जिले में विधिक जागरूकता की धूम
सच, जो हैं उजड़े, भूले बिसरे, वो सब तेरे अपने हैं, इनके भी आंखों में कोई , तेरे जैसे सपने हैं
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गया: बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकार गया तथा केंद्रीय विश्वविद्यालय गया के द्वारा संयुक्त विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव के तहत विश्वविद्यालय के सभागार में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का विषय था लोगों के बीच विधिक जागरूकता की कमी को दूर करना। जो विद्यार्थियों की भूमिका पर आधारित थी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति श्री अश्वनी कुमार सिंह, न्यायमूर्ति पटना उच्च न्यायालय सह कार्यकारी अध्यक्ष बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार थे। Legal awareness boom in Gaya. Legal buzz in Gaya district.
मंचस्थ विधिक अलख के मुख्य अतिथि व अतिथिगण |
प्रमुख वक्ता के रूप में केंद्रीय विश्वविद्यालय दक्षिण बिहार के कुलपति श्री कामेश्वर नाथ सिंह, श्री एस डी संजय पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता, भारत सरकार, श्री जीतेंद्र कुमार जिला एवं सत्र न्यायाधीश, गया सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार गया, श्री राजीव रंजन, सदस्य सचिव बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार तथा डीन श्री पवन कुमार मिश्र थे। कार्यक्रम में केंद्रीय विश्वविद्यालय तथा अनुग्रह मेमोरियल कालेज गया के छात्र-छात्राएं, गया न्यायमंडल के न्यायाधीशगण व केंद्रीय विद्यालय के संकाय शिक्षक सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम में विधिक अतिथि |
कार्यक्रम के अतिथियों का स्वागत, स्वागत गान से सुश्री शिखा शर्मा न्यायिक दंडाधिकारी ने की। मंच का संचालन सुश्री स्वाति सिंह न्यायिक दंडाधिकारी ने की तथा धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती अंजू सिंह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने की। इस मौके पर अतिथियों को स्मृति चिन्ह, पौधा, पुस्तक सहित अंग- वस्त्र प्रदान कर सम्मान दिया गया।
विधिक अलख में शामिल अतिथिगण |
कार्यक्रम में वक्ताओं द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा चलाए जा रहे विधिक सहायता तथा योजनाओं की जानकारी दी गई तथा उन योजनाओं को समाज के गरीब, वंचित एवं शोषित नागरिकों तक उनके पहुंचने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। साथ ही इन योजनाओं के सफल प्रचार प्रसार तथा क्रियान्वयन में छात्र छात्राओं की भूमिका पर बल दिया।
अपने व्याख्यान में न्यायमूर्ति ने यह जोर देकर कहा कि जो समाज विद्यार्थियों के सस्ते या निशुल्क शिक्षा की व्यवथा करता है, छात्रों को भी समाज को अपनी सेवा विधिक जागरूकता के रूप में देनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि विद्यालय एवं कॉलेज विधिक जागरूकता के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम है। केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति ने कहा कि छात्र अपनी क्षमता एवं दक्षता का प्रयोग समाज के हित में करें।
इस मौके पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की करीब 50 प्रतिशत आबादी निरक्षर एवं गरीबी रेखा के नीचे है। जिन तक विधिक जागरूकता तथा विधिक सहायता छात्रों के माध्यम से पहुंची जा सकती है।