किसान और आंदोलन

 अन्नदाताओं के आंदोलन

केंद्र की मोदी सरकार अपने साढ़े छह वर्षो के कार्यकाल में पहली बार अन्नदाताओं के आंदोलन का कड़ा विरोध देखते हुए, दो माह बाद किसान विरोधी कानून को डेढ़ वर्षों के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा है, जिसे आंदोलन कर रहे किसान इन तीनों काले कानून को पूरी तरह खत्म करने की मांग पर अडिग है।

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      अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य सह मगध प्रमंडल कांग्रेस प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिठू, बाबूलाल प्रसाद सिंह, मो सरवर खान,अशोक सिंह, अमरजीत कुमार, टिंकू गिरी, अमित कुमार उर्फ रिंकू सिंह, सुरेन्द्र मांझी,शिव कुमार चौरसिया, आदि ने कहा कि कल किसान नेताओ से केंद्रीय कृषि मंत्री की वार्ता में सरकार की ओर से तत्काल तीनो काले कानून को निलंबित करने की बाते रखने से यह प्रमाणित होता है कि ये कानून किसानों कि हित में नहीं है।

      नेताओ ने कहा की मोदी सरकार महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों को पहले तो खालिस्तानी, नक्सली,देशद्रोही, दलाल आदि भ्रामक बाते कह कर आंदोलन को कुचलने एवम् दिग्भर्मित करने की पुरजोर कोशिश की गई, परंतु देश के अन्नदाता अपने जायज मांग को लेकर अडिग रहे, तथा कांग्रेस पार्टी किसान आंदोलन को सड़क से संसद तक समर्थन करते हुए पूरे देश में कार्यक्रम जारी रखे हुए है।

       नेताओ ने कहा की अंत में मोदी सरकार को किसान विरोधी कानून को निलंबित करने के बजाय समाप्त करना ही होगा।

          ➖AnjNewsMedia

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