*अद्भुत पर्यटन स्थल गयाजी*
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बिहार सूबे का गया जिला सबसे प्राचीन पर्यटन स्थल है। गया, हिंदू, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों के लिए धार्मिक केंद्र के रूप में लोकप्रिय है। यहाँ घूमने आने वाले पर्यटकों को दो धर्मों का मेल तो देखने को मिलता ही साथ ही यहां की संस्कृति भी सभी को अपनी ओर आकर्षित करती। यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल में महाबोधि मंदिर भी शामिल है। इस पावन स्थल पर देशी- विदेशी पर्यटक यात्रीगण तथा लोग ज्ञान प्राप्त करने आते थे। जो बौद्ध धर्र्म का सुप्रसिद्ध केंद्र है। जहाँ शांति की कामना लेकर लोग आते- जाते हैं।बौद्धधर्म के अनुयायी के लिए यह क्षेत्र महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां बुद्धि प्राप्ति के साथ हीं साथ विश्व शांति की प्रसिद्ध ऐतिहासिकता है। बोधगया तथा तपोवन में बुद्ध का भव्य की मूर्ति स्थापित है। ज्ञात हो तपोवन ! बुद्ध का मशहूर तपस्या स्थल है। बुद्ध की तप से सिंचित है तपोवन तप:स्थल। जो पावन है हीं, पवित्र भी। जहाँ के कण-कण में धार्मिकता समाहित है। मुक्तिदायक गया में हीं महाबोधि मंदिर है, जो बौद्धधर्मावलंबियों का आस्था का प्रतीक है। जो बोधगया, गया में स्थित है। कठोर तपस्या उपरांत जहां बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई। उस मंदिर का निर्माण सम्राट राजा अशोक ने करवाया था। जो क़रीब 260 ईसा पूर्व में बनाया गया था। मोक्षभूमि गया में बौद्धधर्म के संस्थारपक बुद्ध को बोध प्राप्त् हुआ, इसी से गया, महाबोधि मंदिर, बौद्धों के प्रसिद्ध स्थलों में से एक है। गया, तीन तरफ से छोटी – छोटी पहाडि़यों मंगला – गौरी, श्रींगा – स्थान, राम – शीला और ब्रहमायोनि से घिरा है, पश्चिमी ओर फाल्गुी नदी बहती। महाबोधि मंदिर गया, बिहार हीं नहीं, विश्व की शान है। बौद्ध भिक्षु, यहां आते और बुद्ध की मूर्ति के दर्शन करते, उनके चरणों के नीचे बैठकर ध्यान लगाते। अपनी कामना के अनुसार लोग शांति और समृद्धि प्राप्त कर, मन में अच्छे भाव का विचार लेकर लोग वापस होते हैं। यहाँ का विष्णुपद मंदिर भी अति प्राचीन है, जो धार्मिकता में प्रमुख है। गया धाम बुद्धि और मोक्ष की महापावन भूमि है। जो अद्भुत है ही, गौरवशाली भी। यह पावन नमनीय, वंदनीय स्थल है। जहाँ सालोभर भक्तिमय वातावरण गूँजायमान रहता है।
अक्षरजीवी,
*अशोक कुमार अंज*
फ़िल्मस्टार, लेखक- कवि- पत्रकार
वजीरगंज, गया, इंडिया