!!मगही गीत : परबत पुरूस मान्झी महोत्सब!!
गेहलौर पर्वत का छेनी- हथौड़ा से सीना चीर कर प्रेम पथ बनाये दशरथ मांझी Advertisement
|
पर्वत का सीना चीरने के लिए हैमर मैन शिवू मिस्त्री ने दशरथ मांझी को फ्री 22 वर्ष तक दिए छेनी-हथौड़ा |
मान्झी महोत्सब जगमग! परबत पुरूस के भाग से।
मंत्री गण अतिथिगण पधारलन, बड़ सौभाग से ।।
बड़ बाट जोहला पर, अइलइ ई सुन्नर बेला
पहाड़ टूटल, रसता निकलल, खतम झमेला
सोबागत! सुसोबागत! हरसल पुलकल झाग से।।
परबत पुरूस दसरथ मान्झी महोत्सब, आझ गुलफुल
देबन के दरबार लगल, मना गुलाब सन गेल फुल
संजोगल सपना पुरै, बिकास पुरूस के राग से।।
छेनी-हथौड़ा से बिसाल पहाड़ के सीना चीरलन, दौड़ै मोटर-कार
हथौड़ा पुरूस सिबु देलन मुफते छेनी-हथौड़ा, होल सपना सकार
बिकट राह बनल सुगम, कठोर करम के लाग से।।
पत्नी फगुनी खातिर परबत़ ढाहलन, बनैलन रसता सानदार
सीएम कुरसी पर बैठइलन, देलन मान-समान सीएम कुमार
पहड़िया तोड़ बनैलन प्रेम-पथ, फगुनी फाग से।।
गेहलौर- बजीरगन्ज के दुरी घटल, सट से पहुचइ बजीरगन्ज बजरिया
कमाल कैलक पगले दसरथबा, पतरकार-कबि अंज लिखै बदलल नजरिया
फिलिम बनल, किताब लिखाल, किरति जाग से।।
गीतकार, अशोक कुमार अंज, लेखक- फ़िल्मी पत्रकारबाबू |
गीतकार,
अशोक कुमार अंज
फिल्मी पत्रकार बाबू
आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित साहित्यकार- लेखक- पत्रकार, गया
निवास:- वजीरगंज, गया