बुद्ध की तिहरी जयंती में शामिल राज्यपाल फागू
महाबोधि मंदिर में राज्यपाल ने बुद्ध प्रतिमा का किये दर्शन- पूजन
बोधिवृक्ष की छांव में आयोजित हुआ त्रिविध जयंती
महाबोधि टेम्पल पहुंचे राज्यपाल फागू चौहान किये बुद्ध प्रतिमा का दर्शन Advertisement
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बोधगया, गया : कोरोना के कारण विगत 2 वर्षों से बुद्ध जयंती का आयोजन थमा हुआ था। लंबे समय बाद त्रिविध जयंती का आयोजन धूमधाम से हुई। जिससे श्रद्धालुगणों में बेहद ख़ुशी झलकी।
त्रिविध जयंती पर महाबोधि टेम्पल पहुंचे राज्यपाल फागू चौहान |
त्रिविध जयंती कार्यक्रम के मौके पर अपने संबोधित में सूबे बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने कहा बोधगया भगवान बुद्ध की ज्ञानभूमि है। यहीं से पूरी दुनिया में ज्ञान का प्रकाश फैला है। आज के वैश्वीकरण के युग में भगवान बुद्ध के संदेश प्रासंगिक है। भगवान बुद्ध के संदेशों का अनुसरण लोगों को करना चाहिए। बुद्ध के बताए मार्ग पर चलकर ही पूरे विश्व में शांति लाई जा सकती है।
महाबोधि मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने के बाद राज्यपाल फागू चौहान श्रीलंकाई महाविहार गए। जहां उन्होंने भगवान बुद्ध और उनके दो परम शिष्य सारीपुत्र और महामोग्गलान के अस्थि कलश के दर्शन किए। श्रीलंकाई महाविहार के प्रभारी भिक्षु भंते राहुल द्वारा उनका स्वागत किया गया।
धूमधाम से मनी महात्मा बुद्ध की त्रिविध जयंती |
महात्मा बुद्ध की ज्ञानभूमि बोधिवृक्ष की छांव में बुद्ध की 2566वीं जयंती पूरी गर्मजोशी के साथ मनाई गई। त्रिविध जयंती कार्यक्रम में सूबे बिहार के राज्यपाल फागू चौहान मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
बुद्ध पूर्णिमा के त्रिविध जयंती के मौके पर महाबोधि मंदिर में महामहिम राज्यपाल फागू चौहान पहुंचे और जयंती कार्यक्रम में शिरकत किये। इस अवसर पर वहाँ स्थित विभिन्न देशों के बौद्ध महाविहारों को आकर्षक तरीके से सजाया गया था, जो ख़ूबसूरती बिखेर रही थी। जयंती के आयोजित मौके पर खूबसूरत शोभायात्रा भी निकाली गई।
बोधिवृक्ष की छांव में मनाई गई बुद्ध की त्रिविध जयंती गवर्नर फागू किये शिरकत |
जाहिर हो पावन वैशाखी पूर्णिमा के दिन हीं मनाई जाती है महात्मा बुद्ध की त्रिविध जयंती। वैशाखी पूर्णिमा के दिन ही बुद्ध का जन्म हुआ। इसी दिन उन्हें पीपल वृक्ष की छांव में ज्ञान का बोध हुआ। और इसी दिन उनका देहावसान हुआ। त्रिविध जयंती की यही मुख्य राज है। यही वजह है की वैशाखी पूर्णमा को बुद्ध पूर्णिमा की संज्ञा दी गई है।
Governor Phagu Chauhan in Mahabodhi Temple.
त्रिविध जयंती के लिए गया पहुंचे राज्यपाल फागू चौहान का गया एयरपोर्ट पर स्वागत करते कमिश्नर मयंक |
उनका स्वागत गया एयरपोर्ट पर डीएम त्यागराजन एवं कमिश्नर मयंक वरवड़े ने गर्मजोशी के साथ की। वहीं महाबोधि टेंपल मैनेजमेंट कमिटी के सदस्यों ने भी उन्हें पुष्प गुच्छभेंट कर अभिनन्दन किया। इस कार्यक्रम में शामिल होने कई देशों सहित कई राज्यों के श्रद्धालुगण बोधगया पधारे हैं। जिससे बोधगया की रौनक निखरी है। राज्यपाल फागू चौहान विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर के गर्भगृह में महात्मा बुद्ध की प्रतिमा का दर्शन किए। इसके उपरांत मंदिर के प्रांगण में ही स्थित पवित्र बोधिवृक्ष की छांव में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए।
त्रिविध जयंती के लिए गया पहुंचे राज्यपाल फागू चौहान का गया एयरपोर्ट पर स्वागत करते डीएम त्यागराजन |
इस मौके पर श्रीलंकाई महाविहार के प्रभारी भिक्षु भंते राहुल ने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा का दिन बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए सबसे बड़ा दिन है. इस दिन हम लोग भगवान बुद्ध की ‘त्रिविध जयंती’ मना रहे हैं।
त्रिविध जयंती के लिए गया पहुंचे राज्यपाल फागू चौहान को गया एयरपोर्ट पर दिया गया गार्ड ऑफ़ ऑनर |
श्रीलंकाई महाविहार के प्रभारी भंते राहुल ने इस मौके पर कहा ‘त्रिविध’ का मतलब यह है कि आज ही के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। आज ही के दिन उन्हें बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी और उनका महापरिनिर्वाण भी आज ही के दिन हुआ था। भगवान बुद्ध के जीवनकाल की तीनों घटनाएं वैशाख पूर्णिमा के दिन ही हुई थी, इसलिए हम लोग इसे ‘त्रिविध जयंती’ के रूप में मनाते हैं। बुद्ध के संदेशों को आत्मसात करके ही विश्व शांति एवं मानवता का कल्याण हो सकता है।
त्रिविध जयंती समारोह में शामिल राज्यपाल फागू |
2566वां बुद्ध जयंती के अवसर पर बिहार के महामहिम राज्यपाल श्री फागु चौहान द्वारा महाबोधि मंदिर का दर्शन के साथ साथ महाबोधी वृक्ष के नीचे आयोजित बुद्ध जयंती कार्यक्रम में भाग लिया गया।
अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, बोधगया पर आयुक्त, मगध प्रमंडल मयंक वरवड़े, पुलिस महानिरीक्षक, मगध प्रक्षेत्र, विनय कुमार, जिला पदाधिकारी, डॉ० त्यागराजन एसएम एवं वरीय पुलिस अधीक्षक श्रीमती हरप्रीत कौर द्वारा पुष्प गुच्छ देकर महामहिम राज्यपाल का स्वागत किया गया। इसके उपरांत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पर महामहिम राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
महामहिम राज्यपाल द्वारा बोधगया महाबोधि मंदिर का दर्शन किया गया एवं पवित्र बोधि वृक्ष के समीप कैंडल जलाते हुए महात्मा बुद्ध को नमन किया गया। उपस्थित लामाओं एवं आदरणीय भिक्षुगण/भन्ते द्वारा उनका सूक्त पाठ करते हुए स्वागत किया। इसके उपरांत महामहिम राज्यपाल द्वारा प्रज्ञा, 2022 नामक पुस्तक का विमोचन किया गया।
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार के महामहिम राज्यपाल फागू चौहान ने अपने संबोधन में कहा की गौतम बुद्ध इसी बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान की प्राप्ति किए थे, जहां आज हम सभी बैठे हैं। इसी कारण बिहार का विश्व में गौरवपूर्ण स्थान है। यह बौद्धों का केंद्र बना। चार आर्य स्तय के अलावा उन्होंने करूणा, सत्य, अहिंसा का संदेश दिया था, जो आज भी प्रासंगिक है। नशा सेवन नहीं करें, यह हमे गलत रास्ते पर ले जाता है। बहुजन हिताय-बहुजन सुखाय ही उनका संदेश था, जाति-धर्म से परे उन्होंने सभी के हित की बात की। कोई खुद से महान नहीं होता, उसके लिए व्यवहार में बदलाव लाएं।
श्रद्धालुओं की उपस्थिति |
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ज़िला पदाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम ने कहा कि महामहिम राज्यपाल फागू चौहान, सांसद, गया विजय कुमार, भिक्षु महासंघ, लामा, भिक्खुनियों, आयुक्त मगध प्रमंडल, पुलिस महानिरीक्षक, मगध क्षेत्र, एसएसपी, जिला प्रशासन के अधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, सदस्य बीटीएमसी, बीटीएमसी भिक्षु और कर्मचारी तथा देश- विदेश से आए हुए श्रद्धालुओं का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा बुद्ध के जन्म, ज्ञान और महापरिनिर्वाण के उपलक्ष्य के इस पावन दिवस पर मानवता की सेवा और लाभ के लिए बौद्ध धर्म के अंतिम उद्देश्य के लिए बुद्ध की शिक्षा आज की दुनिया में भी ताज़ा और प्रासंगिक बनी हुई है। प्रेम और दयालुता, सहिष्णुता, अहिंसा का आचरण और विशेष रूप से बौद्ध सिद्धांत कि सभी चीजें सापेक्ष हैं की उनकी शिक्षाएं आंतरिक शांति का स्रोत हैं।
उन्होंने बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति और जिला प्रशासन, गया की ओर से महाबोधि महाविहार के इस पवित्र परिसर में बुद्ध को श्रद्धांजलि अर्पित करने के इस शुभ अवसर पर कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सभी का स्वागत करते हुए कहा की यह अवसर हमें हृदय, वचन और कर्म के साथ गौतम बुद्ध की शिक्षाओं का पालन करने के लिए अतिरिक्त प्रेरणा के साथ साथ अहिंसा, प्रेम और करुणा का संदेश के साथ हमें दूसरों के कल्याण के लिए काम करने की शक्ति प्रदान करता है।
इसके उपरांत इंडियन बुद्धिस्ट काउंसिल बोधगया के जनरल सेक्रेटरी भिक्खु प्रज्ञा दीप, रॉयल थाई काउंसल जनरल कलकत्ता की मिस अचरापन यवप्रपास (Miss Acharapan Yavaprapas) द्वारा संबोधन किया गया।
संबोधन के उपरांत सचिव, बीटीएमसी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि महासंघ के सबसे सम्मानित सदस्य, महामहिम राज्यपाल, बिहार, पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, सांसद, गया, विधायक, बोधगया, रॉयल थाई महावाणिज्य दूत, गणमान्य अधिकारी, गणमान्य व्यक्ति, अतिथि एवं भक्तों का हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह एक बहुत ही शुभ क्षण है कि हम यहां 2566वीं बुद्ध जयंती मनाने के लिए इकट्ठे हुए हैं। वह स्थान जहाँ बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। बिहार के महामहिम राज्यपाल, मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने बीटीएमसी की ओर से इस अवसर पर अपना समय देने के लिए महामहिम राज्यपाल को धन्यवाद दिया।
इसके उपरांत जिला पदाधिकारी द्वारा महात्मा बुद्ध की प्रतिमा को प्रतीक चिन्ह के रूप में महामहिम राज्यपाल को समर्पित किया गया। महाबोधी मंदिर में कार्यक्रम की समाप्ति के बाद महामहिम राज्यपाल द्वारा महाबोधी सोसायटी (श्रीलंका मोनेस्ट्री) में जाकर पूजा अर्चना किया।
– AnjNewsMedia Presentation