पटना अरण्य भवन के सभागार में ‘बिहार वित्त सेवा के 90 नवनियुक्त पदाधिकारियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम’ का शुभारंभ करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार के कुल कर राजस्व का 70 प्रतिशत वाणिज्य कर विभाग संग्रहित करता है। 2018-19 के 27,000 करोड़ लक्ष्य के विरूद्ध नवम्बर, 2018 तक 15,466
करोड़ की वसूली हुई है जो पिछले वर्ष की तुलना में 38 प्रतिशत अधिक है। वैट के दौर के 1.69 लाख करदाता की तुलना में वर्तमान में 3.87 लाख करदाता निबंधित हैं जिनमें 2.18 लाख नए करदाता हैं। उन्होंने कहा जीएसटी कौंसिल छोटे करदाताओं को राहत देने के लिए 20 लाख के टर्नओवर को बढ़ा कर 75 लाख करने, 50 लाख तक के टर्नओवर वाले सेवा प्रदाताओं के लिए कम्पोजिशन स्कीम लाने, कन्स्ट्रक्शन सेक्टर में लगने वाले 12 व 18 प्रतिशत कर की दर को घटा कर 5 प्रतिशत करने पर विचार कर रही है। आगे उन्होंने कहा अब तम्बाकू पदार्थ, लक्जरी वाहन, एयर कंडिशनर, कोकोकोला जैसे मात्र 10 वस्तुओं पर ही 28 प्रतिशत कर हैं, बाकी सभी वस्तुओं व सेवाओं से कर की दर घटा कर 18, 12 व 5 प्रतिशत कर दी गयी है। सीमेंट और ऑटो पार्ट्स पर से भी 28 प्रतिशत की दर कम करने पर कौंसिल विचार कर रही है। 2017-18 में पूरे देश में जहां जीएसटी का औसत मासिक संग्रह 89,700 करोड़ था वहीं 2018-19 में यह बढ़ कर 97,100 हो गया है। इसी क्रम में उन्होंने कहा जीएसटी को आजादी के बाद देश का सबसे बड़ा अप्रत्यक्ष कर सुधार बताते हुए कहा कि पहले 17 तरह के कर लगते थे, देश के अंदर एक से दूसरे राज्यों के बीच जांच चौकी होती थी, मगर जीएसटी लागू होने के बाद ‘वन नेशन, वन टैक्स, वन मार्केट’ की अवधारणा साकार हुआ है। दुनिया के अनेक देशों में जहां जीएसटी लागू होने के बाद महंगाई बढ़ी वहीं भारत में जीएसटी लागू होने के बावजूद अनेक वस्तुओं पर कर की दर कम होने से महंगाई की दर नियंत्रित रही।
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