एसएसपी मनु के नाम सुन, थर कापै नक्सलिया
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भागै जान बचा, जंगले जंगल पुलिस चलै चलिया
पटना मे तुती बोलै, कड़र एसएसपी महाराज के
भागल उगरबादी, थमल अपराध, समय राम-राज के
कोय नै भय देखावय, निकालय बंधुक दु नलिया
नक्सली अपराधि के, धर-पकर अभियान चलैलन
बड़हल मन नक्सलियन के, ओकरा चकनाचुर कैलन
पैदले पैदल चल, ले हथि गाऊं जेबार के हलिया
हथियार फेक, जे उग्रबादी मुखधारा से जुड़य
भटकल जीनगी सबारै प्रसासन, गुड़ नियन गुड़य
बाल-बुतरून के पढ़बैतन, देलैतन सिछा छलिया
एसएसपी मनु के नाम सुन, थर कापै नक्सलिया
भागै जान बचा, जंगले जंगल पुलिस चलै चलिया
अक्षरजीवी,
अशोक कुमार अंज
कवि-पत्रकार व साहित्यकार
आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से अनुमोदित
वजीरगंज, गया, बिहार