Animal Husbandry: बकरी पालें आत्मनिर्भर बनें

छोटे स्तर पर बकरी पालन स्वरोजगार

बकरी पालकों को दिया गया प्रशिक्षण 

पहले आओ पहले पाओ, 
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स्वरोजगार प्रलोभन


गया: छोटे स्तर पर भी सरकार दे रही है स्वरोजगार करने का अवसर। जिससे छोटे पशुपालक भी बनेगें स्वावलंबी। इस पहल से लोगों को स्वरोजगार में बढ़ावा मिलेगा।

कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) गया द्वारा गया जिला के 120 बकरी पालक किसानों के लिये एक दिवसीय प्रशिक्षण-सह-प्रतियोगिता का आयोजन स्थानीय बाजार समिति चन्दौती के परिसर में किया गया।

Animal Husbandry: बकरी पालें आत्मनिर्भर बनें, Government initiative to make self-reliant, AnjNewsMedia
बकरी पालन की प्रशिक्षण

कार्यक्रम का उदेश्य बामेती के तत्वाधान में पूरे बिहार के सभी 534 प्रखण्डों से 5-5 किसानों को सम्मिलित करते हुये कुल 2670 किसानों से सामूहिक रुप से बकरी पालन का कार्य करने और आत्म निर्भर बनाने के लिये जिला स्तर के पाॅच साधनसेवी प्रगतिशील बकरी पालकों का चयन किया जाना था।

कार्यक्रम में भाग ले रहे किसानों में से 05 किसानों रवीन्द्र प्रताप सिंह, कारिसोवा वजीरगंज, रवीन्द्र कुमार, सोलरा, परैया, कमलेश कुमार, नन्दई, डुमरिया, अजय कुमार, मझियावां, परैया एवं सुकेश कुमार, गोइठा, बांकेबाजार का चयन जिले से राज्य स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने के लिये किया गया। 

कार्यक्रम में भाग ले रहे प्रतिभागियों को संबोधित करते हुये परियोजना निदेशक, आत्मा, गया रविन्द्र कुमार ने कहा कि गया जिला की जलवायु में बकरी पालन की बहुत संभावना है कम लागत में अच्छे प्रबंधन से बकरी पालन करके गरीब परिवार आर्थिक रुप से आत्म निर्भर हो सकते हैं। बकरी पालन के माध्यम से नियमित आय प्राप्त की जा सकती है। 

जिला पशुपालन पदाधिकारी, गया डा॰ अनिल कुमार ने बिहार सरकार द्वारा बकरी पालन हेतु बिहार सरकार के द्वारा संचालित 10 बकरी और 01 बकरा, 20 बकरी एवं 01 बकरा तथा 100 बकरी एवं 05 बकरा योजना के लिये सामान्य वर्ग के व्यक्तियों के लिये 50 प्रतिषत जबकि अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के व्यक्तियों के लिये 60 प्रतिशत सहायता दिये जाने की जानकारी दिया और आवेदन के तरीके के विषय में बताया।

उन्होने कहा कि योजना पहले आओ पहले पाओ आधार पर क्रियान्वित की जा रही है। इसमें स्वलागत और प्रशिक्षण प्राप्त व्यतियों को प्राथमिकता दी जाती है।

कृषि विज्ञान केन्द्र, मानपुर, गया के पशु चिकित्सा विज्ञान के वैज्ञानिक डा. अनिल कुमार रवि ने बकरी पालन हेतु शेड निर्माण, उसके आहार, नस्ल सुधार, चारा प्रबंधन और रोग व्याधि नियंत्रण की जानकारी दिया। उन्होने बताया कि बकरी पालन में सफल होने के लिये पीपीआर और ईटी बीमारी की टीका सही समय पर लगवाया जाना अनिवार्य है।

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