*आप सबों के अंदर क्षमता है किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने का : डीएम*
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डीएम अभिषेक सिंह ने की स्मार्ट क्लास का उद्धघाटन |
गया : गया के राम रुचि कन्या उच्च विद्यालय के सभागार में जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने रिमोट का बटन दबाकर स्मार्ट क्लास का शुभारंभ किया। इसके पूर्व विद्यालय के छात्राओं ने पुष्प वर्षा कर जिलाधिकारी अभिषेक सिंह एवं अतिथियों का स्वागत किया तथा रामरूची कन्या उच्च विद्यालय के प्राचार्य ने शॉल ओढ़ा कर एवं पुष्पगुच्छ प्रदान कर जिलाधिकारी अभिषेक सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं उपनिदेशक जन संपर्क का स्वागत किया। उद्घाटन कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी के कर कमलों से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गान से अतिथियों का अभिनंदन किया।
जिलाधिकारी ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमारा प्रयास था कि सरकारी विद्यालयों में खासकर मध्य एवं उच्च विद्यालयों में आधुनिक तकनीक से शिक्षा प्रदान किया जा सके। उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लासेस आज की तिथि में बहुत बड़ी चीज नहीं है निजी विद्यालयों में पहले से ही इस तरह के स्मार्ट क्लास की सुविधा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जो एडवांस लर्निंग प्राइवेट स्कूल में मिलता है वह सरकारी में नहीं मिलता। यदि हम पीछे रह जाते हैं तो इसका कारण है एडवांस लर्निंग कैपेबिलिटी टेक्नोलॉजी की कमी। अगर वह हम लोग एडवांस कैपेबिलिटी को विकसित कर सकें, सरकारी स्कूलों में आधुनिक व्यवस्था से बच्चों को अवगत करा सकें तो सरकारी स्कूल के बच्चे प्राइवेट स्कूल के बच्चों से बेहतर साबित होंगे। उन्होंने राम रुचि कन्या उच्च विद्यालय को अपने फंड से स्मार्ट क्लास की व्यवस्था के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज लगाने की योजना पहले से है। यह खुशी की बात है कि शहर के 5 विद्यालयों, जिनमें राम रुचि कन्या उच्च विद्यालय शामिल है, जिसमें स्मार्ट क्लासेस चालू किया गया है। उन्होंने कहा कि हम लोगों को इस विद्यालय से काफी अपेक्षाएं है कि यहां की छात्राएं बोर्ड के परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करें। उन्होंने छात्राओं से कहा कि उनकी यह अवधि पढ़ाई के लिए काफी महत्वपूर्ण है। जो विद्यार्थी इन अवधियों में सही दिशा में आगे बढ़ते हैं वह ऊंचाइयों को छू लेते हैं और जो भटक जाते हैं, वे भटक जाते हैं। उन्होंने कहा कि जब वे पढ़ते थे, उस समय ऐसी सुविधाएं नहीं थी, जो आज उपलब्ध है। आज इंटरनेट का जमाना है, जिस विषय, जिस बात की जानकारी चाहिए, वह इंटरनेट पर उपलब्ध है। लेकिन वहां नकारात्मक तथ्य भी उपलब्ध हैं। ऐसी भी चीजें उपलब्ध हैं,ल जो हमें लक्ष्य से दूर कर देती है ।
जो बच्चे सही चीजों को देखते हैं वह आगे बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि यहां जितनी भी छात्राएं उपस्थित हैं, हो सकता है उनमें से कुछ बहुत अच्छा करें, कुछ औसत दर्जा पर करें और कुछ अच्छा न करें। बस इस में फर्क केवल यह रहता है कि जो समय का सही उपयोग करते हैं, योजनाबद्ध तरीके से पढ़ाई करते हैं। वे आगे बढ़ जाते हैं। कोई व्यक्ति भविष्य में सफल होता है और कोई नहीं होता है, उन दोनों में यही अंतर होता है कि सफल होने वाला समय का सदुपयोग करता है और सही बातों को सही तरीके से ग्रहण करता है। और असफल व्यक्ति गलत तथ्यों की ओर मुड़ जाता है।
उन्होंने कहा कि स्कूल में हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है हमारी एक धारणा बनती है। स्कूल के बाहर का माहौल बहुत ही प्रतियोगी है हमें आगे बढ़ते रहने के लिए अन्य विद्यालयों के छात्रों से प्रतियोगिता करनी पड़ती है। क्योंकि सभी विद्यालयों के छात्र पढ़ते हैं। इनमें से कोई विज्ञान पढेगा, कोई कला, कोई संस्कृत, कोई डॉक्टर बनेगा, कोई आईआईटी करना चाहेगा, कोई सिविल सर्विसेज की तैयारी करना चाहेगा। हर जगह आपको प्रतियोगिता का सामना करना पड़ेगा और इसके लिए अभी से ही अपने आपको तैयार करना होगा। इन विषयों में जो आपकी मूल अवधारणा है। इसे मजबूत करना होगा। इसके लिए स्मार्ट क्लासेस आपको बहुत चीजों को समझाने में मदद करेगा। यह सब चीजें मूल अवधारणा से अतिरिक्त होगा। सबसे बड़ी चीज आपकी मूल अवधारणा है। उन्होंने कहा कि निजी विद्यालयों की तुलना में सरकारी विद्यालयों के छात्रों की मूल धारणा कहीं अच्छी है। यही कारण है कि सरकारी विद्यालयों के बच्चे और खासकर के बिहार के बच्चे किसी भी प्रतियोगिता में अच्छा करते हैं।
उन्होंने कहा कि हो सकता है यहां के बच्चे बोलने में अच्छा ना हो पर उनका कंसेप्ट अच्छा होता है। उन्होंने छात्राओं से कहा कि आप सबों के अंदर वह क्षमता है कि आप किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। जरूरत है कि समय का सदुपयोग करना। उन्होंने कंप्यूटर लैब आदि की व्यवस्था को अद्यतन करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया।