डीएम अभिषेक सिंह ने स्वास्थ्य केंद्रों का की औचक निरीक्षण |
गया : जिलाधिकारी श्री अभिषेक सिंह के द्वारा जयप्रकाश नारायण अस्पताल का औचक निरीक्षण किया गया। उन्होंने बायोमेट्रिक मशीन से अटेंडेंस बनाने की जांच की। उन्होंने 1 महीने की बायोमेट्रिक उपस्थिति की हार्ड कॉपी की मांग की। इस दौरान बताया गया कि बायोमेट्रिक मशीन विगत कई माह से खराब है। बायोमेट्रिक मशीन ठीक होने तक सिविल सर्जन, उपाधीक्षक एवं संबंधित सभी कर्मियों के वेतन निकासी पर रोक लगा दी गई है। ओपीडी के निरीक्षण के दौरान एएनसी चेकअप कार्ड एवं टीकाकरण कार्ड की उन्होंने जानकारी ली। बताया गया कि आज कुल 54 लोगों का प्रसव पूर्व जांच की गयी है जबकि 23 का टीकाकरण किया गया है। उन्होंने ओपीडी में उपलब्ध दवाओं की भी जानकारी ली। फैमिली प्लैनिंग वाला भवन के निरीक्षण में बताया गया कि यह काफी जर्जर है। जिलाधिकारी ने इसे तोड़वाने का निर्देश दिया। उन्होंने एक्स रे रूम, चक्षु वार्ड, पुरुष एवं महिला मेडिकल वार्ड की जांच की। निरीक्षण के दौरान सभी वार्ड में बेडशीट गंदे पाए गए। इन सभी बेडशीट को बदलने का निर्देश दिया गया। निरीक्षण के दौरान दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए आए लाभुकों ने जानकारी दी कि उन्हें दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्राप्त करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बेवजह बार-बार दौड़ना पड़ता है। जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन के सभी कमरों में सीसीटीवी लगवाने का निर्देश दिया। इस दौरान प्रसव कक्ष के निरीक्षण के दौरान नर्स ने कहा कि ब्लड बैंक नहीं रहने के कारण ब्लड प्राप्त करने में काफी कठिनाई होती है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि नीति आयोग के प्रतिनिधि सुश्री निधि पुणेथा एवं मैत्री से संपर्क कर आदर्श प्रसव कक्ष एवं आदर्श उपकरण के लिए प्रस्ताव दें। निरीक्षण के दौरान उन्हें जानकारी दी गयी की अस्पताल में कुल 4 एंबुलेंस कार्यरत हैं। इनके लॉग बुक की जांच करने पर काफी अनियमितता पाई गई साथ ही पाया गया कि अधीक्षक, उपाधीक्षक एवं सिविल सर्जन द्वारा लॉग बुक की जांच नहीं की जाती है। जिसके लिए अगले आदेश तक उन तीनों के वेतन पर रोक लगा दी गई है। लॉग बुक पर क्रमांक भी अंकित नहीं पाया गया। उपस्थित एम्बुलेंस चालक सुरेंद्र कुमार, उपेंद्र कुमार एवं शशि रंजन के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया गया।
इसके उपरांत जिलाधिकारी ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मानपुर के पोषण एवं पुर्नवास केंद्र तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। गौरतलब है कि अति कुपोषित बच्चों के पोषण में सुधार लाने हेतु उन्हें कुपोषण एवं पुनर्वास केंद्र में रखने हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं अन्य स्वास्थ्य केंद्र द्वारा रेफर किया जाता है। वहां रह रहे 1 साल के बच्चे के वजन की जांच की गई तो उसका वजन 5.35 किलोग्राम निकला जबकि वजन 12 से 15 किलोग्राम होना चाहिए। जिलाधिकारी ने निरीक्षण में पाया कि दैनिक तालिका के अनुसार बच्चों को भोजन नहीं दिया जा रहा है साथ ही किचन में राशन एवं खाद्य सामग्री का भी अभाव पाया गया। खेलने के सामग्री भी हार्ड थे जबकि छोटे बच्चों को सॉफ्ट खिलौने चाहिए। उन्होंने पाया कि साप्ताहिक भोजन मैन्यू का पालन भी नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुर्नवास केंद्र में बच्चों को डिस्चार्ज चिकित्सक के द्वारा ही किया जाएगा ना कि वहां के स्टॉफ द्वारा किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने इसके उपरांत अनुमंडलीय अस्पताल, टिकारी का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान बताया गया कि यहां 8 डॉक्टर कार्यरत हैं। इस अवसर पर अनेक आशा जो अपने लंबित प्रोत्साहन राशि के लिए अस्पताल परिसर में उपस्थित थीं, जिलाधिकारी से मिली। जिलाधिकारी ने उनकी शिकायतों को सुना तथा अनुमंडल पदाधिकारी, टिकारी को उपस्थित सभी शिकायतकर्ता से आवेदन लेकर 1 सप्ताह के अंदर उनके आवेदनों को संग्रहित कर बीपीएम के माध्यम से भुगतान कराने का निर्देश दिया। बीपीएम ने जानकारी दी कि अकाउंटेंट के नहीं रहने के कारण इनके प्रोत्साहन राशि के भुगतान में विलंब हो रहा है। जब भी अकाउंटेंट को खोजा जाता है तब वे अनुपस्थित पाए जाते हैं। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी ने संबंधित अकाउंटेंट के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया। अस्पताल में उपस्थित कई महिलाओं ने जिलाधिकारी को जानकारी दी कि यहां जन्म प्रमाण पत्र नहीं बनाया जाता है, जिसके लिए चिकित्सक सुरोज कुमार, हेल्थ मैनेजर अजीत कुमार से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए अगले आदेश तक उनके वेतन पर रोक लगा दी गई है। जांच के दौरान लोगों ने बताया कि कुत्ता काटने की दवा एंटीरैबीज भेक्सिन यहां उपलब्ध नहीं है। जिलाधिकारी ने तत्काल जिला से दावा प्राप्त कराने का निर्देश दिया। लोगों ने बताया कि पूर्व में यहां एक्स रे रूम की सुविधा उपलब्ध थी जो कि अब नहीं है। उन्हें एक्स-रे बाहर से कराना पड़ता है जिलाधिकारी ने एक्स रे रूम की सुविधा बहाल करने का निर्देश दिया।