गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए कार्यशाला शामिल आयुक्त श्री पाल |
गया : गया के होटल गर्भ में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की संप्राप्ति हेतु कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन आयुक्त, मगध प्रमंडल पंकज कुमार पाल के कर कमलों से दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी अभिषेक सिंह, जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं अन्य उपस्थित थे। गया जिले में राष्ट्रीय अचीवमेंट सर्वे एवं आंतरिक मूल्यांकन की स्थिति तथा तथ्यों के सीखने के मुद्दे पर आर एस सिंह ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत किया। जिसमें सरकारी विद्यालयों में कक्षावार और विषयावर बच्चों की उपलब्धि स्तर को रेखांकित किया गया।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षाके लिए कार्यशाला को सम्बोधित करते आयुक्त श्री पाल |
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आयुक्त ने कहा कि एन ए एस के द्वारा किए गए मूल्यांकन प्रतिवेदन के अनुसार शिक्षा के क्षेत्र में कहां-कहां कमियां है इसकी यह जानकारी मिलती है। उन्होंने इस कार्यशाला की अहमियत पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसके लिए सतत प्रयास की आवश्यकता है तथा विद्यालयों में शैक्षणिक माहौल को उत्तरोत्तर विकसित करते हुए शैक्षणिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। गैर शैक्षणिक क्रियाकलाप को कम किया जाना चाहिए। जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित न हो। खासकर नियोजित शिक्षकों के लिए इस तरह के कार्यशाला का आयोजन करना होगा। उन्होंने कहा कि विद्यालयों के लिए विद्यालय शिक्षा समिति बनाई गयी है। अनेक शिकायतें मिलती है कि विद्यालय शिक्षा समिति में गलत वार्ड पार्षद को शामिल किया गया है। अमुक व्यक्ति को छोड़ दिया गया है, वर्ग कक्ष का निर्माण ठीक ढंग से नहीं करवाया गया है, मिड डे मील में अनियमितता बरती जा रही है।
लेकिन कहीं से भी इस तरह की शिकायत नहीं मिलती है कि अमुक शिक्षक विज्ञान ठीक से नहीं पढ़ा पाते हैं। यहां गणित के शिक्षक की कमी है। इस तरह का हमारा माइंडसेट है जो बतलाता है कि शिक्षा के प्रति कितना सगज है। उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी को प्रत्येक प्रखंड से कुछ शिक्षा समितियों के सदस्यों को और अभिभावकों को भी इस तरह के कार्यशाला में शामिल करने का सुझाव दिया। जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने इस कार्यशाला के बारे में बताया कि मेरे मन में इस मुद्दे पर शिक्षकों एवं शिक्षा पदाधिकारियों के साथ एक समेकित चर्चा साझा करने का विचार बहुत दिनों से था। जो आज पूर्ण हुआ है। ऐसा देखा जा रहा है कि सरकारी विद्यालयों के प्रति छात्र एवं अभिभावकों का विश्वास कमता जा रहा है। शायद उसका एक महत्वपूर्ण कारण गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की संप्राप्ति में हमारी विफलता है। आज हम सभी इसके लिए आपसी विमर्श कर एक निर्णय लेकर कारणों की पहचान और उसका निदान करेंगे। इस क्रम में कई वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए तथा सभी उपस्थित शिक्षकों, साधन सेवी एवं प्रखंड शिक्षक पदाधिकारियों को कई मुद्दों पर विचार विमर्श किये