बनी फिल्म- ‘पटरी पर पाठशाला’
लेखक- पत्रकार अशोक कुमार अंज द्वारा लिखित तथा दूरदर्शन पटना से निर्मित फिल्म उनकी यादों को रखेगी ज़िंदा
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नहीं रहे चलंत स्कूल के नायक विश्वनाथ विश्वकर्मा
दिवंगत विश्वनाथ प्रसाद विश्वकर्मा राष्ट्रपति से सम्मानित शिक्षक सह चलंत स्कूल का जनक |
चलंत विद्यालय के जनक सह राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक विश्वनाथ विश्वकर्मा का सड़क हादसे में मौत। विश्वनाथ विश्वकर्मा विराट व्यक्तित्व के धनी पुरूष थे। जो कर्मवीर थे। वे चलंत विद्यालय की परिकल्पना से देश- दुनिया में ख्याति अर्जित किये। वे बिहार के नाज थे। वे गया और नवादा का सर ऊँचा कर गौरवान्वित किये थे। वे नवादा जिले के मिर्ज़ापुर के निवासी थे। दिवंगत विश्वनाथ विश्वकर्मा ने वर्ष 1991 में चलंत विद्यालय की परिकल्पना रखी थी, जो काफी मशहूर हुआ। इस माध्यम से वे गरीब, वंचितो में शिक्षा की अलख जगाते हम सबों के बीच से चल बसे। जाहिर हो कि गया- किउल रेलगाड़ी में हॉकरों को अक्षर ज्ञान कराने वाले विश्वनाथा विश्वकर्मा, चलता-फिरता स्कूल की सकारात्मक कल्पना को साकार कर चल बसे। वे कितने निरक्षरों को शिक्षित कर, अक्षरज्ञान की ताकत प्रदान किये। विदित हो सीवान जिला शिक्षा पदाधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे विश्वनाथ विश्वकर्मा। अपनी उत्कृष्ट कार्य शैली के सहारे विश्वनाथ विश्वकर्मा को कई सम्मान से सम्मानित हुए थे। लेखक- पत्रकार अशोक कुमार अंज ने उनके जीवन पर डाक्यूमेंट्री फिल्म ‘पटरी पर पाठशाला’ दूरदर्शन, पटना के सहयोग से बनाई, जो काफी लोकप्रिय हुआ। वहीं लेखक अंज द्वारा लिखित स्क्रिप्ट पर ईटीवी बिहार ने भी लघु डाक्यूमेंट्री बनाई, वहीं ईटीवी बिहार ने महामना विश्वनाथ विश्वकर्मा को ‘बिहारी हो तो ऐसा’ का सम्मान देकर सम्मानित किया। उनके जाने से शिक्षा जगत में अपूर्णीय क्षति हुई है। उनकी शिक्षा की अलख को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि।
लेखक- कवि- पत्रकार अंज |
लेखक,
अशोक कुमार अंज
साहित्यकार- फिल्मी पत्रकार बाबू
आकाशवाणी- दूरदर्शन, पटना से अनुमोदित
वजीरगंज, गया, बिहार