जिलाधिकारी ने किया कार्यशाला का उद्घाटन
गया : जिला परिषद, गया का सभागार में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी तथा जिला प्रशासन, गया द्वारा आयोजित *ई गवर्नेंस एंड इनफॉरमेशन सिक्योरिटी अवेयरनेस वर्कशॉप* का शुभारंभ जिला पदाधिकारी, गया श्री अभिषेक सिंह के द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। इसके पूर्व स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर श्री विशाल द्वारा पुष्मगुच प्रदान कर जिला पदाधिकारी का हार्दिक अभिनंदन किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि इस कार्यशाला की मांग बहुत दिनों से की जा रही थी, वर्तमान समय में अधिकतर कार्य इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से किया जा रहा है पदाधिकारियों का डिजिटल सिग्नेचर बनाया गया है, जिसके माध्यम से ऑनलाइन पेमेंट किया जा रहा है। चाहे पेंशन योजना हो, चाहे मनरेगा, चाहे अन्य किसी भी योजना का भुगतान ऑनलाइन किया जा रहा है, इसलिए इसकी जानकारी एवं इसकी सुरक्षा का उपाय जानना बहुत जरूरी है।
उन्होंने कहा कि प्रायः देखा जाता है कि पदाधिकारी अपने कंप्यूटर ऑपरेटर को अपना पासवर्ड एवं डिजिटल सिगनेचर दिए रहते हैं और ज्यादातर कार्य उन्हीं के द्वारा किया जाता है जबकि किसी भी गलती के लिए संबंधित पदाधिकारी ही जिम्मेदार माने जाएंगे। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि एक बार किसी अंचल का 5000 लैंड रिकॉर्ड डाटा एंट्री ऑपरेटर द्वारा बदल दिया गया और वह नौकरी छोड़कर चला गया। एक साल के बाद इसकी जानकारी मिली, जांच कराई गई और संबंधित अधिकारी और डी०सी०एल०आर० को माना गया। इसकी सजा वह आज तक भुगत रहे हैं, इसीलिए आईडी, पासवर्ड एवं सिग्नेचर का प्रयोग स्वंय करना चाहिए या तो कंप्यूटर ऑपरेटर पर पूरी संवेदनशीलता से नजर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक महीने ईमेल का पासवर्ड बदल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजकल मोबाइल ऐप का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है और मार्केटिंग में ऑनलाइन कार्य की जा रही है। कोषागार में सी०एफ०एम०एस० के माध्यम से विपत्र का भुगतान किया जा रहा है। इसलिए सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म समझना होगा। इसकी अपेक्षा करने से वे सुरक्षित नहीं रह सकते हैं क्योंकि वे सभी कार्य जो पहले मैनुअली होता था अब डिजिटल हो गया है। यदि किसी के यूजर आईडी, पासवर्ड एवं डिजिटल सिगनेचर का मिस यूज होता है तो भले ही उस पदाधिकारी या कर्मी की गलती नहीं है फिर भी भुगतना उन्हें होगा। इसलिए पूरी गंभीरता से उन्होंने पदाधिकारियों को वर्कशॉप में दिया जा रहा प्रशिक्षण को ग्रहण करने का निर्देश दिया। स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर श्री विशाल कुमार, मास्टर ट्रेनर श्री जसवंत झा के द्वारा इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड एवं वरिष्ठ संकाय श्री अतुल के द्वारा ई गवर्नेंस की जानकारी दी गई। कार्यक्रम के संचालन उप निदेशक जनसंपर्क श्री नागेंद्र कुमार गुप्ता के द्वारा किया गया। कार्यशाला में जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी, प्रभारी पदाधिकारी जिला स्थापना शाखा एवं अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि प्रायः देखा जाता है कि पदाधिकारी अपने कंप्यूटर ऑपरेटर को अपना पासवर्ड एवं डिजिटल सिगनेचर दिए रहते हैं और ज्यादातर कार्य उन्हीं के द्वारा किया जाता है जबकि किसी भी गलती के लिए संबंधित पदाधिकारी ही जिम्मेदार माने जाएंगे। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि एक बार किसी अंचल का 5000 लैंड रिकॉर्ड डाटा एंट्री ऑपरेटर द्वारा बदल दिया गया और वह नौकरी छोड़कर चला गया। एक साल के बाद इसकी जानकारी मिली, जांच कराई गई और संबंधित अधिकारी और डी०सी०एल०आर० को माना गया। इसकी सजा वह आज तक भुगत रहे हैं, इसीलिए आईडी, पासवर्ड एवं सिग्नेचर का प्रयोग स्वंय करना चाहिए या तो कंप्यूटर ऑपरेटर पर पूरी संवेदनशीलता से नजर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक महीने ईमेल का पासवर्ड बदल देना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजकल मोबाइल ऐप का प्रयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है और मार्केटिंग में ऑनलाइन कार्य की जा रही है। कोषागार में सी०एफ०एम०एस० के माध्यम से विपत्र का भुगतान किया जा रहा है। इसलिए सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म समझना होगा। इसकी अपेक्षा करने से वे सुरक्षित नहीं रह सकते हैं क्योंकि वे सभी कार्य जो पहले मैनुअली होता था अब डिजिटल हो गया है। यदि किसी के यूजर आईडी, पासवर्ड एवं डिजिटल सिगनेचर का मिस यूज होता है तो भले ही उस पदाधिकारी या कर्मी की गलती नहीं है फिर भी भुगतना उन्हें होगा। इसलिए पूरी गंभीरता से उन्होंने पदाधिकारियों को वर्कशॉप में दिया जा रहा प्रशिक्षण को ग्रहण करने का निर्देश दिया। स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर श्री विशाल कुमार, मास्टर ट्रेनर श्री जसवंत झा के द्वारा इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड एवं वरिष्ठ संकाय श्री अतुल के द्वारा ई गवर्नेंस की जानकारी दी गई। कार्यक्रम के संचालन उप निदेशक जनसंपर्क श्री नागेंद्र कुमार गुप्ता के द्वारा किया गया। कार्यशाला में जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी, प्रभारी पदाधिकारी जिला स्थापना शाखा एवं अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।