मुख्यमंत्री का चुनावी तोहफा गंगाजल

गंगाजल के बहाने गया पहुंची चुनावीहवा 

गया : चुनाव से पहले मानपुर में पहुँच जाएगा गंगाजल। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुरज़ोर पहल। जिलेवासियों में है उत्सुकता। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम 29 अगस्त को होना है। सीएम, गंगा उद्धव योजना का करेंगें निरीक्षण। प्रशासनिक तैयारी ज़ोरों पर है।

Advertisement

मुख्यमंत्री गया को चुनावी तोहफा देंगे गंगाजल, AnjNewsMedia, Ganga water will give electoral gift to Chief Minister Gaya

मुख्यमंत्री गया को चुनावी तोहफा देंगे गंगाजल


वहीं मुख्यमंत्री के शुभागमन को लेकर मानपुरवासों में है खासा उत्साह। गंगा उद्धव परियोजना के तहत पहुँचने वाले गंगा के निर्मल जल को लेकर पुल्कित हैं। पाईपलाइन के जरीय यहाँ गंगाजल बहुत जल्द ही पहुँचने वाला है। इसकी सफलता के लिए मुख्यमंत्री पूरी सक्रियता के साथ सक्रिय हैं। 

गंगाजल को लेकर मुख्यमंत्री में भी अपर ख़ुशी है, क्योंकि उनके कर कमलो से पुनीत कार्य होने जा रहा है, जो ऐतिहासिक होगा। वह शानदार होगा ही, जबरदस्त भी। जो यादगार होगा

वे अपनी नज़रिया से गंगा उद्धव परियोजना का अवलोकन करेंगें। फिर उनका सौग़ात गयावासियों के लिए शुरू होगा। जिसके लिए गयावासी पुलकित हैं। वे गंगाजल ग्रहण कर तर जाएँगें, वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट का सफलतापूर्वक संचालन होगा। एक तीर से कई निशाने सधने वाला है

यह कार्य ठीक चुनाव से पहले संपन्न होगा। जिससे उनका वोट प्रतिशत भी बढ़ेगा, जिससे वे भी तर जाएँगें। यानि गंगाजल सबों का उद्धार करने वाला है। जो चुनावी नज़रिया से भी बेहतर, और आम- अवाम के लिए भी। इसे कहते हैं निशाना। यानि तीर का निशान, सही जगह पर लगेगा।

विपक्षी लोग इसे चुनावी निशाना भी कह रहे हैं। वे कहते इतनी हड़बड़ी में यह कार्य क्यों हो रहा है। यह सोचनीय विषय है। ऐसा लगता है यह चुनावी प्रोजेक्ट है।

यही वजह है चुनाव से ठीक कुछ महीने पहले इसे पूरा किया जा रहा है। यह साफ झलकता है। विपक्षियों ने कहा कि साफ जाहिर होता है कि परियोजना चुनाव के नजरिया से देखावटी है। जनहित में इससे विशेष फ़ायदा नहीं होने वाला है।

युवा नेता चितरंजन कुमार चिंटूभैया ने कहा इसे चुनावी हवा की योजना कहा जा सकता है। वोट की नज़रिया से पिरोई गई यह योजना है। यह बहुत कारगर योजना नहीं है, बहुत जल्द टाँय-टाँय फिस होने वाली परियोजना है। जो क्षणिक सुखदायी है। बस, काम निकालने वाली योजना है। जिसमें चुनावी मक्शद है। फिलवक्त, बिहार लॉकडाउन है, इतनी जल्दी किस बात की, इस जल्दीबाजी का मतलब है चुनाव। जो अब आ धमका है। बिहार में चुनावी हवा बह चुकी है। गंगाजल के बहाने, गया में चुनावी हवा बहाने आ रहे है। जो मौन, चुनावी हवा होगी, ये हम सब, पूरी तरह समझते हैं

मौका परस्त है मुख्यमंत्री। आनन- फ़ानन में हैं सीएम नीतीश। उन्हें शक है कि अगला टर्म मिलेगा भी, या नहीं। इस बात की जीता- जागता उदाहरण है। क्योंकि बिहारी, नीतीश सरकार से ऊब चुकी है, और परिवर्तन की मूड में हैं। यह समझ गए हैं मुख्यमंत्री। अबकी, उनका चलने- बनने वाला नहीं है। जनता- जनार्द्धन का मूड बिल्कुल भिन्न है।

सच, चुनाव से पहले जो होता है, उसे चुनावी निगाह से ही देखा जाता हैक्योंकि सरकार के शासन काल का दौर समापन की ओर बढ़ चला होता है। यह सच है कि गया जिला अब भी बहुतो समस्या से ग्रसित है, जिसका निदान संभव नहीं हो सका है।  

➖@AnjNewsMedia➖


Leave a Comment

You cannot copy content of this page

error: Content is protected !!