गया : नदियों के किनारे रिवरफ्रंट डेवलपमेंट समय की मांग है। इस प्रोजेक्ट ने भारत एवं अन्य देशों में नदियों को खूबसूरती प्रदान करते हुए इसे आर्थिक संसाधन के रूप में सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा दिया है।
बढ़ती आबादी में अनुपचारित सीवरेज तथा नदियों के किनारे कल- कारखानों के कचरे को प्रवाहित करने के कारण हमारे स्वास्थ्य एवं वातावरण दोनों पर प्रतिकूल एवं खतरनाक प्रभाव पड़ रहे हैं साथ ही नदियों के किनारे बढ़ती हुई अनप्लांड बस्तियां बाढ़ को बढ़ावा दे रही है तथा आधारभूत संरचनाओं के विकास को भी प्रभावित कर रही है।
उपरोक्त परिस्थितियों ने नदी को एक दुर्गम स्थल बना दिया है। जो शहर के दो हिस्सों के बीच एक अभासी विभाजन के रूप में दिखाई पड़ता है।
रिवरफ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट पर गया जिले में तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य गया की फल्गु नदी को प्राचीन, आध्यात्मिक तथा नवीन सुंदरता को प्रदान करना है। फल्गु नदी के तट को पुनः तटवर्ती एवं विकसित स्वच्छ वातावरण के स्वरूप में परिवर्तन करना है।
गया जिले में रिवरफ्रंट डेवलपमेंट के बन जाने से नदी के तटवर्ती पर्यावरण में अपेक्षित सुधार, नदियों के कटाव में कमी, बाढ़ से सुरक्षा तथा नदी के साफ करने हेतु सीवरेज डायवर्शन का निर्माण होगा।
रिवरफ्रंट डेवलपमेंट के कारण नदियों के किनारे बसे आबादी का विकास, पार्क का विकास, आधारभूत संरचनाओं का विकास तथा शहरों के लिए सामाजिक तथा सांस्कृतिक गतिविधि को बढ़ावा मिलेगा। इससे संसाधनों का निर्माण तथा आसपास के क्षेत्र का विकास संभव है।
गया जिले में इस प्रोजेक्ट (रिवरफ्रंट डेवलपमेंट) वर्तमान में सीता कुंड, विष्णुपद मंदिर, सीवरेज ड्रेन तथा प्रस्तावित रबर डैम है। इसके अंतर्गत प्रस्तावित योजनाओं में एप्रोच रोड, फ्लावर गार्डन, रिवरफ्रंट पार्क, कॉफे, टॉयलेट का निर्माण, घाट का निर्माण, एम्यूज़मेंट पार्क, हेरिटेज पार्क, ऑर्किड पार्क एवं वोटिंग पार्क इत्यादि शामिल है।
इस प्रकार गया जिले में भविष्य में फल्गु नदी के किनारे रिवरफ्रंट डेवलपमेंट के धरातल पर आ जाने से फल्गु नदी को एक खूबसूरत संसाधन युक्त विकसित रूप प्रदान किया जा सकेगा, जिससे पर्यावरणीय विकास एवं प्राकृतिक सुंदर को बल मिलेगा।
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