गया में पेयजल आपूर्ति की समीक्षा

पेयजल संकट पर चर्चा
Advertisement

गया : गर्मी के मद्देनजर गया जिला में पेयजल आपूर्ति एवं सिंचाई संबंधित समस्या पर जिलाधिकारी श्री अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उपस्थित नगर आयुक्त नगर निगम श्री कंचन कपूर, जिला पंचायती राज पदाधिकारी श्री सुनील कुमार, गोपनीय शाखा प्रभारी, पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता, डीसीएलआर सदर, डीसीएलआर टेकारी, नगर पंचायत बोधगया, बुडको एवं सभी जूनियर इंजीनियर उपस्थित थे। जिलाधिकारी श्री अभिषेक सिंह ने गया नगर निगम में मोटर पंप की जानकारी ली। नगर आयुक्त गया द्वारा बताया गया कि निगम के पास कुल 62 पंपसेट हैं जिसमें 58 कार्यरत हैं एवं 4 खराब हैं। जिलाधिकारी ने चार खराब पंपसेट को जल्द मरम्मती करवाने का निर्देश दिया एवं खराब पंपसेट का जो अफेक्टेड एरिया है उनमें वैकल्पिक व्यवस्था करा कर पानी मुहैया कराने का निर्देश बुडको को दिया। जिलाधिकारी को प्याऊ के संबंध में बताया गया कि कुल 152 प्याऊ हैं, जिनमें 127 कार्यरत हैं एवं 27 खराब हैं। खराब प्याऊ के बारे में बताया गया कि वाटर लेवल नीचे चले जाने के कारण प्याऊ बंद हैं। जिलाधिकारी ने वुडको एवं गया नगर निगम को निर्देश दिया कि जितने भी प्याऊ हैं उनकी देखरेख की जिम्मेवारी संबंधित काउंसलर को दिया जाए एवं सभी प्याऊ में टैप(नल) लगा रहना चाहिए एवं समय-समय पर प्याऊ की साफ सफाई होती रहनी चाहिए। जिलाधिकारी ने गोपनीय शाखा के प्रभारी को निदेश दिया कि सारे प्याऊ की जांच कराएं एवं जांचोपरांत जितने प्याऊ खराब पाए जाएंगे उनकी लिस्ट तैयार करें। जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त नगर निगम को निदेश दिया कि मार्केट एरिया, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन परिसर एवं अन्य मुख्य चौराहों पर वाटर कूलिंग प्याऊ लगाएं। जिलाधिकारी को शहरी चापाकल के संदर्भ में बताया गया कि कुल 750 चापाकल हैं जिनमें 608 कार्यरत हैं। जिलाधिकारी ने खराब चापाकल की लिस्ट को 2 दिनों के अंदर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया एवं जिला स्तर से मैकेनिक भेज कर उन चापाकलों की जांच कराने एवं खराब चापाकलों की मरम्मती कराने का निदेश दिया। पेयजल टैंकर के बारे में बताया गया कि नगर निगम के पास कुल 32 टैंकर हैं जिनमें 30 कार्यरत हैं, पीएचईडी मेकनिकल के पास 10 टैंकर है तथा उन सभी वाटर टैंकरो को वाटर क्राइसिस एरिया में भेजा जा रहा है। जिलाधिकारी ने वाटर टैंकर की रिपोर्ट कौन से क्षेत्र में जा रहा है, कितना टैंकर जा रहा है एवं टैंकर का नंबर क्या है, का रिपोर्ट प्रतिदिन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिया कि किसी भी हालत में कोई भी टैंकर का निजी उद्देश्य से प्रयोग न हो। प्रायः देखा जाता है कि नगर निगम लिखा हुआ टैंकर शादी में जा रहा है, घर की ढलाई में जा रहा है। इन सब बातों पर ध्यान दिया जाए, ऐसा पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पानी टैंकर केवल वाटर क्राइसिस एरिया में ही यूज़ किया जाएगा। जिलाधिकारी ने नगर निगम एवं पीएचईडी को निर्देश दिया कि सभी पंप चालक को 1 सप्ताह के अंदर बेसिक ट्रेनिंग कराएं। जहां पंप चालक नहीं है वहां वैकल्पिक व्यवस्था करें ऐसा न हो कि पंप चालक की अनुपस्थिति में पानी सप्लाई बाधित रहे। ऐसी सूचना पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने नगर निगम, नगर पंचायत एवं वुडको को निर्देश दिया कि जहां जहां पानी का लीकेज है वहाँ के पाइप की मरम्मति करायी जाए किसी भी हालत में पानी बर्बाद नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी प्रखंडों के वाटर क्राइसिस एरिया में पानी टैंकर से पानी आपूर्ति की जाएगी जिसकी मॉनिटरिंग सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी करेंगे। प्रायः देखा जा रहा है कि नगर पंचायत एवं पीएचडी के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में जो चापाकल लगाए गए हैं उनमें निजी व्यक्ति द्वारा मोटर सेट लगाकर उसका उपभोग किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश दिया कि वैसे लोगों को चिह्निट कर उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाए एवं मोटर सेट को जप्त किया जाए।

Leave a Comment

You cannot copy content of this page

error: Content is protected !!