नल जल योजना में अनियमितता पर जीरो टॉलरेंस : डीएम

नल-जल योजना में पाया गया अनियमितता
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नल जल योजना की समीक्षा करते डीएम अभिषेक सिंह
अनियमितता पर जीरो टॉलरेंस 
गया : जिला परिषद के सभागार में जिला पदाधिकारी गया अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में वैसे 15 पंचायत जहां मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना की एक करोड़ या उससे अधिक की राशि पड़ी हुई है, की गहन समीक्षा बैठक की गई एवं कई निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने संबंधित पंचायत के मुखिया, वार्ड सदस्य और वार्ड सचिव को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना की मॉनिटरिंग एम आई एस के आधार पर हो रही है, जिसे कोई भी देख सकता है। इसलिए इसमें पूरी पारदर्शिता है। सात निश्चय योजना में सरकार की नीति जीरो टॉलरेंस की है इसीलिए सभी मुखिया,वार्ड सदस्य और वार्ड सचिव की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है तथा उन्हें यह जानना आवश्यक है कि इस योजना के प्रावधान क्या है? मानक क्या है? यदि आप उस पद पर हैं तो यह माना जाता है कि आपको सभी संबंधित नियम की जानकारी है। इसलिए किसी भी प्रकार की अनियमितता के लिए जितने जिम्मेदार पदाधिकारी होंगे उतना ही मुखिया, वार्ड सदस्य एवं वार्ड सचिव भी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि आप में शक्ति निहित है तो जिम्मेदारी भी निहित है। उन्होंने कहा कि आपके पंचायत में काम क्यों नहीं हो रहा है? राशि का हस्तानांतरण क्यों नहीं हो रहा है? सरकारी राशि है किसी की निजी राशि नहीं है। इसमें किसी भी प्रकार की कमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुखिया को राशि का हस्तानांतरण करने के साथ-साथ योजना का अनुश्रवण भी करना है।
समीक्षा बैठक करते डीएम
वार्ड सदस्य एवं वार्ड सचिव कार्य के लिए सीधे जिम्मेदार होंगे। अग्रिम राशि का भुगतान किसी एजेंसी को नहीं होगा। कार्य संपन्न होने के उपरांत अभिलेख संधारित होगा, इसके उपरांत भुगतान होगा। यदि अग्रिम भुगतान किसी एजेंसी को किया जाता है तो संबंधित मुखिया, वार्ड सदस्य एवं वार्ड सचिव परेशानी में पड़ेंगे। काम पूर्ण नहीं होने पर सरकारी राशि का विचलन माना जाएगा। इसके अतिरिक्त कार्य की गुणवत्ता भी महत्वपूर्ण है। यदि कार्य ठीक से मानक के अनुसार नहीं हो रहा है तो संबंधित कनीय अभियंता एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी को बतावें। पाइप कितना फिट जमीन के नीचे रहेगा। पानी का टावर कितना फिट ऊंचा रहेगा और बोरिंग कितने फीट नीचे किया जाना है। इसका मानक निर्धारित है। बोरिंग के उपरांत उस पर यह अंकित करवाया जाए कि बोरिंग कितना फीट गहरा है। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी। इसके उपरांत अभिलेखों का संधारण महत्वपूर्ण है। क्योंकि 3 या 5 साल बाद कोई व्यक्ति आरोप लगाता है तो वह अभिलेख ही आपको बचाएगा। उन्होंने उपस्थित जनप्रतिनिधियों से कहा कि सरकार आपको बड़े बड़े काम देनेवाली है। इसलिए जानकारी रहना आवश्यक है। क्योंकि इस साल 100% वार्ड को इस योजना के तहत लिया जाना है। इसलिए कोई बच नहीं सकता। उन्होंने कहा कि नल जल का कार्य सभी पंचायतों में 30 जून तक शुरू कर देना है। नल जल की योजना पूर्ण होने पर अक्टूबर 2019 से नाली गली योजना लेना है। उन्होंने कहा कि वैसे वार्ड जहां नल जल योजना सफल नहीं हुआ उसे लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को हस्तानांतरित करने का प्रस्ताव 1 सप्ताह के अंदर दे देना है। इसलिए सभी वार्ड में कार्य प्रारंभ होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा यदि राशि का विचलन होता है तो प्राथमिकि दर्ज करायी जायेगी तथा राशि की वसूली के लिए नीलाम पत्र वाद भी दायर किया जाएगा। वाहन, घर अन्य अन्य संपत्ति की जब्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि नए बिहार का निर्माण हो रहा है। मुखिया,वार्ड सदस्य को भी इससे जुड़ना होगा। आपके कंधों पर बहुत बड़ी जिम्मेवारी दी गई है, इसे करना होगा। बैठक में उप विकास आयुक्त श्री किशोरी चौधरी, जिला पंचायत राज पदाधिकारी श्री सुनील कुमार, निदेशक, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, श्री संतोष कुमार उप निदेशक जनसंपर्क नागेंद्र कुमार गुप्ता तथा सभी संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी उपस्थित थे।

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