुरक्षित रखने की पहल की है।

Leave a Comment

You cannot copy content of this page

error: Content is protected !!