*चुनाव प्रक्रिया के दौरान दोषपूर्ण भाषण, फर्जी समाचार, भ्रामक सूचना, गलत सूचना का सोशल मीडिया एवं मध्यवर्ती प्लेटफार्म पर दुरुपयोग किए जाने के कारण स्वतंत्र निष्पक्ष चुनाव कराए जाने में चुनौती बना*
गया : भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली के अनुदेश संख्या 491/सोशल मीडिया, दिनांक 23 मार्च 2019 के द्वारा संसूचित किया गया है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान दोषपूर्ण भाषण, फर्जी समाचार, भ्रामक सूचना, गलत सूचना का सोशल मीडिया एवं मध्यवर्ती प्लेटफार्म पर दुरुपयोग किए जाने के कारण स्वतंत्र निष्पक्ष चुनाव कराए जाने में चुनौती बन गया है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दिनांक 25.10.2013 को जारी आदेश में आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों एवं सतत अनुदेशों में इंटरनेट/ सोशल मीडिया/वेबसाइट आदि को अभ्यर्थी और राजनीतिक दलों द्वारा अनुप्रयोग को इसके दायरे में लाया गया है। इंटरनेट/ सोशल मीडिया/इलेक्ट्रॉनिक माध्यम यथा फेसबुक, टि्वटर, यूट्यूब आदि पर इंटरनेट सोशल मीडिया इलेक्ट्रॉनिक माध्यम यथा फेसबुक ट्विटर यूट्यूब आदि पर किए जाने वाले पोस्ट को आदर्श आचार संहिता के दायरे में लाया गया जाने वाले पोस्ट को आदर्श आचार संहिता के दायरे में लाया गया है। इसके अनुश्रवण एवं निगरानी के लिए भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा तीन पदाधिकारियों को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। जिला निर्वाचन पदाधिकारी अभिषेक सिंह द्वारा गया जिले में सोशल मीडिया/ इंटरनेट तथा फेसबुक, ट्विटर, youtube आदि पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले पर निगरानी एवं अनुश्रवण करने एवं जिला निर्वाचन पदाधिकारी के स्तर से अग्रेतर कारवाई करने हेतु 3 सदस्यीय आई0टी0 दल का गठन किया गया है। जिसमें आईटी प्रबंधक गया, आईटी सहायक रणविजय कुमार एवं कार्यपालक सहायक मंजुल कुमार को शामिल किया गया है। जिनके द्वारा सोशल मीडिया/इंटरनेट पर सतत निगरानी रखी जाएगी तथा किसी अभ्यर्थी/ राजनीतिक दल के द्वारा उपरोक्त सोशल मीडिया/ इंटरनेट के माध्यम से आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामले को प्रकाश में लाया जाएगा तथा संबंधित के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई करते हुए आयोग के नामित नोडल पदाधिकारी व मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी बिहार द्वारा नामित नोडल पदाधिकारी को प्रतिवेदित किया जाएगा।