India Tourism: पर्यटन और कोविड वैक्सीन

भारत में पर्यटन और वैक्सीन पीरियड

                                   आलेख:

Advertisement
 जी किशन रेड्डी

भारत कोविड वैक्सीन की 75 करोड़ डोज लगाने का कार्य पूरा करने के द्वार पर खड़ा है। पर्यटन उद्योग के लिए इससे बड़ी आत्मविश्वास बढ़ाने वाली कोई दूसरी बात नहीं हो सकती। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को पूरी तरह खुलने में अधिक समय लग सकता है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा पर अभी भी कई तरह की पाबंदियाँ हैं।

India Tourism: कोविड वैक्सीन, Corona, AnjNewsMedia
भारत कोविड वैक्सीन

लेकिन हमारे पास घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने का एक शानदार अवसर है, क्योंकि साल के अंत तक हमारी आबादी के एक बड़े हिस्से का पूरी तरह से टीकाकरण हो चुका होगा। इस पृष्ठभूमि में पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा, पूर्वोत्तर राज्यों के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रियों के सम्मेलन का विशेष महत्व है। यह सम्मेलन 13 से 14 सितंबर तक गुवाहाटी में आयोजित हो रहा है।

India Tourism: कोविड वैक्सीन, Corona, AnjNewsMedia
www.anjnewsmedia.com

पूर्वोत्तर क्षेत्र के अष्ट लक्ष्मी राज्यों का प्रधानमंत्री के ह्रदय में विशेष स्थान है और उन्होंने त्रिस्तरीय रणनीति के तहत इस क्षेत्र के विकास के लिए अथक प्रयास किये हैं।

सबसे पहले, उनके नेतृत्व में विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसके परिणाम स्वरूप विद्रोही समूह, हिंसा त्यागने और देश के विकास एजेंडे से खुद को जोड़ने के लिए प्रेरित हुए हैं। इससे अवसंरचना परियोजनाओं की प्रगति में तेजी आई है और प्रधानमंत्री की निरंतर निगरानी और समय पर हस्तक्षेप से परियोजना निष्पादन के समक्ष आने वाली बाधाओं को हल करने में सहायता मिली है।

अंत में, शांति के वर्तमान माहौल और आधुनिक अवसंरचना से पर्यटकों और कारोबार में रुचि रखने वालों के लिए इस क्षेत्र की यात्रा आसान हुई है।

यह दो दिवसीय सम्मेलन, पर्यटन के विकास और पूर्वोत्तर क्षेत्र में कनेक्टिविटी से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करने तथा केंद्र एवं राज्य सरकारों के सभी हितधारकों के बीच तालमेल बनाने पर केंद्रित है। सम्मेलन में पूर्वोत्तर क्षेत्र में क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और मानव संसाधन विकास परियोजनाओं, साहसिक खेलों के लिए प्रबंधन, संचालन और सुरक्षा मानकों तथा डिजिटल प्रचार और विपणन जैसे विषयों पर विभिन्न तकनीकी सत्रों का आयोजन किया जायेगा।

लाल किले से अपने स्वतंत्रता दिवस, 2019 के संबोधन के दौरान, प्रधानमंत्री ने प्रत्येक भारतीय नागरिक को वर्ष 2022 तक, जब भारत स्वतंत्रता के 75 वर्ष मनाएगा, कम से कम 15 गंतव्यों की यात्रा करने का आह्वान किया था। पश्चिम में बांग्लादेश, पूर्व में म्यांमार तथा उत्तर में भूटान और चीन के साथ, पूर्वोत्तर राज्य वास्तव में भारत के मुकुट में अनमोल रत्न के समान हैं और प्रत्येक घरेलू यात्री को अपने यात्रा कार्यक्रम में इन्हें शामिल करने की जरूरत है। 

बर्फ से ढकी चोटियों, पानी के तेज प्रवाह के साथ बहने वाली नदियों, बड़ी घाटियों और मनोहारी प्राकृतिक परिदृश्यों के साथ पूर्वोत्तर राज्यों में असीम संभावनाओं से भरे अनगिनत पर्यटन स्थल हैं। इन राज्यों में अपार जातीय, सांस्कृतिक और भाषाई विविधताएं भी मौजूद है।

पर्यटन में राज्य, उसकी संस्कृति और उसके लोगों पर एक महत्वपूर्ण सकारात्मक प्रभाव पैदा करने की क्षमता होती है। विभिन्न अध्ययनों से पता चलता है कि 10 लाख रुपये के निवेश पर पर्यटन क्षेत्र 78 नौकरियों का सृजन कर सकता है और इस आधार पर यह हमारे प्राथमिक, द्वितीयक या तृतीयक क्षेत्रों की रोजगार सृजन क्षमता की तुलना में सबसे अधिक है।

2019-20 में कुल रोजगार में पर्यटन क्षेत्र की नौकरियों का हिस्सा 15.34 प्रतिशत था, जिससे अर्थव्यवस्था में 79.86 मिलियन प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित हुए थे। हम पूर्वोत्तर क्षेत्र में रोजगार सृजन का इंजन बनने के लिए पर्यटन क्षेत्र की क्षमता का उपयोग करने के लिए प्रयासरत हैं। 

इसे ऐसे तरीके से किया जाना चाहिए, जो स्थायी हो; ताकि पूर्वोत्तर क्षेत्र की मूल परम्पराओं व लोकाचार को संरक्षित रखा जा सके। पारिस्थिति की, ग्रामीण और साहसिक पर्यटन में अपार संभावनाएं हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में प्राकृतिक विरासत का एक बड़ा भंडार विद्यमान है।

पूर्वोत्तर क्षेत्र में चाय पर्यटन, आरोग्य पर्यटन और फिल्म पर्यटन जैसे कई पूर्व-निर्धारित व शानदार पर्यटन अनुभवों की भी संभावनाएं हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस क्षेत्र में बांस की 100 से अधिक प्रजातियां हैं, जो इस क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से उपलब्ध हैं।

यहाँ अगरबत्ती, बांस की चटाई, कतरन और पट्टी जैसे उत्पादों का निर्माण किया जाता है और स्थानीय समुदायों की आर्थिक समृद्धि के लिए इन्हें बढ़ावा दिया जाना चाहिए। चाहे वह असम का मूगा रेशम हो या नागालैंड की नागा मिर्च, इस क्षेत्र में देश और दुनिया के बाकी हिस्सों को देने के लिए बहुत कुछ मौजूद हैं।

इस कार्यक्रम का इससे बेहतर समय पर आयोजन नहीं हो सकता था। भारत ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी आजादी के 75 वें वर्ष का उत्सव मना रहा है। महोत्सव के तहत जिन कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, उनका उद्देश्य हमारे देश की समृद्ध संस्कृति, इतिहास, भौतिक और कल्पना आधारित विरासत को रेखांकित करना है।

यह हमारे देश के प्राचीन अस्तित्व तथा सभ्यता आधारित समृद्ध विरासत को उजागर करने और अत्याधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकियों द्वारा संचालित एक नए भारत की भावना को आगे बढाने एवं अवसंरचना विकास पर विशेष ध्यान देने का भी अवसर है।

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत, हम भारत तथा विशेष रूप से पूर्वोत्तर राज्यों के त्योहारों, जो देश के विभिन्न स्थानों के लिए विशिष्ट हैं, को आगे लाने की दिशा में काम करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ये त्योहार वास्तव में उस भावना का उत्सव मनाते हैं, जो हमें एक सभ्यता के रूप में परिभाषित करती है और “एक भारत, श्रेष्ठ भारत”का अनुभव प्रदान करती है।

क्षेत्र के सॉफ्ट पॉवर को बढ़ावा देने तथा देश और दुनिया के बाकी हिस्सों के लोगों से जुड़ने के लिए पर्यटन एक महत्वपूर्ण माध्यम है। पर्यटन, जिसे अक्सर संभ्रांतवादी नजरिए से देखा जाता है, को अलग दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है।

प्रधानमंत्री पर्यटन को उन समुदायों के कल्याण और समृद्धि के लिए एक साधन के रूप में देखते हैं, जो सीधे तौर पर नौकरियों और विकास के अवसरों से लाभान्वित होते हैं। भारत जैसे देश में, प्रत्येक गांव के पास कुछ विशेष है, जैसे गाँव की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, इसकी प्राकृतिक या पारिस्थितिक विविधताया ऐसी गतिविधि, जिसमें कोई भी आगंतुक शामिल हो सकता है। हमारा उद्देश्य इस क्षमता का अधिकतम उपयोग करना है।

जी किशन रेड्डी पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री हैं तथा लोकसभा में सिकंदराबाद संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।

Leave a Comment

You cannot copy content of this page

error: Content is protected !!