हमें संघर्ष करते रहना चाहिए : मंत्री मुकेश सहनी
गया : माननीय मंत्री, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार, पटना श्री मुकेश सहनी की अध्यक्षता में मत्स्य निदेशालय के मगध परिक्षेत्र के सभी 5 जिलों में चल रहे योजनाओं से संबंधित समीक्षात्मक बैठक गया संग्रहालय, गया में आयोजित की गई।
पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री मुकेश सहनी की अध्यक्षता |
सर्वप्रथम माननीय मंत्री को संयुक्त निदेशक, मत्स्य विभाग द्वारा पुष्मगुछ देकर उनका हार्दिक स्वागत किया गया। साथ ही सभी मंचासीन अतिथियों एवं बैठक में उपस्थित सभी आगंतुकों का स्वागत किया गया।
मंत्री ने बताया संघर्ष सफलता की कुंजी |
बैठक में माननीय मंत्री, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार श्री मुकेश सहनी द्वारा अपने संबोधन में सभी उपस्थित वरीय पदाधिकारियों, मत्स्यजीवी सहयोग समिति के मंत्री, अध्यक्ष एवं कार्यकारिणी सदस्य एवं उपस्थित प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों का स्वागत किया गया। उन्होंने उपस्थित मत्स्यजीवी सहयोग समिति के मंत्री, अध्य्क्ष एवं सदस्यों से उनकी समस्याओं के बारे में जाना। सभी ने जिलावार अपनी अपनी समस्याओं से माननीय मंत्री को अवगत कराया। समस्या में मुख्य रूप से तालाब अतिक्रमण, सरकार द्वारा जारी योजनाओं का लाभ न मिलना, तालाब को जबरन कब्जा कर सभी मछलियों को लूट लेना, संसाधनों की कमी, इत्यादि से रूबरू कराया।
माननीय मंत्री ने बताया कि संघर्ष सफलता की कुंजी है और हमें संघर्ष करते रहना चाहिए। बताया गया कि मछुआरों के लिए 100 आवास आवंटित किया गया है, जिसमे 61 आवास पूर्ण किया गया है। माननीय मंत्री ने सभी जिला मत्स्य पदाधिकारी को निदेश दिया कि अविलंब लक्ष्य को पूर्ण करना सुनिश्चित करें। मगध प्रमंडल के अंतर्गत 20 प्रखंडों में मत्स्यजीवी सहयोग समिति नहीं बनाया गया है, जिसे अगले 3 माह के अंदर समिति बनाना सुनिश्चित करेंगे। प्रत्येक समिति के मंत्री, अध्यक्ष, सदस्य आपसी तालमेल से समिति चलाएं।
मंत्री ने बताया मछुआरों लिए 100आवास आवंटित किया |
उन्होंने बताया कि आने वाले समय में सभी समस्याओं का निदान करने हेतु योजनाएं बनाई जा रही है। वर्तमान में पूरे बिहार में लगभग 30,000 तालाब हैं। पूर्व के तालाबों को अतिक्रमणमुक्त करने के लिए उन्हें चिन्हित करके 20 साल पहले का सेटेलाइट फोटो के माध्यम से अतिक्रमणमुक्त कराया जाएगा। सभी मत्स्यजीवी सहयोग समिति के कंपनियों का इंश्योरेंस कराया जाएगा ताकि आपदा के समय नुकसान का उन्हें मुआवजा दिया जा सके। सरकार की योजना है कि मछली उत्पादन जो बिहार के अन्य राज्यों में हो रहा है तथा इसे अन्य राज्यों में आपूर्ति की जाती है, यह कार्य हम सब मिलकर बिहार में मछली उत्पादन में वृद्धि करके कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मछली का चारा, जाल एवं नाव सरकार द्वारा आने वाले समय में सब्सिडी के साथ सभी मछुआरों को मुहैया कराया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि सिर्फ मछली ही नहीं पशुपालन को भी बढ़ावा देना है। पशुओं के इलाज के लिए घर तक चिकित्सकों को जाना होगा। पशुपालन एवं मत्स्य पालन के लिए पटना में 5-6 दिनों का प्रशिक्षण कराया जाएगा, जिसमें आप सभी भाग ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि यदि आपके क्षेत्र में कहीं भी तालाब अतिक्रमण होता दिखे तो आप अपने प्रखंड स्तर, जिला स्तर एवं प्रमंडल स्तर के पदाधिकारियों को सूचित करें।
निदेशक द्वारा मत्स्य विभाग की योजनाओं के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि मगध परिक्षेत्र में मत्स्य विभाग के नियंत्राधीन 2607 जलकर हैं, जिसका कुल रकवा 4041 हेक्टेयर है। 1487 जलकर विभिन्न मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के साथ बंदोबस्त हैं एवं 329 जलकर खुली डाक से बंदोबस्त हैं। 83 लाख राजस्व की वसूली के विरुद्ध लगभग 70% राजस्व की वसूली की जा चुकी है। समितियों के द्वारा दूसरी किस्त की राशि जमा होने के उपरांत शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि जल जीवन हरियाली योजना अंतर्गत 2245 जलकरो की सूची सभी जिला पदाधिकारी को प्रेषित किया गया है, जिसमें 1362 जलकर चयनित है। 108 जलकर पर जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ हुआ है, 71 जलकरो का जीर्णोद्धार का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
बताया गया कि मगध क्षेत्र के मत्स्य उत्पादन का लक्ष्य 27 हज़ार मेगा टन है, जिसके विरूद्ध लगभग 21 हज़ार मेगा टन की उपलब्धि जनवरी 2020 तक हो चुका है एवं मार्च माह तक शत-प्रतिशत लक्ष्य की उपलब्धि प्राप्त कर ली जाएगी।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, प्रधानमंत्री विशेष पैकेज योजना, मुख्यमंत्री मत्स्य विकास विभाग, मछुआ आवास योजना एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग तथा विशेष घटक योजना अन्तर्गत मत्स्य बीज उत्पादन, रियरिंग तालाब निर्माण, उन्नत इनपुट योजना, मत्स्य विपणन योजना, फिश कियोस्क, मत्स्य प्रसंस्करण योजना तथा तकनीकी समावेश योजना (बायो फ्लॉक) योजना क्रियान्वित की जा रही है।
समीक्षात्मक बैठक में निदेशक श्री धर्मेंद्र सिंह, संयुक्त निदेशक श्री निशात अहमद, उपनिदेशक श्री पवन कुमार पासवान, आप्त सचिव श्री शैलेन्द्र भारती, सभी जिला मत्स्य पदाधिकारी, सभी मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के मंत्री, अध्यक्ष एवं कार्यकारिणी सदस्य उपस्थित थे।
– Anj News Media