{नगरनिकाय चुनाव के आयोग से मिली हरी झंडी,उम्मीदवारों में लौटी सरगर्मी} [राज्य चुनाव आयोग ने की चुनाव की घोषणा] (Big News)- AnjNewsMedia

नगर निकाय चुनाव के आयोग से हरी झंडी मिलते ही उम्मीदवारों में लौटी सरगर्मी

{नगरनिकाय चुनाव के आयोग से मिली हरी झंडी,उम्मीदवारों में लौटी सरगर्मी} [राज्य चुनाव आयोग ने की चुनाव की घोषणा] (Big News)- AnjNewsMedia

अब प्रथम चरण का मतदान आगामी 18 दिसंबर को होगा तथा 20 
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दिसंबर को होगा मतगणना

वहीं, दूसरे चरण का मतदान आगामी 28 दिसंबर को होगा तथा 30 दिसंबर को होगा मतगणना

इस तरह अब जल्द ही हो जाएगा प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला

घोषणा होते ही प्रत्याशियों में लौटी रौनक, चुनाव प्रचार में जुटे उम्मीदवारगण 

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जाहिर हो निम्न वजह से स्थगित हुई थी चुनाव, परंतु अब चुनाव आयोग ने दे दी नगर निकाय चुनाव की हरी झंडी, दिसंबर- 2022 में होगा चुनाव :- 

|| अब अड़चन वाला निम्न मामला, हो गया ठंडा ||  जिसकी दास्ताँ ऐसी थी :- – – 
OBC की सीटों को सामान्य मानते हुए नगर निकाय चुनाव का आदेश
Patna High Court ने राज्य में होने वाले नगर निकाय चुनाव में अन्य पिछडा वर्गों को आरक्षण दिए जाने के निर्णय पर अपनी फैसला सुनाई थी 

{नगरनिकाय चुनाव के आयोग से मिली हरी झंडी,उम्मीदवारों में लौटी सरगर्मी} [राज्य चुनाव आयोग ने की चुनाव की घोषणा] (Big News)- AnjNewsMedia

पटना : पटना हाईकोर्ट ने राज्य में होने वाले नगर निकाय चुनाव में अन्य पिछडा वर्गों को आरक्षण दिए जाने के निर्णय पर अपनी फैसला मंगलवार को सुनाया था।

{नगरनिकाय चुनाव के आयोग से मिली हरी झंडी,उम्मीदवारों में लौटी सरगर्मी} [राज्य चुनाव आयोग ने की चुनाव की घोषणा] (Big News)- AnjNewsMediaचीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस एस कुमार की खंडपीठ  ने सुनील कुमार व अन्य द्वारा दायर याचिकाओं के मामले में अपने 86 पृष्ठ वाले फैसले में राज्य चुनाव आयोग के सचिव को अन्य पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षित सीटों को सामान्य मानकर, इसे फौरन फिर से अधिसूचित करते हुए चुनाव करवाने का आदेश दिया था। 

विदित हो कि राज्य में स्थानीय निकायों के चुनाव आगामी 10 अक्टूबर से शुरु होने वाला था। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने 01 अप्रेल, 2022 को सूचना जारी करते हुए राज्य चुनाव आयोग को चुनाव करवाने का आदेश दिया था। 

खंडपीठ ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि चुनाव आयोग अपने काम-काज को एक स्वायत्त और स्वतंत्र संस्था के रूप में समीक्षा करेगा न कि राज्य सरकार के आज्ञा की सीमा में। 

हालांकि, खंडपीठ ने कहा था कि यदि राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव के कार्यक्रम में परिवर्तन करने की जरूरत समझे तो कर सकता है।  दिसंबर, 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया था कि स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए आरक्षण की अनुमति तब तक नहीं दी जा सकती है, जब तक कि सरकार वर्ष 2010 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित तीन जांच अर्हताओं को पूरा नहीं कर लेता।

पटना हाई कोर्ट द्वारा नियुक्त एमिकस क्यूरी (कोर्ट मित्र) वरीय अधिवक्ता अमित श्रीवास्तव ने यह भी बताया था कि जांच के प्रावधानों के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्गों (ओबीसी) के पिछड़ेपन पर आंकड़ा जुटाने के लिए एक विशेष आयोग का गठन करने व आयोग की अनुशंसा के आलोक में प्रत्येक स्थानीय निकाय में आरक्षण का अनुपात निर्धारित करने की  जरूरत। 

इसके साथ ही इस बात को भी सुनिश्चित करने की जरूरत कि एससी/एसटी/ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा कुल उपलब्ध सीटों के पचास फीसदी की सीमा से अधिक नहीं हो। 

खंडपीठ ने अपना आदेश 29 सितंबर, 2022 को सुरक्षित रख लिया था, जिसे मंगलवार सुनाया था।

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रावधानों के अनुसार तब तक स्थानीय निकायों में अति पिछडा वर्ग के लिए आरक्षण की अनुमति नहीं दी जा सकती, जब तक सरकार 2010 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित तीन जांच अर्हताएं नहीं पूरी कर लेती। अब कोर्ट की यह बात बीत गई। 

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 अब चुनाव की तिथि नए सिरे से अपडेट हो चुका है। ज्ञात हो गांव की गलियों में, चौक- चौराहों पर फिर से चुनावी सरगर्मी चढ़ गई है। उम्मीदवारगण जोशोखरोश के साथ चुनाव प्रचार में भीड़ गया है। अब गांव की गलियों सहित चौक- चौराहों पर चुनावी चर्चा गर्म हो गई है। युद्धस्तर पर जन- संपर्क अभियान शुरू हो गया है। पुराने तेवर में लौट चुके हैं उम्मीदवारगण। चुनाव आयोग की चुनावी हरी झंडी से उम्मीदवारों का मन फिर से हरा हो खिलखिला उठा है। 

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– AnjNewsMedia Presentation

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