कर्मवीर पिता- पुत्र ने बनाई वर्ल्ड रिकार्ड्स
दुनिया भर में किया राष्ट्र का नाम रौशन
हैमरमैन शिवू मिस्त्री के दिये हुए छेनी- हथौड़ा से मजदूर दशरथ मांझी ने पहाड़ की छाती तोड़ी और बनाई राह
जर्नलिस्ट अंज ने लिखी प्रेरणादायक कहानी, बनीं फ़िल्में
विश्व को नाज है
लेखिका : पूजा अर्चना, औरंगाबाद
बिहार सूबे के गया जिले के वजीरगंज प्रखंड मुख्यालय स्थित दखिनगांव ग्राम के निवासी कर्मवीर पिता और पुत्र दोनों ने वर्ल्ड रिकार्ड्स बना कर ऐतिहासिक इतिहास रची है। जो बेमिशाल है।
वर्ल्ड रिकार्ड्स जर्नलिस्ट अशोक कुमार अंज |
जीवट कर्मयोगी पिता और पुत्र कमाल कर दिया। उनकी कर्मठता को विश्व ने सलाम किया है। वे इंडिया हीं नहीं, विश्व का आदर्श बने हैं। वर्ल्ड रिकार्ड्स पिता एवं पुत्र दोनों अपने- अपने लक्ष्य की प्राप्ति में धनुषधर अर्जुन की तरह माहिर निकले। जिन्होंने अपने कठोर कर्म पर अटूट भरोसा जताते हुए विश्व स्तरीय सफलता हासिल की।
वर्ल्ड रिकार्ड्स हैमरमैन शिवू मिस्त्री |
वैसे शख़्स हैं वर्ल्ड रिकार्ड्स हैमरमैन स्वर्गीय शिवू मिस्त्री और उनके वर्ल्ड रिकार्ड्स जर्नलिस्ट सुपुत्र अशोक कुमार अंज। जाहिर हो वर्ल्ड रिकार्ड्स जर्नलिस्ट सुपुत्र अशोक कुमार अंज फ़िल्मी पत्रकार बाबू के नाम से भी विख्यात हैं। अपनी लेखनी के दम पर वे वर्ल्ड रिकार्ड्स बनाए हैं। छोटी- बड़ी कई फ़िल्मों के जबर्दस्त पटकथा लिखी। जिस पर बड़े पर्दे का भी फिल्म बनी। जो बिल्कुल अद्भुत है। इस तरह अकिंचन दशरथ माँझी को अपनी लेखनी की दम पर माऊंटेन मैन बना दी और अपने पिता स्वर्गीय शिवू मिस्त्री को हैमर मैन बना दी जर्नलिस्ट अशोक कुमार अंज। विशेष उपलब्धि के लिए जर्नलिस्ट अंज का नाम वर्ल्ड रिकार्ड्स में स्थान बनाया।
वे गरीबों के मसीहा के रूप में भी जाने- जाते हैं। लेखनी के जरीय गरीबों को भलाई करना उनकी आदत है। यही वजह है कि विश्व भर में सुपरमैन अंज, सुपरस्टार के रूप में चमक रहे हैं। जिनकी चमक दिनों- दिन और भी बढ़ रही है। उनकी पहचान से वजीरगंज को बड़ी पहचाना मिली। यूँ कहें, उनकी पहचान से वजीरगंज पहचाना जाता है। महानत्म कृतित्व दुनिया भर में छाई है। उनकी सकारात्मक पत्रकारिता बेमिशाल है। वे बादशाह हैं पत्रकारिता जगत की। जिन पर विश्व को नाज है। वे इंडिया का सरताज हैं।
माउंटेनमैन दशरथ मांझी |
वर्ल्ड रिकार्ड्स हैमरमैन शिवू मिस्त्री ने मजदूर दशरथ मांझी को 22 वर्ष तक फ्री छेनी और हथौड़ा दिया पहाड़ की छाती तोड़ कर आमजनों के लिए रास्ता बनाने के लिए। हैमरमैन शिवू मिस्त्री के दिये हुए छेनी और हथौड़ा से मजदूर दशरथ मांझी ने पहाड़ की छाती तोड़ कर आमजनों के लिए सुगम राह बनाई। वर्ल्ड रिकार्ड्स हैमरमैन शिवू मिस्त्री ने मजदूर दशरथ मांझी को फ्री छेनी और हथौड़ा दे कर कमाल कर दिखाया। हैमरमैन शिवू मिस्त्री ने इस तरह से इतिहास रची, जो बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुआ। वर्ल्ड रिकार्ड्स हैमरमैन शिवू मिस्त्री का वह ऐतिहासिक छेनी और हथौड़ा गया संग्रहालय गया में सुरक्षित रखा गया है। पहाड़ की छाती तोड़ने में उसी छेनी और हथौड़ा का प्रयोग किया गया था। हैमरमैन शिवू मिस्त्री के उस धरोहर रूपी छेनी और हथौड़ा को गया संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है।
हैमरमैन शिवू मिस्त्री के दिए हुए छेनी- हथौड़ा से पहाड़ का सीना तोड़े पर्वत पुरूष दथरथ मांझी |
जाहिर हो वर्ल्ड रिकार्ड्स हैमरमैन शिवू मिस्त्री के सुपुत्र हैं वर्ल्ड रिकार्ड्स जर्नलिस्ट अशोक कुमार अंज। पिता-पुत्र की जोड़ी ने बनाई वर्ल्ड रिकार्ड्स। पिता-पुत्र की जोड़ी ने दशरथ मांझी को माउंटेन मैन बना दिया। शिवू मिस्त्री ने 22 वर्ष तक फ्री छेनी- हथौड़ा दिया पहाड़ का सीना तोड़ने के लिए तो उनके लेखक- पत्रकार सुपुत्र अशोक कुमार अंज ने उनकी कहानी लिखी, जिस पर फिल्में बनी और दशरथ मांझी दुनिया भर में लोकप्रिय हुए। पिता-पुत्र की जोड़ी ने कमाल कर दिखाया है। जो बेजोड़ है।
तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोविंद को पर्वत पुरूष दथरथ मांझी और हैमरमैन शिवू मिस्त्री के बारे में बताते हुए जर्नलिस्ट अंज |
मजदूर दशरथ मांझी को यदि वर्ल्ड रिकार्ड्स हैमरमैन शिवू मिस्त्री ने फ्री छेनी- हथौड़ा नहीं देते तो पहाड़ तोड़ कर रास्ता बनाने का सपना, महज सपना ही रह जाता। हैमरमैन श्री मिस्त्री का त्याग कमाल कर दिखाया। जो दशरथ मांझी के हौसले को बल दिया, ताकत दिया। श्री मिस्त्री के छेनी- हथौड़े के दम पर विशाल पर्वत टूटा। वर्ना, यह कार्य अधूरा ही रह जाता। दशरथ मांझी के सपने को साकार किया हैमरमैन शिवू मिस्त्री का छेनी और हथौड़ा।उनका छेनी और हथौड़ा दशरथ मांझी के लिए वरदान साबित हुआ।
दलितों की प्रेरणादायक कहानी लिखने के लिए अशोक कुमार अंज ने वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज कराया। उन्होंने प्रेरणादायक जीवनी लिखकर गरीब दलितों को ऊंचाई दी है। गरीबों का वह प्रेरक लेखन विश्व में प्रसिद्ध हुआ। जो अतुलनीय है। जिससे गरीबों के जीवन को प्रोत्साहन और मजबूती भी मिली। सामाजिक कार्यकर्ता अशोक कुमार अंज ने दशरथ मांझी को पहाड़ का आदमी और शिबू मिस्त्री को हथौड़े का आदमी बनाया। उनकी ख्याति देश-विदेश में फैली है। सामाजिक कार्यकर्ता-सह-पत्रकार अशोक कुमार अंज ने बिहार के तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोविंद को पर्वत पुरूष दथरथ मांझी और हैमरमैन शिवू मिस्त्री के बारे में जानकारी दी।
समाजसेवी सह पत्रकार अशोक कुमार अंज का नाम समाजसेवा के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। समाजसेवी अंज, लोहार समाज से ताल्लुक रखते हैं। जो गया जिले के वजीरगंज प्रखंड के सुदूर दखिनगांव का निवासी हैं।
गेहलौर घाटी : बनी आमजनों की राह : पहाड़ी दुर्गम रास्ता हुआ सुगम |
उन्होंने पर्वत पुरूष दशरथ मांझी और हथौड़ा पुरूष शिबू मिस्त्री के जीवन को सफलता दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। उपरोक्त दोनों व्यक्तियों की अमिट जीवनी लिखी। समाजसेवी अंज ने अपने लेखन के माध्यम से गरीबों का काफी हौसला बढ़ाया है। उनके सपने को टूटने नहीं दिया, बल्कि उनके हौसले को और बढ़ाया। जिससे उन्हें ताकत मिली। इस तरह लेखक- पत्रकार अंज ने उनकी जीवनी को अद्भुत बना दिया। इसीलिए पत्रकार अंज को ‘फिल्मी पत्रकार बाबू’ की संज्ञा मिली है। सामाजिक कार्यकर्ता सह पत्रकार अशोक अंज ने पर्वत पुरूष दशरथ मांझी को लेखकीय महत्वपूर्ण योगदान दिया। जिसके आधार पर उनका काम देश- दुनिया में फैला और उनके जीवन पर कई फिल्में बनीं।
सामाजिक कार्यकर्ता अंज ने अपना विशेष योगदान दिया, जो जगजाहिर है। गेहलौर पर्वत का सीना हैमरमैन शिवू मिस्त्री के छेनी और हथौड़े से टूटा, तब ज़िंदाबाद हुआ। फिर वही शानदार बना और जबरदस्त भी। जो अकल्पनीय था, वह कल्पनीय हो गया। हैमरमैन शिवू के छेनी और हथौड़े के बल पर दशरथ ने रची इतिहास। इस राह को बनने से वजीरगंज प्रखंड सहित मोहड़ा और अतरी प्रखंड की कठीन डगर की दूरी बिल्कुल सिमट गई।
कर्मवीर अंज ने पत्रकारिता क्षेत्र के अद्भुत शख़्स हैं। जिनकी कृति बेहद समृद्ध है। उन्हें समझ पाना मुश्किल। वे साहित्य लेखन की दुनिया का गंभीर अक्षरजीवी हैं। उनकी लेखनी में वह दम है कि आदमी को महामानव बना देते। यही वजह है कि उनकी ख्याति विश्व भर में विख्यात है। उनकी सोच पर बनी फ़िल्में दुनिया भर में ख्याति अर्जित की और लोकप्रिय भी हुआ। जीवट समाजसेवी सह पत्रकार अंज अपने धुन के पक्के हैं। बस, वे अपने लेखन और समाचार कार्य में भीड़े रहते। पत्रकारिता और लेखन के क्षेत्र के लोग उन्हें लोहा मानते हैं। लोहार परिवार का कर्मवीर अंज ने अपने- आपको दुनिया भर में लोहा साबित कर दिखाया।
पूजा अर्चना, लेखिका |
गौरवशाली विश्व रिकार्ड्स, उनकी कृति की नूर ही नहीं, कोहिनूर है। जिसकी चमक विश्व भर में है। उनकी बेशक़ीमती कोहिनूर रूपी कृति को सहेज पाना मुश्किल है। समाज और राष्ट्र को जो दे रखे हैं। वह ऐतिहासिक है। वर्ल्ड रिकार्ड्स पिता- पुत्र दोनों ने राष्ट्र को जो दे रखे हैं, वह अद्भुत है। इस महानत्म कृति से बिहार प्रदेश ही नहीं, भारत समृद्ध हुआ है।
➖ AnjNewsMedia की प्रस्तुति