पर्यावरण पर आधारित ग़ज़ल

पर्यावरण का महाप्राण

हरा- हरा पेड़ की छांव, पर्यावरण का महाप्राण
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फहरे वही स्वच्छ हवा में, राष्ट्रीय तिरंगा की शान॥
पर्यावरण पर आधारित ग़ज़ल
पेड़ लगाते डीएम अभिषेक सिंह
हरियाली को सँवारो, सजाओ पेड़ लगा कर
बन जाएगी धरती, तेरे जीवन की मुस्कान॥
सुस्वच्छ पर्यावरण में, है स्वर्ग की बहार
बच्चों की तरह, देना पौधे को सम्मान॥
पौधा वृक्ष बन बनेगा, पर्यावरण का गौरव
तुम लगाओगे पेड़, ख़ुश होंगे भगवान॥
प्रकृति का सोलहो श्रृंगार, हरा- भरा गगन
विशुद्ध पत्तियों में, स्वच्छ साँसों का वरदान॥
वृक्षों की हरियाली, पर्यावरण की ज़िंदगी
मन मोहक प्राकृतिक छँटा, भारतीय तान॥
पर्यावरण पर आधारित ग़ज़ल
हराभरा वृक्ष की हरियाली
ये दिल बहलता, सुस्वच्छ प्रकृति की गोद में
रंग-बिरंग पुष्प, ज़मीं दुल्हन का महादान॥
बुलंद राष्ट्र का दिल, बुलंद वातावरण में
पर्यावरण में, मानवीय संजीवनी महान॥
लेखनी तिथि : 10/10/2002
पर्यावरण पर आधारित ग़ज़ल
अशोक कुमार अंज, लेखक-कवि- पत्रकार 
ग़ज़लकार,
अशोक कुमार अंज
लेखक-कवि-फिल्मी पत्रकारबाबू
आकाशवाणी- दूरदर्शन, पटना से अनुमोदित
वजीरगंज, गया, बिहार


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