गया | DM [पितृपक्ष विशेष]-[पितृपक्ष मेला महासंगम 9 सितंबर से होगा प्रारम्भ]-(Pitru Paksha 2022)- {Pitru Paksha- Shradh Paksha}-AnjNewsMedia

गया में आगामी 9 सितंबर से प्रारम्भ होगा पितृपक्ष मेला महासंगम : DM त्यागराजन 

पितृपक्ष विशेष-2022

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पितृपक्ष मेला की पूरी तैयारी 

गया :  विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला, 2022, 09 सितम्बर से प्रारम्भ होकर 25 सितम्बर तक आयोजन किया जाएगा। इसका उद्घाटन दिनांक-09.09.2022 को अपराह्न 04ः00 बजे से किया जाना निर्धारित है। वर्ष 2020 एवं 2021 में कोरोना महामारी के कारण पितृपक्ष मेला का आयोजन नहीं हुआ।

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इस वर्ष पितृपक्ष मेला में लाखों श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है, जिसमें देश के कोने-कोने एवं विदेशों से भी तीर्थयात्री श्रद्धा भाव से अपने पूर्वजों का पिण्डदान/तर्पण करने गया के मोक्ष भूमि पर आते हैं। पितृपक्ष मेला के महत्ता को देखते हुए बिहार सरकार के द्वारा व्यापक तैयारी की जाती है।

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पितृपक्ष मेला महासंगम 9 सितंबर से होगा प्रारम्भ 

पितृपक्ष की अवधि के दौरान प्रत्येक तिथि का धार्मिक आस्था के दृष्टिकोण से अलग-अलग महत्व है तथा इन तिथि विशेष के दिन संबंधित पिण्डवेदियों/धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की ज्यादा भीड़ होती है। पितृपक्ष मेला से संबंधित कुल-54 पिण्ड वेदी हैं, जिसमें 45 (पैंतालिस) पिण्डवेदी एवं 09 (नौ) तर्पण स्थल गया में स्थित है तथा एक पिण्ड वेदी पुनपुन (पटना जिलान्तर्गत) है। इसमें महत्वपूर्ण सरोवर यथा-ब्रह्मसरोवर, रूकमिणी तालाब, पितामहेश्वर, रामशीला, वैतरणी, सूर्यकुण्ड, गोदावरी, प्रेतशीला एवं 04 (चार) महत्वपूर्ण घाट देवघाट, गजाधर घाट, ब्राम्णीघाट एवं सीढ़ियांघाट शामिल है। जिला प्रशासन द्वारा सभी प्रकार की तैयारियां पण्डा समिति, संवास सदन समिति, मंदिर प्रबंधन समिति एवं अन्य आमजन हितधारकों की सहमति एवं परामर्श प्राप्त करते हुए किया गया है। सभी प्रशासनिक समितियों में हितधारकों को भी जोड़ा गया है।

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पितृपक्ष मेला, 2022 की तैयारियां तीन माह पूर्व से ही शुरू कर दी गई है। प्रशासनिक दृष्टिकोण से 17 कार्य समितियों का गठन किया गया है। प्रत्येक समिति में पदाधिकारीगण का जिम्मेवारी तय की गई है। पूर्ण मेला क्षेत्र में 38 (अड़तीस) जोन में बांटकर सेक्टर आधारित पर्यवेक्षण की व्यवस्था की गई है, जिसमें वरीय पदाधिकारी के साथ-साथ नगर निगम के पदाधिकारी, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, विद्युत, स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारीगण की प्रतिनियुक्ति की गई है। 

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विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला क्षेत्र का
CM नीतीश कुमार ने किया मुआयना
उन्होंने दिया 
मेला में
बेहतरीन व्यवस्था का गाइडलाइन
साथ में हैं DM त्यागराजन

इस वर्ष मुख्यमंत्री के निर्देश एवं पहल पर फल्गू नदी में निरंतर जल स्तर संधारण हेतु देश का सबसे लम्बा रबर डैम का निर्माण 312 करोड़ की लागत से किया गया है।

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CM नीतीश कुमार ने मेला में
व्यापक व्यवस्था का दिया गाइडलाइन

तत्काल 1.1 मीटर पानी के जल स्तर रखा गया है, आवश्यकतानुसार परिवर्तित किया जा सकता है। साथ ही रबर डैम के ऊपर स्टील ब्रीज का निर्माण किया गया है, जिससे सीताकुण्ड एवं देवघाट की दूरी 3 किलोमीटर से घट कर 1.2 किलोमीटर हो गई है, जिससे श्रद्धालुओं की काफी सहुलियत होगी।

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CM नीतीश कुमार ने की मेला क्षेत्र का गहन मुआयना

पूर्व में पितृपक्ष मेला के अवधि एवं सालभर जो तीर्थयात्री फल्गू नदी में आते हैं, उन्हें नदी में पानी नहीं रहने से तर्पण के लिए कठिनाई होती थी। अभी बिना किसी कठिनाई का घाट पर पिण्डदान कर नदी में तर्पण कर सकेंगे। मुख्यमंत्री के पहल पर सालभर इन महत्वपूर्ण घाटों में पर्याप्त जल स्तर बनी रहेगी। पूर्व में नदी सूख जाने के कारण घाटों में झरना का व्यवस्था किया जाता रहा, उसकी आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

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CM नीतीश ने किया मेला क्षेत्र का भ्रमण ! 
साथ में हैं DM त्याग एवं SSP कौर

साथ ही मुख्यमंत्री के निर्देश के आलोक में मनसरवा नाला से फल्गू नदी में गिरने वाले नाले के गंदे पानी को रबर डैम के आगे डायवर्ट करने हेतु 780 मीटर का नाला का निर्माण किया गया है एवं घाट की चौड़ाई औसत 13 मीटर अधिक की गई, जिससे श्रद्धालुओं को काफी सहुलियत होगी।

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CM नीतीश कुमार ने ली थी मेला क्षेत्र की जायजा
साथ में हैं गया नगर निगम आयुक्त अभिलाषा

साथ ही तत्काल पितृपक्ष मेला, 2022 के लिए 250 मीटर सीढ़ी का निर्माण संगतघाट, देवघाट, गजाधर घाट में किया गया। पितृपक्ष के बाद यहां पर पार्क निर्माण, टाईल्स लगाना, रिवर फ्रंट के रूप में विकसित करने की योजना है।

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CM नीतीश कुमार की बेहतरीन पहल

सीताकुण्ड से स्टील ब्रीज पहुंचने का रास्ता भी मोटरेबल कराई गई। पूरी योजना के कारण यह क्षेत्र अद्भूत नजारा से पेश आएगी, जो पर्यटक भी वर्षभर आनंद ले सकेंगे।

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त्यागराजन, DM, गया 

आवासन व्यवस्था:-

पितृपक्ष मेला, 2022 के अवसर पर श्रद्धालुओं का आवासन के लिए जिला प्रशासन की ओर से सरकारी 39 आवासन स्थल पर लगभग 14 हजार आवासन क्षमता चिन्ह्ति की गई है, जो कि पिछले वर्षों से दोगुनी हो गई है, क्योंकि इस बार ज्यादा श्रद्धालु आने की सम्भावना है। जिला प्रशासन के स्तर से इन सरकारी आवासन स्थलों पर शौचालय, स्नानागार, पेयजलापूर्ति, साफ-सफाई, प्रकाश, सुरक्षा, खाद्य सामग्री की उपलब्धता, दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जा रही है।

इसके अतिरिक्त गैस सिलेण्डर, किरोसिन तेल की व्यवस्था की जाएगी। इस साल पहली बार इन स्थलों पर 12 सुपर मार्केट के साथ टैगिंग किया गया है ताकि अतिआवश्यक सामान का आसानी से खरीदारी हो सके।

सुधा दूध के साथ बच्चों के दूध के लिए टैगिंग किया गया। इसके अतिरिक्त 96 होटल/गेस्ट हाउस, 451 पण्डा के निजी भवन एवं धर्मशाला का चिन्ह्ति किया गया है, जो शूल्क आधारित होगा। जिला प्रशासन होटलों के साथ बैठक कर दर निर्धारित किया गया।

इस प्रकार कुल-62,629 आवासन क्षमता रहेगी। स्कूलों/कॉलेज को टैगिंग कर आवासन चिन्ह्ति किया गया है, उन्हें पढ़ाई हेतु दूसरे स्कूलों के साथ पितृपक्ष अवधि में टैगिंग किया गया है ताकि पठ्न-पाठन बाधित नहीं हो।

 टेंट सिटी की व्यवस्था:-

श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु इस वर्ष निःशुल्क आवासन हेतु 03 स्थानों यथा गांधी मैदान में 02 एवं 01 पॉलटेक्निक कॉलेज में बनाया गया है। जहां 500 की क्षमता का प्रत्येक टेंट सिटी है। जिसमें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

साथ ही 24 घंटे पावर बैकअप, पर्याप्त सिक्योरिटी गार्ड, पर्याप्त ब्ब्ज्ट कैमरे, समुचित साफ-सफाई, शुद्ध पेयजल हेतु त्व् वाटर, वीआईपी लॉज, 50 शौचालय, सेल्फी प्वांइट के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था संधारित किया जाएगा। टेंट सिटी में सेफ्टी काउंटर लॉकर के साथ बनाया जा रहा है, जहां श्रद्धालुओं का समान टोकन सिस्टम के माध्यम से सुरक्षित रखा जाएगा।

साफ-सफाई व्यवस्था:-

घाट, मंदिर, वेदी, तालाब, आवासन स्थल एवं पूरे शहर की साफ-सफाई पितृपक्ष के अवसर पर प्रमुख अंग हैं। सम्पूर्ण शहर को 52 जोन में बांटकर आउट सोर्सिंग के माध्यम से किया जाएगा।

मेला क्षेत्र में कुल 09 वार्ड की सफाई 661 कर्मचारी के माध्यम से की जाएगी। मेला के पूर्व तालाब का सफाई, नाली-गली, सड़क की साफ-सफाई किया जा रहा है। मंदिर के अन्दर एवं अक्षयवट में विशेष सफाई की व्यवस्था की गई है। 

जलापूर्ति एवं स्वच्छता व्यवस्था:-

पेयजल हेतु 25 स्थलों में 290 चापाकल की मरम्मति, 30 पियाऊ की मरम्मति, 591 नल की मरम्मति चिन्ह्ति कर किया जा रहा है। 07 नये बोरिंग, 14 नए चापाकल, एक नया पियाऊ का निर्माण किया जा रहा है। 20 वाटर टैंकर एवं 04 वाटर ए0टी0एम0 के माध्यम से भी जलापूर्तिकिया जाएगा।

इसके अतिरिक्त 85 स्थलों में 261 स्थाई शौचालय की मरम्मति, 93 अस्थाई शौचालय की मरम्मति, 25 स्थाई स्नानघर की मरम्मति किया जा रहा है, इसके अतिरिक्त दो स्थाइ्र शौचालय, 97 प्रि-फैब्रिकेटेड अस्थाई शौचालय, 15 स्नानघर का निर्माण किया जा रहा है, जो 30 अगस्त तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रकार आवासन स्थल, घाट एवं भीड़-भाड़ क्षेत्रों में पेयजल एवं शौचालय की व्यवस्था में कमी नहीं रहेगी। 

स्वास्थ्य व्यवस्था:-

पितृपक्ष मेला के अवसर पर 90 चिकित्सक, 150 पारामेडिकलके माध्यम से 67 स्वास्थ्य शिविर का स्थापना विभिन्न जगहों पर की जाएगी। पांच टीम के माध्यचम से खाद्य पदार्थों की जांच की जाएगी। गया के प्रमुख अस्पतालों में 60 बेड एवं 15 आई0सी0यू0 बेड रिजर्व रखा गया है। 10 एम्बूलेंस पितृपक्ष मेला के लिए डेडिकेटेड किया गया। 05 मेस्चूरी वैन डेडिकेटेड किया गया। विशेष नियंत्रण कक्ष स्वास्थ्य व्यवस्था के निगरानी हेतु स्थापित की जा रही है। 

प्रकाश व्यवस्था:-

गया शहर में अवस्थित 24 बड़े हाईमास्ट लाईट, 56 मिनी हाई मास्ट लाईट, 16 एल0ई0डी0 हाईमास्ट, 18,685 एल0ई0डी0 लाईट को कार्यरत किया गया। जेनरेटर के माध्यम से अतिरिक्त स्थलों पर प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।

विद्युत व्यवस्था:-

मेला क्षेत्र में जर्जर तार की मरम्मति, मेला क्षेत्र के ट्रांसफार्मर का सुदृढ़ीकरण किया गया तथा मेला क्षेत्र में विद्युत प्रणाली की सिक्यूटी ऑडिट 30 अगस्त तक करके प्रमाण-पत्र निर्गत करने हेतु निदेश दिया गया। साथ ही 24 घण्टे निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु निदेशित किया गया।

यातायात एवं परिवहन व्यवस्था:-

तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए ऑटो रिक्शा, ई-रिक्शा, रिंग बस एवं प्रीपेड निजी टैक्सी का किराया निर्धारित कर दी गई है, जिसे महत्वपूर्ण स्थलों पर प्रदर्शित की जाएगी।

पितृपक्ष मेला के अवसर पर देवघाट एवं अन्य प्रमुख स्थलों तक वृद्ध, विकलांग एवं दिव्यांगों के लिए पर्याप्त संख्या में निःशुल्क परिचालन की जाएगी।

रेलवे स्टेशन पर बैठक कर जिला प्रशासन द्वारा रेलवे स्टेशन पर मूलभूत सुविधाएँ, काउण्टर, प्रिपेड टैक्सी, प्रिपेड ऑटो की व्यवस्था की गई है। ऑटो, टैक्सी, बस एसोसिएशन मालिकों के साथ भी बैठक कर दर निर्धारण का पालन, तीर्थयात्रियों के साथ अच्छे व्यवस्था, सभी परिवहन नियमों का अनुपालन करने का निदेश दिया गया।

पितृपक्ष मेला के अवसर पर बाहर से आने वाले यात्रियों के लिए 05 वाहन पड़ाव चिन्हित किया गया है। पार्किंग स्थल पर मूलभत सुविधा जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। ।पतचवतज ।नजीवतपजल के साथ बैठक कर ।पतचवतज पर सुविधा केन्द्र, प्रिपेड टैक्सी की व्यवस्था की गई है।

सड़क निर्माण:-

गंगा पेयजलापूर्ति योजना के तहत काटे गए पथ निर्माण विभाग, बुडको के सड़कों का सतत् निगरानी रखते हुए प्रत्येक दो दिन में संबंधित के साथ बैठक, स्थल निरीक्षण करते हुए लगभग 80 प्रतिशत सड़कों का मरम्मति कर ली गई तथा शत् प्रतिशत 30 अगस्त तक कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। एन0एच0-83 (पटना-गया), एन0एच0-2 (डोभी क्षेत्र), एन0एच0-82 (गया-नवादा) का मरम्मति कार्य हेतु विभाग से अनुरोध किया गया, जो मेला के पूर्व मरम्मति करा ली जाएगी। मेला तैयारी के साथ-साथ शहर में गंगा जलापूर्ति योजना के तहत पाईप लाईन निर्माण का भी तेजी लाई गई। 

विधि-व्यवस्था:-

विधि-व्यवस्था हेतु 38 जोन में बांटकर दण्डाधिकारी/पुलिस पदाधिकारी की प्रतिनियुक्ति की जा रही है। विभिन्न स्थलों पर 73 पुलिस शिविर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें डंल प् ीमसच लवन काउण्टर का भी स्थापना किया जाएगा। 89 संवेदनशील स्थलों को 258 सम्पूर्ण मेला क्षेत्र, रेलवे स्टेशन, बस स्टैण्ड इत्यादि जगहों में स्थापित किया जाएगी, जिसमें सम्पूर्ण मेला क्षेत्र में निगरानी रखी जाएगी। ड्रोन, पैनाकूलर, वॉच टावर आदि के माध्यम से निगरानी रखी जाएगी। लगभग 4500 पुलिस कर्मियों के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। संवास सदन समिति कार्यालय, देवघाट एवं अक्षयवट पर नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जाएगी।

सूचना केन्द्र:-

तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए गया जिले में 02 स्थानों पर सूचना केन्द्र का संचालन किया जाएगा, जो गया रेलवे स्टेशन एवं विष्णुपद मंदिर परिसर में अवस्थित होगा। इस सूचना केन्द्र से तीर्थयात्रियांे को मेला संबंधी सभी प्रकार की जानकारी दी जाएगी। सूचना केन्द्र का संचालन जिला सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग, गया द्वारा किया जाएगा। सूचना केन्द्र पर ब्रोशर का निःशुल्क वितरण तीर्थयात्रियों के बीच किया जाएगा, जिसमें पितृपक्ष मेला से संबंधित सभी जानकारियां एक जगह मिल सकेंगी।

आपदा:-

भगदड़ बचाव हेतु संवेदनशील स्थलों को चिन्ह्ति कर कार्य योजना बनाई गई। एन0डी0आर0एफ0/एस0डी0आर0एफ0 के सहयोग से पानी में डुबने की घटनाओं को रोकथाम हेतु कार्य योजना बनाई गई।

घर बैठे पितृपक्ष मेला के संबंध में सभी तरह की सूचना उपलब्ध हो सके। व्यवस्था भी विकसित किया गया है, जिसमें आवासन, स्वास्थ्य शिविर, पुलिस शिविर, बस पड़व, वेदी, घाट, सरोवर, बैंक ए0टी0एम0, पेट्रोल पम्प इत्यादि से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई गई है। पितृपक्ष मेला अवधि में विष्णुपद मंदिर परिसर के बाहर परिसर में सुविधा विगत वर्ष से करायी गयी है।

कॉल सेन्टर की स्थापना की गई है, जिसका नम्बर 9266628168 है, जहां  तीर्थयात्रियों/श्रद्धालुओं का समस्या/शिकायत हेतु डेडिकेटेड नं0 जारी की जाएगी, जिस पर कॉल कर सीधे संबंधित पदाधिकारियों के साथ वार्ता कर अपनी समस्या का निदान कर सकेंगे, इसके लिए 08 विभागों का 16 पदाधिकारी का डेडिकेटेड टीम बनाई गई।

आई0बी0आर0एस0 नं0 डायल करने पर कॉल फ्लो के माध्यम से संबधित विभागों का चयन कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त 05 हंटिंग लाईन का कन्ट्रोल रूम स्थापित की गई, जिसका दूरभाष सं0-0631-2222500 है।

राज्य सरकार द्वारा संचालित की जा रही महत्वपूर्ण एवं ऐतिहासिक कार्य, जैसे महाबोधि सांस्कृतिक केन्द्र, जल जीवन हरियाली अभियान, गंगा पेयजलापूर्ति योजना, फल्गू नदी रबर डैम, सात निश्चिय पार्ट-1 एवं पार्ट-2, आपदा में किये जा रहे राहत कार्य एवं विभिन्न विभाग के योजनाएं भी पितृपक्ष मेला के अवसर पर लाखों के भीड़ के बीच प्रचार-प्रसार हेतु विशेष पहल इस बार की गई, जिसके तहत पितृपक्ष के सभी र्होडिंग/फ्लैक्स/बैनर में सरकार के महत्वपूर्ण योजनाएं को जगह दी गई है। घाट, वेदी स्थल, परिसदन गया में बड़े एल0ई0डी0 स्क्रीन के माध्यम से सरकार की महत्वपूर्ण योजना का प्रचार की जाएगी। 


– AnjNewsMedia Presentation

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