अगस्त तक वंडर एप पर 60 हजार गर्भवती महिलाओं की होगा निबंधन
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: डीएम
ज़िले भर के स्वास्थ्य की समीक्षा किये डीएम त्याग |
गया : जिला में मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए महत्वाकांक्षी वंडर एप कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है. वंडर एप के माध्यम से जहां गर्भवती के स्वास्थ्य की सभी प्रकार की आवश्यक जानकारियां रखने में मदद मिल रही है वहीं नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य का भी अनुश्रवण करने में सहायता मिल रही है. इसलिए आवश्यक है कि इस पोर्टल पर होने वाली सभी इंट्री गुणवत्तापूर्ण हों. यानि इसमें किसी प्रकार की त्रुटि नहीं हो.
यह बातें जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने जिला समाहरणालय के सभागार कक्ष में स्वास्थ्य समीक्षा बैठक के दौरान कही. जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक के दौरान सिविल सर्जन डॉ आरके सिंह, डीपीएम नीलेश कुमार, एसीएमओ डॉ एस कुमार, सीडीओ डॉ पंकज सिंह डीवीबीडीओ डॉ एमई हक, डीआईओ डॉ राजीव अंबष्ट, आइसीडीएस डीपीओ सहित प्रभावती एवं जेपीएन अस्पताल व सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक तथा केयर इंडिया टीम लीड शशिरंजन एवं यूनिसेफ से डॉ नेहा निमकर्ड व अन्य मौजूद थे.
समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी ने संस्थागत प्रसव, नियमित टीकाकरण, परिवार नियोजन आदि कार्यक्रमों के साथ वंडर एप तथा श्रवण श्रुति कार्यक्रम की भी समीक्षा की. जिलाधिकारी ने कहा वंडर एप पर गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य जांच की इंट्री गुणवत्तापूर्ण हो यह स्वास्थ्य अधिकारियों को सुनिश्चित करना है. सभी जनप्रतिनिधियों को वंडर एप कैंप के बारे में जरूरी जानकारियां दें. पंचायतवार योजना बना कर प्रत्येक सप्ताह में एक दिन वंडर एप कैंप का आयोजन किया जाये.
कैंप आयोजन से पूर्व प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी तथा बाल विकास परियोजना अधिकारी आपसी समन्वय बना कर काम करेंगे. आंगनबाड़ी सेविका तथा आशा के माध्यम से लाभुकों को कैंप तक लाने के लिए मोबिलाइज करेंगे.
कैंप में ही मातृत्व वंदना योजना के तहत मिलने वाले लाभ को देने के लिए आवश्यक फॉर्म भर देना है. कहा कि आगामी स्वास्थ्य समीक्षा के दौरान वंडर एप पर 1000 गर्भवती महिलाओं का निबंधन किया जाये. श्रवणश्रुति कार्यक्रम के लिए आइसीडीएस को मोबिलाइजेशन के लिए कहा और कैंप के दौरान अधिकाअधिक स्क्रीनिंग के आदेश दिये. समीक्षा के दौरान उन्होंने जिला में संस्थागत प्रसव का प्रतिशत बढ़ाने के आदेश दिये और कहा कि कम संस्थागत प्रसव वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के एमओआइसी व अन्य कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी.
अगस्त तक 60 हजार गर्भवती के निबंधन का लक्ष्य:-
जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबंधक नीलेश कुमार ने बताया कि अगस्त के अंतिम माह तक 60 हजार गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों की प्रविष्टि करने का लक्ष्य रखा गया है. बताया कि वर्तमान में 4668 गर्भवती महिलाओं का निबंधन करते हुए उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारियों की प्रविष्टि की गयी है. इंट्री के दौरान अलर्ट जेनरेट पर गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना है.
डीपीएम ने कहा कि सभी प्रखंड परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत पुरुष नसबंदी के आंकड़े में इजाफा करें. सभी स्वास्थ्य संस्थान को कम से कम 2 पुरुष नसबंदी का लक्ष्य दिया गया है. प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी तथा स्वास्थ्य प्रबंधक सुनिश्चित करें कि उनके अस्पताल में कंडोम बॉक्स लगाये गये हों और उनमें नियमित तौर पर कंडोम रखा जा रहा हो.
साथ ही गर्भनिरोधक गोलियों तथा इंजेक्शन के प्रति भी महिलाओं को जागरूक कर उनके इस्तेमाल को बढ़ाया जाये. मीटिंग के दौरान बताया गया कि जिला में कमजोर नवजात शिशुओं की संख्या में कमी लाने के लिए सही प्रकार से बच्चों की जांच की जाये.
लेबर रूम में वेजिंग मशीन जरूर रखें. किसी भी शिशु का गलत वजन नहीं देना है. शिशुओं की होने वाली मृत्यु का 30 प्रतिशत बच्चे अपरिपक्व होते हैं यानि उनका जन्म समय से पूर्व होता है.
– AnjNewsMedia Presentation