॥ बुलंद हौसला ॥

Author- Journalist Ashok Kumar Anj
ना है पैर, काँटों से ना डरने के लिए।
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हर कदम पे है साँस, जीने मरने के लिए॥

क्षणभंगुर फूल, बहुत मजा नहीं देता

दर्द जरूर है, हर एक घाव भरने के लिए॥

भरपूर कोशिश ही, साहसों की जिंदगी है
घूंट-घूंट कर मरना होगा, तैरने के लिए॥
बुलंद हौसला का ताज है, दृढ़- प्रतिज्ञा
सौ काम को हाथ ही है, करने के लिए॥
झूक जायेगा हिमनग, राहगीर की चाल पे
इतिहास विवश है, संग चलने के लिए॥
बना है पैर, काँटों से ना डरने के लिए।

हर कदम पे है साँस, जीने मरने के लिए॥

Filmstar- Author- Journalist Ashok Kumar Anj


बिहार सरकार की “बिहार” पत्रिका में प्रकाशित


अक्षरजीवी,

अशोक कुमार अंज
(फ़िल्मी पत्रकार बाबू)
साहित्यकार- पत्रकार

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