Happy Engineers Day | गेहलौर घाटी बनाने वाले इंजीनियर शिवू मिस्त्री- 2023

गया, 15 सितम्बर 2023 (अंज न्यूज़ मीडिया) Happy Engineers Day ! कर्मवीर Engineer Hammer Man शिवू मिस्त्री के छेनी-हथौड़े के दम पर बनी गेहलौर घाटी। उन्होंने दशरथ मांझी को बना दिया Mountain Man. Happy Engineers Day पर Engineer Hammer Man बाबा शिवू लोहार को प्रणाम ! सलाम। उनकी अद्भुत कृति विश्व में छा गई। जो प्रेरणादायी है। आधुनिक भारत के विश्वकर्मा शिवू लोहार की अनूठी रचनात्मकता दुनिया को आश्चर्यचकित कर दी। इसी विशाल उपलब्धि को लेकर Engineer Hammer Man शिवू मिस्त्री का नाम बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में दर्ज हुआ। जाहिर हो उनकी कृति को गया संग्रहालय गया में सुरक्षित- संरक्षित रखा गया है।

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Happy Engineers Day | गेहलौर घाटी  बनाने वाले इंजीनियर शिवू मिस्त्री- 2023 - Exclusive - Anj News Media Presentation
Happy Engineers Day | गेहलौर घाटी बनाने वाले इंजीनियर शिवू मिस्त्री- 2023 – Exclusive – Anj News Media Presentation

बाबा शिवू लोहार के छेनी- हथौड़ा पूज्य है। अगर वे छेनी- हथौड़ा नहीं दिए होते तो गेहलौर पर्वत नहीं टूटता और नहीं रास्ता बनता। बाबा विश्वकर्मा शिवू का छेनी- हथौड़ा वरदान साबित हुआ।

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सच, विश्वकर्मा लोहार जन्मजात इंजीनियर होता है। जन्म से ही उसके रगरग जेहन में इंजीनियर का विशेष गुण समाहित होता है। वह जन्मजात इंजीनियर होता है। जो विश्वकर्मा कुल- खानदान के होते हैं। विश्व शिल्पी- जगत पिता- जगत गुरू भगवान बाबा विश्वकर्मा के वंशज होते हैं लोहार विश्वकर्मा। ऐसे होते हैं विश्वकर्मा निपुण गुण से भरे हुए। ये है उनकी सफल ! सफलता की गाथा। 

जाहिर हो भगवान विश्वकर्मा के वगैर इस सृष्टि रूपी ब्रह्मांड की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। बाबा विश्वकर्मा की देन से ही संसार- दुनिया गुलफूल है। इसी कड़ी में आधुनिक दौर के अद्भुत इंजीनियर थे विश्वकर्मा लोहार बाबा शिवू मिस्त्री। जिनका ऐतिहासिक इतिहास बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज है।

बुलंद इरादे, प्रबल इच्छाशक्ति, अदम्य साहस, तथा प्रेम एवं लगनशीलता की पराकाष्ठा का अद्भूत परिचय दिया शिवू मिस्त्री ने अपनी हथौड़े की रचनात्मकता से। बदलते दौर के वैसे प्रगतिशील बाबा विश्वकर्मा शिवू को कोटि- कोटि नमन। 

Happy Engineers Day | Engineer Hammer Man शिवू मिस्त्री की देन है गेहलौर घाटी रास्ता

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Happy Engineers Day | World Records Hammer Man Engineer Shivu Mistry | इंजीनियर हैमरमैन शिवू का छेनी- हथौड़ा अद्वितीय, अतुल्नीय व अविस्मरणीय

कर्मवीर शिवू मिस्त्री के दिये छेनी- हथौड़े के बल पर दशरथ मांझी ने पहाड़ तोड़ने में कामयाब हुए थे। श्री मिस्त्री के दिये छेनी- हथौड़े के बल पर पर्वत टूटा और गेहलौर पहाड़ के बीचो- बीच से रास्ता निकला। पहाड़ तोड़ने में श्री मिस्त्री के छेनी- हथौड़ा का अहम योगदान रहा।
Happy Engineers Day ! ऐसे कर्म प्रवण शिवू को  Hammer Man (हथौड़ा पुरूष) तथा Hammer Man (हैमर मैन) की संज्ञा से विभूषित किया गया। लेकिन इस सबसे बेपरवाह संत स्वभावी शिवू मिस्त्री अपनी साधना में लगे रहे। दृढ़ संकल्प शक्ति का उदाहरण है अनवरत 22 वर्ष तक छेनी- हथौड़ा प्रदान करना।

Happy Engineers Day ! धुन के पक्के थे इंजीनियर हथौड़ा पुरुष शिवू मिस्त्री। कभी हिम्मत नहीं हारते थे। इतिहास पुरूष शिवू के साहस, एवं कर्म प्रबलता की गाथा वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स में शामिल है।

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जन्मजात इंजीनियर हथौड़ा पुरुष ! Engineer Hammer Man Shivu Mistry ने मांझी को बना दिया Mountain Man | Engineer Hammer Man Shivu Mistry made Manjhi a Mountain Man

पर्वत पुरूष दशरथ मांझी के संकल्प और उनके हौसले में हथौड़ा पुरूष शिवू मिस्त्री का निःशुल्क छेनी- हथौड़ा का योगदान ने जान फूंक दी थी। हैमर मैन शिवू का छेनी- हथौड़ा अद्वितीय, अतुल्नीय व अविस्मरणीय है। जो अनोखा, अद्वितीय ऐतिहासिक धरोहर है। श्री मिस्त्री, गया जिले के वजीरगंज प्रखंड के शिव कॉलोनी, दखिनगांव का निवासी थे।

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हथौड़ा पुरूष शिवू के ऐतिहासिक छेनी- हथौड़ा को गया संग्रहालय, गया में रखा गया है सुरक्षित

जिसने पक्की दोस्ती का उदाहरण कायम किया। पर्वत पुरूष दशरथ तथा हथौड़ा पुरूष शिवू के ऐतिहासिक अटूट दोस्ती स्वर्णाक्षरो में अंकित है। हथौड़ा पुरूष शिवू के ऐतिहासिक छेनी- हथौड़ा को गया संग्रहालय, गया में दर्शनार्थ सुरक्षित- संरक्षित रखा गया है।

 जीवट पुरूष अनवरत कर्म करते हैं, सुनिश्चित लक्ष्य-पथ पर चलते हुए अपनी मंजिल को पाते हैं। ऐसे ही अथक साधक, लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध कर्मयोगी पुरूष थे – हथौड़ा पुरूष कर्मवीर शिवू मिस्त्री।
जीवन की दैनन्दिन जरूरतों से जूझते हुए, घटनाक्रमों से लड़ते हुए एक साधारण मिस्त्री अचानक एक प्रतिबद्ध समाजसेवी बन जाता है और फिर प्रतिष्ठित हैमर मैन।
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Happy Engineers Day ! Hammer Man | लक्ष्य साधना में अर्जून की तरह माहिर थे इंजीनियर शिवू मिस्त्री

लक्ष्य साधना में अर्जून की तरह माहिर शिवू मिस्त्री कर्मठता के अद्भूत नमूना थे। ऐसे साधक को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स ने भी प्रतिष्ठा देने में कोई कोताही नहीं की।

Happy Engineers Day ! वर्ष 1960 की एक छोटी घटना ने अकिंचन मजदूर दशरथ को विराट स्वरूप लेने की प्रेरणा दी। घटनाक्रम कुछ ऐसा है कि दशरथ गेहलौर पहाड़ी को पार कर एक खेत में काम करता था और उसकी पत्नी फगुनी उसके लिए भोजन-पानी लेकर प्रतिदिन जाती थी।

दशरथ कहा करते थे कि वजीरगंज हाट में बकरी बेच कर विश्वकर्मा की दुकान से छेनी-हथौड़ा खरीदी थी। उन्होंने विश्वकर्मा का ध्यान लगा छेनी- हथौड़ा से गेहलौर पहाड़ को तोड़ने में जुट गया था।

Happy Engineers Day ! Hammer Man शिवू विश्वकर्मा के हथौड़े की ताकत से विशाल पहाड़ राई के समान टूटा और दशरथ मांझी अमर हुए। जो एकदम अनूठा गाथा है। श्री मिस्त्री देश- विदेेश में चर्चित व प्रसिद्ध हुए। इसी अद्वितीय कार्य हेतु शिवू का नाम वर्ष 2019 में बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ।

देखिए ! इंजीनियर Hammer Man Shivu Mistry का ऐतिहासिक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट- “बिहारी हो तो ऐसा ! हैमरमैन जैसा”

 

  • Happy Engineers Day ! हथौड़े की मार से कठोर चट्टान टूटता गया और कामयाबी करीब होता गया। अंततः बड़ी सफलता मिली। लक्ष्य एक हीं था पहाड़ तोड़ने के लिए छेनी- हथौड़ा देना। शिवू ने ये सिद्ध कर दिखाया कि अटूट दोस्ती से बढ़कर संसार में कुछ भी नहीं। सच, महामना शिवू की यह कृति महान, एकलौता एवं अतुलनीय है।
  • आज पहाड़ी प्रेम स्मारक गेहलौर घाटी चिरस्मरणीय बना है। वह ऐतिहासिक प्रेम मार्ग है। Hammer Man मिस्त्री शिवू बहुत थोड़ा पढ़े- लिखे थे परंतु कर्म का धनी पुरूष थे। वह गुद्ड़ी का लाल था। वह सच्चे कर्मयोगी थे।
  • Happy Engineers Day ! वैसे जीवट Engineer Hammer Man शिवू मिस्त्री आज हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनकी अद्भुत कामयाबी की कृति जीवंत है। शिवू- दशरथ निर्मित प्रेम पथ गेहलौर घाटी असंभव कार्य को भी संभव करने की प्रेरणा देती है। जो कठोर कर्म का द्योतक है। 
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Happy Engineers Day ! पर्वत पुरूष (Mountain Man) ने दुर्गम पहाड़ को 22 वर्ष (1960 से 1982) तक हथौड़ा पुरुष (Hammer Man) के छेनी- हथौड़ा से तोड़े थे। उस विषम वक़्त में हथौड़ा पुरूष शिवू मिस्त्री ने दशरथ मांझी को 22 वर्ष तक निःशुल्क छेनी- हथौड़ा दिये, पहाड़ तोड़ने के लिए।

मजदूर दशरथ पहाड़ तोड़ता रहा और Hammer Man हथौड़ा पुरूष शिवू मिस्त्री ने उन्हें निःशुल्क छेनी- हथौड़ा प्रदान करते रहे। हैमर मैन (Hammer Man) श्री मिस्त्री ने 22 साल तक उन्हें निःशुल्क छेनी- हथौड़ा प्रदान किये पहाड़ का सिना चीर कर रास्ता बनाने के लिए।

देखिए ! इंजीनियर Hammer Man Shivu Mistry का “Mistry The Hammer Man” ऐतिहासिक डाक्यूमेंट्री

दशरथ ने पहाड़ के सीना को चीर कर रास्ता बनाने को ठाना था। लेकिन उसकी गरीबी की आलम ऐसी थी कि उसके पास फूटी कौड़ी तक नहीं थीं। अकिंचन मजदूर दशरथ ने शिवू मिस्त्री से मिलकर उनको अपनी दर्द भरी दास्ताँ सुनाई।
तब बाबा शिवू लोहार ने उन्हें मुफ्त में छेनी- हथौड़ा देने का वादा किया। और तभी से उसने लगातार छेनी- हथौड़ा देता रहा। उसने तब तक देता रहा, जब तक की पहाड़ ना टूटा।

  • जब पहाड़ टूट गया। लोगों की आवाजाही शुरू हुई। जब उनकी कामयाबी शानदार ! जबर्दस्त ! ज़िंदाबाद हुई। और तब लोगों ने उन्हें शाबाशी दी। इससे पहले और किसी ने उन्हें सहयोग नहीं किया। उलटे लोग उन्हें पागल और सनकी की संज्ञा दे दी थी।
  • लेकिन इंजीनियर बाबा विश्वकर्मा शिवू ने उन्हें समझा और भरपूर मदद के रूप में उन्हें मुफ्त Free में छेनी- हथौड़ा दिया ! पहाड़ का सिना चिर कर रास्ता बनाने के लिए। उन्हें कामयाबी मिली तो दुनिया चकित हो है। ऐसी दास्ताँ है बाबा विश्वकर्मा शिवू मिस्त्री की।  
  • मिस्त्री के हथौड़े के दम पर उसने असंभव कार्य को संभव कर दिखाया। हैमरमैन शिवू मिस्त्री के दिए हुए छेनी- हथौड़े से पहाड़ को तोड़ कर माउंटेनमैन बना दशरथ मांझी।

छेनी-हथौड़ी के सहारे 22 वर्षों तक निरंतर प्रहार करते हुए दशरथ मांझी ने अद्भुत गाथा रच डाली।

Happy Engineers Day ! Hammer Man | शिवू मिस्त्री के दिए हुए हथौड़े से गेहलौर पर्वत को तोड़ कर दशरथ मांझी ने बनाया था ऐतिहासिक रास्ता 

Happy Engineers Day ! गेहलौर मार्ग वजीरगंज, मोहड़ा एवं अतरी प्रखंड अर्थात तीन प्रखंडों को जोड़ने से आमजन हेतु सुगम मार्ग बन गया। दुर्गम पहाड़ी दर्रे से गुजरने वाला घुमावदार सुदूरवर्ती संकीर्ण पथ ! अब चौड़ा सुगम और सीधा मार्ग के रूप में है, जिससे मीलों की दूरी सहज- सुगम हो गया।

ऐसी अनोखी देन है बाबा विश्वकर्मा शिवू लोहार की। उन्हीं की छेनी- हथौड़े की अद्भुत कृति है गेहलौर घाटी। जिसे दुनिया सलाम ! सैलूट किया।

देखिए ! इंजीनियर Hammer Man Shivu Mistry का ऐतिहासिक एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

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