3 करोड़ का पुरस्कार*
गया : कई आयामों पर निर्धारित मानदंड के आधार पर भारत के आर्थिक रूप से पिछड़े जिलों को एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में शामिल किया गया और कई कार्यक्रम बनाए गए हैं ताकि इनका त्वरित विकास किया जा सके। गया जिला को भी भारत के एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स में से रखा गया है, क्योंकि यह लेफ्ट विंग एक्स्ट्रीमिज्म कॉरिडोर में पड़ता है। इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में जमीनी चुनौतियों का हल निकालना है। एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम का आधारशिला प्रमुख छह मापदंडों – स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन, बुनियादी अवसंरचना और कौशल विकास – के मामले में पिछड़े जिलों को तेजी से बदलने पर टिका है। गया की तरह पूरे भारत में अन्य 117 एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स हैं, जिन्हें नियमित रूप से नीति आयोग द्वारा डैशबोर्ड के माध्यम से पर्यवेक्षण किया जा रहा है। यह चैंपियंस ऑफ चेंज डैशबोर्ड है, जिसके माध्यम से प्रत्येक जिला इन उपरोक्त क्षेत्रों में अपनी मासिक प्रगति अपलोड करता है।
हाल ही में प्रगति पर एक प्रकाश डालने के लिए नीति आयोग ने जे आई सी ए फण्ड (जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी) के माध्यम से पुरस्कार प्रणाली के साथ इसे और अधिक प्रतिस्पर्धी बना दिया है। इस कार्यक्रम के तहत नीति आयोग द्वारा 974 करोड़ रुपये का परिव्यय रखा गया है। इन परिव्यय (600 करोड़) का एक बड़ा हिस्सा जिलों को चुनौती पद्धति पर प्रदान किया जाएगा। जो जिला वृद्धिशील प्रगति के आधार पर गणना की गई महीने में 1 रैंक हासिल करता है, उसे 10 करोड़ रुपये का एक बार आवंटन प्राप्त होगा। इसी तरह, दूसरी रैंक हासिल करने वाले जिले को पाँच करोड़ रुपये का आवंटन प्राप्त होगा और विभिन्न क्षेत्रों में पहली रैंक हासिल करने वाले जिले को कुल पाँच क्षेत्रों में तीन-तीन करोड़ रुपये प्राप्त होंगे।
गया ने जनवरी महीने में स्वास्थ्य और पोषण क्षेत्र में शीर्ष स्थान हासिल किया है। दिसंबर में, गया को डेल्टा की रैंक 80 वीं और व्यक्तिगत रूप से स्वास्थ्य और पोषण में 50 वीं स्कोर के साथ 103 वें स्थान मिला था। लेकिन तीब्र प्रगति के कारण जनवरी में इस क्षेत्र में विभिन्न संकेतकों में सुधार हुआ है जैसे – संस्थागत प्रसव में इज़ाफ़ा, टीबी रोगियों का पता लगाने का सफल अभियान, जीवित जन्म शिशुओं की संख्या में बृद्धि, टीकाकरण का आच्छादन में बढ़ोतरी और कई अन्य इलाज शामिल हैं । इस महीने गया ने स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में 59.2 का स्कोर बनाया, जिसने गया को भारत के एस्पिरेशनल जिलों की सूची में 5 वें डेल्टा रैंक में डाल दिया है। जिसके फलस्वरूप गया जिला को अब नीति आयोग से 3 करोड़ रुपये के पुरस्कार मिलेंगे। जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में गया ने जिस त्वरित प्रगति के साथ एस्पिरेशनल जिले के टैग से बाहर निकलने के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित किया है। इससे सपष्ट है कि जल्द ही देश में एक विकसित जिले का स्थान हासिल करने में सफल होगा।