आयरन की गोली किशोरियों के लिए अनिवार्य

गया : विद्यालयों एवं आगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 10 से 19 वर्ष के बीच के किशोरियों एवं बालकों के बीच वितरण किए जाने वाले आयरन फोलिक एसिड टेबलेट का शुभारंभ जिलाधिकारी अभिषेक सिंह द्वारा गया के राम रुचि कन्या उच्च विद्यालय में पांच छात्राओं को खिलाकर किया गया।
इस अवसर पर जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम का शुभारंभ बुधवार को होना था परंतु उनकी व्यस्तता के कारण आज किया जा रहा है। यह अतिरिक्त खुराक प्रत्येक बुधवार को सभी विद्यालय एवं आगनवाड़ी केंद्रों पर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि वे जहां अन्य राज्य में पदस्थापित थे वहां इस कार्यक्रम को प्रारंभ किया गया था जिसके परिणाम स्वरूप एनीमिया की कमी से किशोरियों में होने वाले दर्द में 50% कमी आ गई। साथ ही जब उन किशोरियों की शादी हुई और उनका प्रसव हुआ तो जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ पाए गए। उन्होंने कहा कि भारत में खासकर बिहार में एनीमिया की समस्या हमेशा रही है। और इसके लिए अतिरिक्त पूरक दवा या आहार लेना होता है।
पूर्ण रूप से शारीरिक विकास के लिए आयरन की पर्याप्त मात्रा आवश्यक है और इसके लिए दो तरीके हैं। पहला तरीका है कि हम अपने खान-पान में आयरन युक्त हरी सब्जी का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा किया जाए, दूसरा तरीका है कि आयरन का पूरक खुराक लिया जाए। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त खुराक लेने में गैप नहीं होना चाहिए। आप हर सप्ताह में दवा लें। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने तय किया है कि प्रत्येक बुधवार के दिन खुराक लेना है,इसे नियमित रूप से लें। उन्होंने कहा कि जब भी इस तरह का अभियान चलाया जाता है तो लोगों में कई तरह की भ्रांतियां उत्पन्न हो जाती है कि इसके खाने से कोई विपरीत असर तो नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि यह सारी भ्रांतियां निर्मूल है। ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि जो भी शिक्षक इस के नोडल बनाए गए हैं वे यह सुनिश्चित करेंगे कि दवा प्रति सप्ताह सही तरीके से दिया जाए। उन्होंने कहा कि इस तरह के दवा का असर तभी होता है, जब नियमित रूप से लिया जाए। उन्होंने कहा कि आईसीडीएस को भी यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उनके पोषण क्षेत्र में जो भी बच्चियां हैं या वैसी मां है उनको यह दवा दिया जाए। उन्होंने कहा कि महिलाओं में ग्रोथ के लिए आयरन काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया कि आयरन फोलिक एसिड की गोली की आपूर्ति में कमी न हो यह सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बिहार की बच्चियों एवं महिलाओं के उत्थान एवं विकास के लिए काफी संवेदनशील हैं। इसके लिए कई योजनाएं पहले से ही चलाई जा रही है। जिनमें मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना शामिल है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि सामाजिक एवं शैक्षणिक विकास के साथ साथ उनका व्यक्तिगत विकास भी जरूरी है।
यह मुख्यमंत्री के सर्वोच्च प्राथमिकता में से एक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह कार्यक्रम अपने उद्देश्य में एक उदाहरण प्रस्तुत करेगा।इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ पुष्पेंद्र कुमार एवं सिविल सर्जन डॉ राजेंद्र प्रसाद सिन्हा ने आयरन फोलिक एसिड टेबलेट की विशेषताएं बताते हुए कहा कि यह सामान्य आयरन टेबलेट से अलग विशेष किस्म का टेबलेट है, जिसे नीला रंग में बनाया गया है और इसे प्रत्येक बुधवार को 10 से 19 वर्ष के सभी बच्चियों को उपलब्ध कराया जाएगा। इस अवसर पर जिला शिक्षा पदाधिकारी, यूनिसेफ के पदाधिकारी, राम रुचि कन्या उच्च विद्यालय के प्राचार्य एवं अन्य पदाधिकारी थे।

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