गया : अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य सह मगध प्रमंडल कांग्रेस प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिठू, बाबूलाल प्रसाद सिंह, अमरजीत कुमार, टिंकू गिरी, अमित कुमार उर्फ रिंकू सिंह, विनोद बनारसी, नाजिर खान, मो सरवर खान, मो इकबाल, सुरेन्द्र मांझी, श्रवण पासवान आदि ने कहा कि नीतीश सरकार शुरू से ही मगध क्षेत्र की उपेक्षा करते रहे है इसका जिता जागता उदाहरण
वर्षों से लंबित सिंचाई परियोजना ( उत्तर कोयल,तिलैया धाढ़र), बंद चीनी मिल, शिलान्यास किया हुआ एरु स्टील प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण शुरू नहीं होने, गया जैसे शहर को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल नहीं कराने, सीताकुंड मंदिर को रामायण सर्किट से नहीं जोड़वाने, मानपुर के पावरलूम उद्योग के साथ दोरंगी नीति, गया गांधी मैदान, भुसुंडा मेला ग्राउंड में स्टेडियम के निर्माण का सब्जबाग दिखाने, इंदिरा गांधी इनडोर स्टेडियम का जीर्णोधार नहीं करने, गया कुष्ठ अस्पताल का जीर्णोधार नहीं करने, गया संक्रमण अस्पताल के पुराने भवन जो पांच एकड़ भूमि में वर्षों से संचालित था, उसे प्रभावती अस्पताल के एक छोटे भवन में स्थानांतरित कर उस कैंपस में अभी तक तीर्थयात्री भवन एवम् पार्क का निर्माण की घोषणा ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है, मगध क्षेत्र में वर्षों से घोषित मगध कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना नहीं करने , तारा मंडल बनाने की घोषणा भी कागजी बना हुआ है, तथा यहां के कई योजनाओं को दूसरे जिला में स्थानांतरित कर दिया गया जैसे बिहार स्पोर्ट्स अकादमी को राजगीर भेजा गया, पावरलूम सर्विस सेंटर जो गया में वर्षों से संचालित था उसे भागलपुर भेज दिया गया।
नेताओ ने कहा की सूबे कि राजधानी पटना के बाद राज्य के सबसे महत्वपूर्ण एवम् बड़ा जिला, मगध क्षेत्र के प्रमंडलीय मुख्यालय शुरू से ही नीतीश सरकार के कार्यकाल में उपेक्षित रहा है।
आज के कैबिनेट विस्तार में भी मगध की उपेक्षा जगजाहिर है।
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