अतरी- मोहड़ा के वनभूमि पर बने नेचर सफारी

गया के अतरी- मोहड़ा में नेचर सफारी बनाने की मांग 

मुख्यमंत्री नीतीश ने गया जिला के वनभूमि को नालंदा जिला में स्थानांतरण का दिया आदेश, ग्रामीणों में रोष, कांग्रेस ने भी किया विरोध  
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ज़िले के अतरी- मोहड़ा प्रखंड के ग्रामीणों ने जताया भरी विरोध, कहा सरकार हक़ मारी ना करे 

गया : ज़िले के ऐतिहासिक तपोवन के  इलाके में हीं नेचर सफारी का निर्माण कराया जाय, जिससे तपोवन सहित अतरी- मोहड़ा का विकास होगा। बिहार सरकार को इस पर गहन विमर्श करना चाहिए, और तपोवन को विकसित बनाना चाहिए

अति सुन्दर पौराणिक मनभावन स्थल तपोवन गया ज़िले की पहचान है, वह अनोखा धरोहर है। जो प्रकृति का अनुपम वरदान है। वर्षों से अविकसित तपोवन को विकसित करने का सरकार को पहल करनी चाहिए। जिससे अंतर्राष्टीय पर्यटन स्थल तपोवन विकसित- चकाचक हो। ग्रामीणों ने कहा सरकार की उपेक्षा की वजह से ही तपोवन अविकसित है। 

उधर, अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य सह मगध प्रमंडल कांग्रेस प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिठू , किसान कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मो सरवर खान, कांग्रेस सेवादल के प्रदेश महासचिव अमरजीत कुमार, संजीत बकथारिया, टिंकू गिरी, शिव कुमार चौरसिया आदि ने कहा कि नालंदा जिला के राजगीर में बन रहे नेचर सफारी में गया जिला के 5369 एकड़ जमीन मोहड़ा अंचल के जेठियन एवम् अतरी अंचल के भोजपुर एवम् चकरा गांव का शामिल है, जिसे राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने गया जिला के वन भूमि को नालंदा जिला में स्थानांतरण का आदेश दिए है, तथा राजस्व विभाग द्वारा इसके लिए कारवाई भी शुरू कर दिया है।


     नेताओ ने कहा की बथानी अनुमंडल में काफी वनभूमि है, जिसे नेचर सफारी के लिए विकसित किया जाए, ना की यहां के वन भूमि को नालंदा जिला में मिला कर गया जिला का नाम ही खत्म कर दिया जाए।

        नेताओ ने कहा की सूबे कि राजधानी पटना के बाद गया राज्य का सबसे महत्वपूर्ण जिला है, परंतु नीतीश सरकार हमेशा इस जिला के विकास में अनदेखी कर, यहां के प्रोजेक्ट को नालंदा स्थांतरित कर दिया जाता है, जैसे गया में प्रस्तावित बिहार स्पोर्ट्स अकादमी, तारा मंडल, सीआईएसफ कैंप, हैंडलूम पार्क, सहित कई इसके उदाहरण है।

मांग की वीडियो यहां देखिये – 


      नेताओ ने कहा की बथानी अनुमंडल के जेठियन, तपोवन की महत्ता बढ़ाने एवम् पर्यटन के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से गया जिला के वनभूमी को नालंदा जिला को स्थानांतरित करने के बजाए गया में ही नेचर सफारी बनाया जाए।

AnjNewsMedia

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