तिल की खेती तिलकुट एवं तिल तेल के लिए मशहूर
गया में तिल की उन्नत खेती
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DM त्यागराजन ने तिल के खेती का किया निरीक्षण खेत में किया गया क्रॉप कटिंग |
गया : DM डॉ० त्यागराजन एसएम ने आज गरमा तिल के खेती का निरीक्षण किये एवं खेत में क्रॉप कटिंग भी किया गया। इस दौरान डीएम ने प्रगतिशील किसानों के उन्नत कार्य को सराहा भी। उन्हें तिल की खेती के लिए प्रोत्साहित भी किया।
गया में उन्नत तिल की खेती :
जाहिर हो तिल काफी उपयोगी फसल है। खासकर, उसका उपयोग तिलकुट निर्माण में होता है। यूँ कहें, तिल के वगैर तिलकुट का निर्माण संभव ही नहीं है। इतना ही नहीं, तिल का तेल भी बेहद उपयोगी होता है। यह बहुपयोगी फसल है। जो काफी गुणकारी होता है। यही वजह है कि डीएम ने उन किसानों के हौसले को अफजाई किया।
सराहनीय प्रयास :
DM त्याग ने लिया तिल की खेती का जायजा |
DM ने किसानों द्वारा गरमा तिल के खेती में किए गए सराहनीय प्रयास को लेकर काफी सराहना किए तथा कहा कि कृषि विभाग का कार्य काफी सराहनीय है तथा जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिए की तिल के उत्पादन प्रोसेसिंग मार्केटिंग इत्यादि से संबंधित सभी विषय किसानो को तकनीकी मदद करने का प्लान तैयार किया जाय।
गया जिले का तिलकूट पूरे भारतवर्ष में मशहूर है। पर विडम्बना है कि तिलकूट निर्माण हेतु तिल बाहर के राज्यों से क्रय करना पड़ता है।
- गया जिले की मिट्टी एवं जलवायु तिल की खेती के लिये बहुत ही उपयुक्त :-
- 1. तिल की खेती ने किसानों को दिखायी एक अच्छी आय की राह
- 2. तिलकूट व्यवसायियों को गया जिले में ही मिलेगा उच्च गुणवत्ता का तिल
कृषि विभाग एवं जिला प्रशासन की पहल पर इस वर्ष गरमा मौसम में गया जिले के प्रत्येक प्रखंड में तिल की खेती प्रारम्भ की गयी। चयनित किसानों को उच्च गुणवत्ता के तिल बीज का प्रभेद GJT-5 उपलब्ध कराया गया।
आत्मा, गया से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गये। जिले में 600 एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में तिल की बुआई की गयी। फसल काफी अच्छी है।
अच्छी मात्रा में तिल उत्पादन की उम्मीद है। व्यापारी भी तिल की खरीददारी के लिये पहूँच रहे है। किसान भी काफी उत्साहित है। गाँव के अन्य किसान भी अगले गरमा मौसम से तिल की खेती का मन बना चुके है।
किसानों को तिल फसल के रुप में एक अच्छा विकल्प मिला है। आनेवाले दिनों में गया जिले में तिल क्रांति आयेगी।
आर्थिक स्थिति अच्छी :
तिल की उन्नत खेती के लिए डीएम ने किसान के हौसले को किया अफजाई |
इससे किसानों के आर्थिक स्थिति अच्छी होगी और रोजगार के लिए बाहर जाने पर भी रोक लगेगी इसकी खेती बंजर भूमि से लेकर सभी प्रकार के भूमि में की जा सकती है, नीलगाय जानवर से फसल का देखभाल करना जरूरी है।
DM निर्देश :
- जिला पदाधिकारी में जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि तिल की खेती कर रहे किसानों को पूरी तरह से कृषि विभाग की सभी योजनाओं का लाभ उपलब्ध कराएं।
- हॉर्टिकल्चर एवं ड्रिप इरिगेशन के योजनाओं से लाभान्वित करते हुए हर संभव सहयोग करें। ऐसे किसानों को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत करें ताकि इन्हें देखकर और भी किसान तिल की खेती कर सके।
- किसानों ने जिला पदाधिकारी से अनुरोध किया कि देवकली से दमगढ़वा जाने वाली सड़क जो जर्जर है उसे मरम्मत करवाया जाय।
- बड़े-बड़े दुकानदारों जो तिलकुट बनाने का कार्य करते हैं उनसे समन्वय कर तिल लोकल किसानों से ही क्रय करने पर विचार कराएं।
- बताया गया कि 1 एकड़ तिल की खेती में लगभग 5 क्विंटल तिल का उपज होता है। प्रति किलोग्राम लगभग 150 रुपये के हिसाब से तिल मार्केट में बिकता है।
- पहराबाली ग्राम के प्रगतिशील किसानों द्वारा किए गए गरमा तिल के खेती का निरीक्षण एवं किसान उपेंद्र कुमार के खेत में क्रॉप कटिंग किया गया।
अंत में जिला पदाधिकारी ने जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि तिल के बिक्री हेतु लोकल स्तर पर गया जिले में ही मार्केटिंग पर विस्तार से प्लान करें।
निरीक्षण के दौरान जिला कृषि पदाधिकारी गया, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी टिकारी गया, प्रखंड विकास पदाधिकारी गुरारू, तिल वैज्ञानिक सुदामा सिंह, जिला परामर्शी, प्रभारी प्रखंड कृषि पदाधिकारी गुरारू के द्वारा गुरारू प्रखंड के देवकली उपस्थित थे।
मौके पर देवकली पंचायत के मुखिया, प्रखंड के कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार तथा अन्य सैंकड़ो कृषक उपस्थित थे।
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बिना पहचान पत्र के 2000₹ का नोट बदलने की आर बी आइ की घोषणा भ्रामक : कांग्रेस
Gaya : आर बी आइ द्वारा 2000₹ के नोट की छपाई बंद करने , तथा चलन वाले सारे नोट को बदलने की घोषणा के बाद देशभर के बैंको में 23 मई से आमजन जब आर बी आइ के घोषणा के अनुरूप बिना पहचान पत्र के नोट बदलने पहुंचे, तो उन्हें बैंक द्वारा एक फार्म भरने को दिया गया, जिसमे उसका आधार, पैन, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आर डी, पासपोर्ट, जॉब कार्ड,में से कोई एक आई डी प्रूफ देने तथा नाम, मोबाइल नंबर देने पर ही नोट बदलने की बाते बैंक के कर्मचारियों द्वारा कहने पर आमजन आक्रोशित हो कर अखबार एवम् टी वी चैनल में आर बी आइ, तथा सरकार द्वारा आई बाते की बिना कोई आई डी प्रूफ के कोई 2000₹ का नोट बैंक के काउंटर से बदल सकता है, जो पूरी तरह भ्रामक सिद्ध हो रहा है।
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह क्षेत्रीय प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिठू, पूर्व विधायक मो खान अली, जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष राम प्रमोद सिंह, बाबूलाल प्रसाद सिंह, उदय शंकर पालित, दामोदर गोस्वामी, सादुल्लाह फारूकी, अमरजीत कुमार, टिंकू गिरी, प्रद्युमन दुबे, शिव कुमार चौरसिया, सुरेंद्र मांझी, विनोद उपाध्याय, मो समद, असरफ इमाम, बिपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, विशाल कुमार, अशोक राम, आदि ने कहा की आखिर केंद्र सरकार, आर बी आइ अखबारों में भ्रामक बाते कर आमजन को परेशान क्यों करती है।
नेताओ ने कहा की देशभर में कितने ऐसे गरीब, मध्यवर्गीय परिवार के ऐसे लोग है, जो दो, चार दो हजार के नोट बक्से में छिपा कर रखे है, जिनका खाता किसी बैंक में नहीं है, वैसे लोग बहुत खुश थे की नोट बदलने में कोई आई डी, कागज, नाम, मोबाइल नंबर दिए बिना ही काम हो जायेगा, लेकिन ऐसा नहीं होने से इनमे भयानक आक्रोश है।
नेताओ ने कहा की आर बी आइ, तथा केंद्र सरकार द्वारा पारदर्शी बातो की घोषणा दैनिक अखबार तथा टीवी चैनल पर करनी चाहिए ना की भ्रामक और झूठी घोषणा।
नेताओ ने कहा की नोट बदलने की घोषणा आर बी आइ द्वारा हुआ, जिसकी अंतिम तिथि 30 सितंबर है, जिस तिथि को बढ़ाने की घोषणा शायद वित्त मंत्री करेंगे, तथा हो सकता है की अंतिम आगे की और घोषणा प्रधानमंत्री करेंगे ?
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