लोकतंत्र के महापर्व की सफलता के शुभ दिन मतगणना

लोकतंत्र के महापर्व का जश्न का दिन आने वाला  ! 
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लोकतंत्र के महापर्व की सफलता के शुभ दिन मतगणना
बंद इवीएम में से 23 मई को खुलेगा उम्मीदवारों के भाग्य का पिटारा, गुल खिलायेगी, मतदाता मालिक की फ़ैसला। वो दिन होगा ! बहुमत और राजतिलक का गुलेगुलजार। लोकसभा चुनाव 2019 अब समापन की ओर बढ़ चला है। अब तक हुए मतदान के आकलन में जुटे हैं लोग। हार- जीत की आँकड़े में लगे हैं राजनैतिक धुरंधरों तथा राजनैतिक प्रेमियों। चौक- चौराहों पर अक्सरहाँ सुनने को मिल जाती है मतदान के आँकड़े की चर्चा। वहाँ से वे, तो वहाँ से वो आगे निकल रहा है, तो उसकी जीत पक्की है। चाय की चुसकियों के साथ प्रत्याशियों के हार- जीत की चर्चा परवान पकड़ता है। चुनावी पहलवानों की दिग्गजता की भी बात तुल पकड़ती और जय- विजय की बात पर सुर्खियों का समापन होता। चुनावी लहर चौक- चौराहों पर इस तरह लहराती मिलती है। गाँव- शहर मे ! बस, यही बहसबाजी। ऐसे में गाँव- शहर का भी दिल गर्म है।  कभी, हार- जीत की बहस पर बाज़ी भी लग जाती, ऐसी है, चुनावी राजनैतिक हवा, जो आख़िरकार ! मतगणना पर जा कर ठहरती, विराम लगता है। बस, थोड़ा और सब्र करें, मतगणना का दिन दूर नहीं। जाहिर हो सातवें चरण के मतदान में पाँचवे चरण का मतदान संपन्न हो चुका है। शेष दो मतदान, 12 मई तथा 19 मई को होना है। जिसकी प्रशासनिक तैयारी ज़ोरों पर है। गर्मी की तपिश और चुनावी तपिश साथ- साथ लहरा रही है। देश में लोकतंत्र का चुनावी पारा चढ़ा है। बात, देश के राजनैतिक भविष्य रूप सत्ता की है। सबों की निगाह केन्द्र की सिंहासन पर टीका है। अबकी बार कौन ?

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